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नीति आयोग की अति पिछड़े 112 जिलाें की रैंकिंग में नूंह को मिला 22वां स्थान, कृषि एवं राष्ट्रीय पोषण मिशन में हुआ सुधार

नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की सूची में नूंह जिले की डेल्टा रैंकिंग (niti aayog delta ranking) में काफी सुधार हुआ है. ये सुधार कृषि एवं राष्ट्रीय पोषण मिशन में हुआ है. जिसमें जिले को 22 वीं रैंकिंग मिली है.

Nuh Delta Ranking Improves
नूंह की डेल्टा रैंकिंग में हुआ सुधार
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Published : Sep 14, 2022, 11:49 AM IST

नूंहः हरियाणा का नूंह जिला प्रदेश का एकमात्र आकांक्षी जिला है. देश के पिछड़े जिलों की सूची में शामिल हरियाणा के नूंह जिले की दशा व दिशा बदलने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रही हैं. उसका असर धरातल पर दिखने भी लगा है. शुरुआत में नूंह जिला नीति आयोग की सूची में शामिल 114 जिलों में अंतिम पायदान पर था. लेकिन अब इसकी डेल्टा रैंकिंग में जबरदस्त सुधार (Nuh Delta Ranking Improves) हुआ है.

अब कृषि के क्षेत्र में नूंह जिला देश के 114 जिलों में 22वें पायदान पर (Nuh Delta Ranking 22) पहुंच गया है. जिला उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि कृषि एवं वाटर रिसोर्सेज के मामले में नूंह की डेल्टा रैंकिंग में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि कृषि बागवानी तथा वाटर रिसोर्सिज के क्षेत्र में सभी विभाग मिलजुल कर बेहतर प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण मिशन में भी नूंह की रैंकिंग में सुधार (National Nutrition Mission in nuh) हुआ है.

राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत गर्भवती महिलाओं व बच्चों को कच्चा-पक्का दोनों तरह का राशन दिया जा रहा है. जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि बच्चों में कम वजन होना, कद न बढ़ने की समस्या पर भी काम किया जा रहा है. बच्चों को पोषित आहार दिया जाता है. जिले के लगभग 1100 से अधिक आंगनवाड़ी सेंटरों पर इन दिनों पोषण महा मनाया (Nutrition month in haryana 2022) जा रहा है. जो 1 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा. आंगनवाड़ी वर्कर व हैल्पर घर-घर जाकर ऐसे बच्चों की पहचान कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नूंह में कुपोषण की बीमारी (Malnutrition disease in Nuh) को खत्म करने का प्रयास किया रहा है. कृषि अधिकारी डॉ अजय तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बड़े बदलाव जिले में हुए हैं. टपका सिंचाई प्रणाली तथा फव्वारा सिस्टम से किसानों को न केवल धन व समय की बचत हो रही है बल्कि अच्छे नतीजे भी सामने आ रहे हैं. कम पानी में अब अधिक खेतों की सिंचाई की जा रही है. इसके अलावा बागवानी विभाग किसानों को नई तकनीक से सब्जी की खेती करना सीखा रहा है.

नई तकनीक से किसानों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हुई है. किसानों की आमदनी को कई गुणा बढ़ाने के लिए एफपीओ यानि किसानों के समूह बनाए जा रहे हैं. जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने कहा कि नई तकनीक से किसान खुशहाल हो रहे हैं. तेजी से जिले में सब्जी की खेती का क्षेत्रफल बढ़ रहा है।

इसे भी पढें- नीति आयोग ने निजी संस्था CMIE के बेरोजगारी के आंकड़ों को ठहराया आधारहीन- मुख्यमंत्री

नूंहः हरियाणा का नूंह जिला प्रदेश का एकमात्र आकांक्षी जिला है. देश के पिछड़े जिलों की सूची में शामिल हरियाणा के नूंह जिले की दशा व दिशा बदलने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रही हैं. उसका असर धरातल पर दिखने भी लगा है. शुरुआत में नूंह जिला नीति आयोग की सूची में शामिल 114 जिलों में अंतिम पायदान पर था. लेकिन अब इसकी डेल्टा रैंकिंग में जबरदस्त सुधार (Nuh Delta Ranking Improves) हुआ है.

अब कृषि के क्षेत्र में नूंह जिला देश के 114 जिलों में 22वें पायदान पर (Nuh Delta Ranking 22) पहुंच गया है. जिला उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि कृषि एवं वाटर रिसोर्सेज के मामले में नूंह की डेल्टा रैंकिंग में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि कृषि बागवानी तथा वाटर रिसोर्सिज के क्षेत्र में सभी विभाग मिलजुल कर बेहतर प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण मिशन में भी नूंह की रैंकिंग में सुधार (National Nutrition Mission in nuh) हुआ है.

राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत गर्भवती महिलाओं व बच्चों को कच्चा-पक्का दोनों तरह का राशन दिया जा रहा है. जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि बच्चों में कम वजन होना, कद न बढ़ने की समस्या पर भी काम किया जा रहा है. बच्चों को पोषित आहार दिया जाता है. जिले के लगभग 1100 से अधिक आंगनवाड़ी सेंटरों पर इन दिनों पोषण महा मनाया (Nutrition month in haryana 2022) जा रहा है. जो 1 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा. आंगनवाड़ी वर्कर व हैल्पर घर-घर जाकर ऐसे बच्चों की पहचान कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नूंह में कुपोषण की बीमारी (Malnutrition disease in Nuh) को खत्म करने का प्रयास किया रहा है. कृषि अधिकारी डॉ अजय तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बड़े बदलाव जिले में हुए हैं. टपका सिंचाई प्रणाली तथा फव्वारा सिस्टम से किसानों को न केवल धन व समय की बचत हो रही है बल्कि अच्छे नतीजे भी सामने आ रहे हैं. कम पानी में अब अधिक खेतों की सिंचाई की जा रही है. इसके अलावा बागवानी विभाग किसानों को नई तकनीक से सब्जी की खेती करना सीखा रहा है.

नई तकनीक से किसानों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हुई है. किसानों की आमदनी को कई गुणा बढ़ाने के लिए एफपीओ यानि किसानों के समूह बनाए जा रहे हैं. जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने कहा कि नई तकनीक से किसान खुशहाल हो रहे हैं. तेजी से जिले में सब्जी की खेती का क्षेत्रफल बढ़ रहा है।

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