नूंह: जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां कलयुगी मां-बाप ने नवजात (Newborn found in Nuh) को झाड़ियों में मरने के लिए छोड़ दिया. मरोड़ा-बलई गांव के बीच के जंगल में पशु चराने गई महिला को नवजात के रोने की आवाज आई. शहाबुद्दीन और उनकी धर्मपत्नी अरशिदा ने जब वहां जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए. झाड़ियों में नग्न नवजात घायल अवस्था में मिला. जिसके बाद पशु चराने वाले दंपति ने नवजात को गोद में उठाया और अपने घर ले आए.
दंपति ने अपने बच्चों की तरह नवजात को अपनाया और उसके घावों पर मरहम लगाने के साथ-साथ उसका इलाज शुरू किया. अरशिदा ने इस बच्चे का नाम अल्लाहबख्श रखने का फैसला किया. दंपति ने नवजात को अपने बेटे के रूप में लालन-पालन करने का फैसला किया. दंपति ने कहा कि अगर जिला प्रशासन उन्हें इस बच्चे को रखने की इजाजत देगा. तभी वो इसका लालन पालन करेंगे. अगर प्रशासन ने बच्चे को रखने की इजाजत नहीं दी, तो वो बच्चे उनके हवाले कर देंगे.
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मरोड़ा गांव के लोगों ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर इस बारे में सूचना दी तो चेतनालय एनजीओ के पदाधिकारी मरोड़ा गांव पहुंचे और शहाबुद्दीन तथा अरशिदा से बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया और इलाज के लिए सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा भिजवा दिया. चेतनालय एनजीओ के पदाधिकारी नरेश कुमार ने कहा कि बच्चे का इलाज कराया जा रहा है. बच्चे की हालत ज्यादा अच्छी नहीं है. बच्चे को नलहड़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि रूल के मुताबिक मरोड़ा गांव के दंपति को बच्चा नहीं लौटाया जाएगा.