ETV Bharat / state

नूंह में पहली बार इतना कामयाब हुआ टीकाकरण अभियान, जानिए क्या रही वजह

नूंह में सरकार की तरफ से मिशन इंद्रधनुष चलाया गया. जो तेजी से सफलता की ओर बढ़ रहा है. जिले में ये अभियान 98 प्रतिशत से भी अधिक सफल रहा है.

mission rainbow succeeds in nuh
नूंह में मिशन इंद्रधनुष ने लिखी कामयाबी की इबारत
author img

By

Published : Dec 14, 2019, 5:03 PM IST

नूंह: जिले में मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान तेजी से सफलता की ओर बढ़ रहा है. जिले में ये अभियान 98 प्रतिशत से भी अधिक सफल रहा है. इस जगह उलेमाओं और मौलवियों के सहयोग से असंभव दिखने वाला काम संभव हो पाया है. जिले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि टीकाकरण ने सफलता के झंडे गाड़े हों.

5031 महिलाओं को लगा टीका
आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने 2 से 12 दिसंबर तक चले मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान में करीब 5241 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से विभाग की टीमों ने करीब 5031 महिलाओं को टीकाकरण किया. महज 210 महिलाओं को ही टीके नहीं लग पाए.

नूंह में पहली बार इतना कामयाब हुआ टीकाकरण अभियान, जानिए क्या रही वजह

मिशन इंद्रधनुष ने लिखी कामयाबी की इबारत
महिलाओं के मायके इत्यादि में होने की वजह से ये लक्ष्य पूरा सौ फीसदी कामयाब नहीं हुआ, लेकिन पिछले अनुभवों को छोड़कर इस बार किसी अभियान ने कामयाबी की इबारत लिख दी. इसके अलावा 0 - 2 साल के 23,679 बच्चों के लिए भी टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से करीब 23,621 बच्चों को टीके लगाए जा सके.

जनवरी से फिर शुरू होगा मिशन इंद्रधनुष
जनवरी, फरवरी, मार्च में भी महीने के पहले सोमवार को ये अभियान शुरू होगा. विभाग का लक्ष्य है कि जो पात्र गर्भवती महिलाएं और 0 - 2 साल के जो बच्चे हैं उनमें से बिना टीका लगवाए कोई रह नहीं पाए. जनवरी में 6 - 16 तारीख तक, फरवरी में 3 - 13 फरवरी तक, मार्च में 2 - 14 मार्च तक मिशन इंद्रधनुष का अगला चरण होगा. जिले में कोई भी बच्चा या गर्भवती 11 बीमारियों की वजह से मौत का शिकार न हो इस लक्ष्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कैप्टन अभिमन्यु के घर आगजनी मामले में हुई सुनवाई, 10 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

नूंह: जिले में मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान तेजी से सफलता की ओर बढ़ रहा है. जिले में ये अभियान 98 प्रतिशत से भी अधिक सफल रहा है. इस जगह उलेमाओं और मौलवियों के सहयोग से असंभव दिखने वाला काम संभव हो पाया है. जिले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि टीकाकरण ने सफलता के झंडे गाड़े हों.

5031 महिलाओं को लगा टीका
आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने 2 से 12 दिसंबर तक चले मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान में करीब 5241 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से विभाग की टीमों ने करीब 5031 महिलाओं को टीकाकरण किया. महज 210 महिलाओं को ही टीके नहीं लग पाए.

नूंह में पहली बार इतना कामयाब हुआ टीकाकरण अभियान, जानिए क्या रही वजह

मिशन इंद्रधनुष ने लिखी कामयाबी की इबारत
महिलाओं के मायके इत्यादि में होने की वजह से ये लक्ष्य पूरा सौ फीसदी कामयाब नहीं हुआ, लेकिन पिछले अनुभवों को छोड़कर इस बार किसी अभियान ने कामयाबी की इबारत लिख दी. इसके अलावा 0 - 2 साल के 23,679 बच्चों के लिए भी टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से करीब 23,621 बच्चों को टीके लगाए जा सके.

जनवरी से फिर शुरू होगा मिशन इंद्रधनुष
जनवरी, फरवरी, मार्च में भी महीने के पहले सोमवार को ये अभियान शुरू होगा. विभाग का लक्ष्य है कि जो पात्र गर्भवती महिलाएं और 0 - 2 साल के जो बच्चे हैं उनमें से बिना टीका लगवाए कोई रह नहीं पाए. जनवरी में 6 - 16 तारीख तक, फरवरी में 3 - 13 फरवरी तक, मार्च में 2 - 14 मार्च तक मिशन इंद्रधनुष का अगला चरण होगा. जिले में कोई भी बच्चा या गर्भवती 11 बीमारियों की वजह से मौत का शिकार न हो इस लक्ष्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कैप्टन अभिमन्यु के घर आगजनी मामले में हुई सुनवाई, 10 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मिशन इंद्रधनुष की सफलता ने तोडा मिथक
नूह जिले में मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान की सफलता ने दशकों पुराने टीकाकरण असफलता का मिथक तोड़ दिया है। नूह जिले में अभियान 98 प्रतिशत से अभी अधिक सफल रहा है। उलेमाओं - मौलवियों के सहयोग से असंभव दिखने वाला काम संभव हो पाया है। जिले के इतिहास में यह पहला अवसर है , जब टीकाकरण ने सफलता के झंडे गाड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग जिन लोगों के सहयोग नहीं करने की बात गुजरे सालों में करता रहा , अब उन्हीं लोगों ने उनकी धारणा को बदल दिया है।
स्वास्थ्य विभाग ने गत 2 - 12 दिसंबर तक चले मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान में करीब 5241 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा था , जिसमें से विभाग की टीमों ने करीब 5031 महिलाओं को टीकाकरण किया। महज 210 महिलाओं को ही टीके नहीं लग पाए। महिलाओं के मायके इत्यादि में होने की वजह से लक्ष्य पूरा सौ फीसदी कामयाब नहीं हुआ , लेकिन पिछले अनुभवों को छोड़कर इस बार कामयाबी की इबारत लिख दी गई। इसके अलावा 0 - 2 वर्ष के 23679 बच्चों को टीकाकरण का लक्ष्य रखा था , जिसमें से करीब 23621 बच्चों को टीके लगाए जा सके।
जनवरी , फरवरी , मार्च में भी महीने के पहले सोमवार को अभियान शुरू होगा। विभाग का लक्ष्य है कि जो पात्र गर्भवती महिलाएं और 0 - 2 वर्ष के जो बच्चे हैं , उनमें से बिना टीका लगवाए कोई रह नहीं पाए। जनवरी में 6 - 16 तारीख तक , फरवरी में 3 - 13 फरवरी तक , मार्च में 2 - 14 मार्च तक मिशन इंद्रधनुष का अगला चरण होगा। जिले में कोई भी बच्चा या गर्भवती 11 बीमारियों की वजह से मौत का शिकार न हो , इस लक्ष्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग बढ़ रहा है। जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे के मुताबिक गलघोटू के केसों में टीकाकरण अभियान के बाद कमी आई है। पोलियो का लगभग सफाया हो चुका है , लेकिन टीकाकरण फिर भी जरुरी है।
जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे के मुताबिक सिविल सर्जन डॉक्टर राजीव बातिश से लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम चेतनालय संस्था के मोबलाइजर मित्रा के अलावा सरपंच , ग्राम सचिव , चौकीदार , स्वयं सहायता समूह की महिलाओं , शिक्षा विभाग के बच्चों की मदद से जागरूकता रैलियां निकालकर मिशन इंद्रधनुष की कामयाबी के लिए कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टर दुबे ने पत्रकारों को बताया कि स्वास्थ्य विभाग की मदद से जिले भर में 4 पीएचसी के अंतर्गत 20 मोबलाइजर मित्रा लगाए हुए हैं , जो 40 गांव में ऐसे लोगों के पास जा रहे हैं , जो टीकाकरण अभियान में झिझक की वजह से सहयोग नहीं कर रहे हैं। अगर उसके बावजूद भी कोई कमी रहती है तो अभी कई माह अभियान और चलेगा। मोबलाइजर मित्रा की संख्या भी भविष्य बढ़ाई जाएगी। लोगों के सहयोग से पहले से अच्छे नतीजे आ रहे हैं। नूह जिले के सभी 5 खंडों तथा पलवल जिले के हथीन खंड में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाया जा रहा है। अनपढ़ता - अज्ञानता के अलावा तरह - तरह की अफवाहों के कारण टीकाकरण का आंकड़ा नूह जिले में ठीक नहीं रहा था। जिसकी वजह से अतिरिक्त ध्यान इस जिले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिया जा रहा है। टीकाकरण से गलघोटू , काला पीलिया , पोलियो , दस्त , टेटनेस , काली खांसी इत्यादि गंभीर बिमारियों से बचा जा सकता है।
बाइट;- डॉक्टर बसंत दुबे जिला नॉडल अधिकारी नूह स्वास्थ्य विभाग
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मिशन इंद्रधनुष की सफलता ने तोडा मिथक
नूह जिले में मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान की सफलता ने दशकों पुराने टीकाकरण असफलता का मिथक तोड़ दिया है। नूह जिले में अभियान 98 प्रतिशत से अभी अधिक सफल रहा है। उलेमाओं - मौलवियों के सहयोग से असंभव दिखने वाला काम संभव हो पाया है। जिले के इतिहास में यह पहला अवसर है , जब टीकाकरण ने सफलता के झंडे गाड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग जिन लोगों के सहयोग नहीं करने की बात गुजरे सालों में करता रहा , अब उन्हीं लोगों ने उनकी धारणा को बदल दिया है।
स्वास्थ्य विभाग ने गत 2 - 12 दिसंबर तक चले मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान में करीब 5241 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा था , जिसमें से विभाग की टीमों ने करीब 5031 महिलाओं को टीकाकरण किया। महज 210 महिलाओं को ही टीके नहीं लग पाए। महिलाओं के मायके इत्यादि में होने की वजह से लक्ष्य पूरा सौ फीसदी कामयाब नहीं हुआ , लेकिन पिछले अनुभवों को छोड़कर इस बार कामयाबी की इबारत लिख दी गई। इसके अलावा 0 - 2 वर्ष के 23679 बच्चों को टीकाकरण का लक्ष्य रखा था , जिसमें से करीब 23621 बच्चों को टीके लगाए जा सके।
जनवरी , फरवरी , मार्च में भी महीने के पहले सोमवार को अभियान शुरू होगा। विभाग का लक्ष्य है कि जो पात्र गर्भवती महिलाएं और 0 - 2 वर्ष के जो बच्चे हैं , उनमें से बिना टीका लगवाए कोई रह नहीं पाए। जनवरी में 6 - 16 तारीख तक , फरवरी में 3 - 13 फरवरी तक , मार्च में 2 - 14 मार्च तक मिशन इंद्रधनुष का अगला चरण होगा। जिले में कोई भी बच्चा या गर्भवती 11 बीमारियों की वजह से मौत का शिकार न हो , इस लक्ष्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग बढ़ रहा है। जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे के मुताबिक गलघोटू के केसों में टीकाकरण अभियान के बाद कमी आई है। पोलियो का लगभग सफाया हो चुका है , लेकिन टीकाकरण फिर भी जरुरी है।
जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे के मुताबिक सिविल सर्जन डॉक्टर राजीव बातिश से लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम चेतनालय संस्था के मोबलाइजर मित्रा के अलावा सरपंच , ग्राम सचिव , चौकीदार , स्वयं सहायता समूह की महिलाओं , शिक्षा विभाग के बच्चों की मदद से जागरूकता रैलियां निकालकर मिशन इंद्रधनुष की कामयाबी के लिए कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टर दुबे ने पत्रकारों को बताया कि स्वास्थ्य विभाग की मदद से जिले भर में 4 पीएचसी के अंतर्गत 20 मोबलाइजर मित्रा लगाए हुए हैं , जो 40 गांव में ऐसे लोगों के पास जा रहे हैं , जो टीकाकरण अभियान में झिझक की वजह से सहयोग नहीं कर रहे हैं। अगर उसके बावजूद भी कोई कमी रहती है तो अभी कई माह अभियान और चलेगा। मोबलाइजर मित्रा की संख्या भी भविष्य बढ़ाई जाएगी। लोगों के सहयोग से पहले से अच्छे नतीजे आ रहे हैं। नूह जिले के सभी 5 खंडों तथा पलवल जिले के हथीन खंड में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाया जा रहा है। अनपढ़ता - अज्ञानता के अलावा तरह - तरह की अफवाहों के कारण टीकाकरण का आंकड़ा नूह जिले में ठीक नहीं रहा था। जिसकी वजह से अतिरिक्त ध्यान इस जिले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिया जा रहा है। टीकाकरण से गलघोटू , काला पीलिया , पोलियो , दस्त , टेटनेस , काली खांसी इत्यादि गंभीर बिमारियों से बचा जा सकता है।
बाइट;- डॉक्टर बसंत दुबे जिला नॉडल अधिकारी नूह स्वास्थ्य विभाग
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मिशन इंद्रधनुष की सफलता ने तोडा मिथक
नूह जिले में मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान की सफलता ने दशकों पुराने टीकाकरण असफलता का मिथक तोड़ दिया है। नूह जिले में अभियान 98 प्रतिशत से अभी अधिक सफल रहा है। उलेमाओं - मौलवियों के सहयोग से असंभव दिखने वाला काम संभव हो पाया है। जिले के इतिहास में यह पहला अवसर है , जब टीकाकरण ने सफलता के झंडे गाड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग जिन लोगों के सहयोग नहीं करने की बात गुजरे सालों में करता रहा , अब उन्हीं लोगों ने उनकी धारणा को बदल दिया है।
स्वास्थ्य विभाग ने गत 2 - 12 दिसंबर तक चले मिशन इंद्रधनुष सघन अभियान में करीब 5241 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा था , जिसमें से विभाग की टीमों ने करीब 5031 महिलाओं को टीकाकरण किया। महज 210 महिलाओं को ही टीके नहीं लग पाए। महिलाओं के मायके इत्यादि में होने की वजह से लक्ष्य पूरा सौ फीसदी कामयाब नहीं हुआ , लेकिन पिछले अनुभवों को छोड़कर इस बार कामयाबी की इबारत लिख दी गई। इसके अलावा 0 - 2 वर्ष के 23679 बच्चों को टीकाकरण का लक्ष्य रखा था , जिसमें से करीब 23621 बच्चों को टीके लगाए जा सके।
जनवरी , फरवरी , मार्च में भी महीने के पहले सोमवार को अभियान शुरू होगा। विभाग का लक्ष्य है कि जो पात्र गर्भवती महिलाएं और 0 - 2 वर्ष के जो बच्चे हैं , उनमें से बिना टीका लगवाए कोई रह नहीं पाए। जनवरी में 6 - 16 तारीख तक , फरवरी में 3 - 13 फरवरी तक , मार्च में 2 - 14 मार्च तक मिशन इंद्रधनुष का अगला चरण होगा। जिले में कोई भी बच्चा या गर्भवती 11 बीमारियों की वजह से मौत का शिकार न हो , इस लक्ष्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग बढ़ रहा है। जिला नॉडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे के मुताबिक गलघोटू के केसों में टीकाकरण अभियान के बाद कमी आई है। पोलियो का लगभग सफाया हो चुका है , लेकिन टीकाकरण फिर भी जरुरी है।
जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर बसंत दुबे के मुताबिक सिविल सर्जन डॉक्टर राजीव बातिश से लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम चेतनालय संस्था के मोबलाइजर मित्रा के अलावा सरपंच , ग्राम सचिव , चौकीदार , स्वयं सहायता समूह की महिलाओं , शिक्षा विभाग के बच्चों की मदद से जागरूकता रैलियां निकालकर मिशन इंद्रधनुष की कामयाबी के लिए कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टर दुबे ने पत्रकारों को बताया कि स्वास्थ्य विभाग की मदद से जिले भर में 4 पीएचसी के अंतर्गत 20 मोबलाइजर मित्रा लगाए हुए हैं , जो 40 गांव में ऐसे लोगों के पास जा रहे हैं , जो टीकाकरण अभियान में झिझक की वजह से सहयोग नहीं कर रहे हैं। अगर उसके बावजूद भी कोई कमी रहती है तो अभी कई माह अभियान और चलेगा। मोबलाइजर मित्रा की संख्या भी भविष्य बढ़ाई जाएगी। लोगों के सहयोग से पहले से अच्छे नतीजे आ रहे हैं। नूह जिले के सभी 5 खंडों तथा पलवल जिले के हथीन खंड में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाया जा रहा है। अनपढ़ता - अज्ञानता के अलावा तरह - तरह की अफवाहों के कारण टीकाकरण का आंकड़ा नूह जिले में ठीक नहीं रहा था। जिसकी वजह से अतिरिक्त ध्यान इस जिले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिया जा रहा है। टीकाकरण से गलघोटू , काला पीलिया , पोलियो , दस्त , टेटनेस , काली खांसी इत्यादि गंभीर बिमारियों से बचा जा सकता है।
बाइट;- डॉक्टर बसंत दुबे जिला नॉडल अधिकारी नूह स्वास्थ्य विभाग
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.