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नूंह में मनाया गया राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस - राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस

नूंह के बड़कली चौक पर राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस मनाया गया. कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के अलावा नूंह के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया.

राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस
राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस
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Published : Mar 16, 2020, 8:19 AM IST

नूंह: एनआरसी, एनपीआर और सीएए को लेकर नूंह जिले के राजधानी कहलाने वाले बड़कली चौक पर पिछले 46 दिन से लगातार अनिश्चितकालीन धरना जारी है. 15 मार्च के दिन इसी धरना स्थल पर बड़ी संख्या में मेवातीयों ने एकत्रित होकर राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस मनाया.

आपको बता दें कि राजा हसन खान मेवाती शायद दुनिया के ऐसे पहले शहीद योद्धा थे, जिन्होंने एक ही दिन में अपने 12 हजार घुड़सवारों के साथ शहादत दी थी. जानकारी के मुताबिक 15 मार्च 1527 को खानवां के मैदान में राणा सांघा का युद्ध के दौरान साथ दिया था.

राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस

बाबर ने बाहर से आकर मुल्क पर कब्जा किया था. जिसको खदेड़ने के लिए राणा सांघा ने युद्ध लड़ा और हसन खान मेवाती ने उसका सहयोग किया. राजा हसन खान मेवाती के शहादत दिवस को बड़काली चौक पर मनाने सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे.

यहां पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या देखने को मिली. प्रदर्शनकारियों ने आजादी के जमकर नारे लगाए और मौजूदा सरकार के इस फैसले का डटकर विरोध किया. मौजूद भीड़ ने एक स्वर में कहा कि इस काले कानून का लगातार विरोध किया जाएगा.

ये भी पढ़िए: पलवलः आयुष विभाग की ओर से जिले में पोषण पखवाड़ा का आयोजन

धरने में कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के अलावा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अर्शी खान, पीस मिशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार दया सिंह सहित मेवात विकास सभा और आरटीआई मंच सहित कई सामाजिक संगठनों से जुड़े समाजसेवियों ने हिस्सा लिया.

नूंह: एनआरसी, एनपीआर और सीएए को लेकर नूंह जिले के राजधानी कहलाने वाले बड़कली चौक पर पिछले 46 दिन से लगातार अनिश्चितकालीन धरना जारी है. 15 मार्च के दिन इसी धरना स्थल पर बड़ी संख्या में मेवातीयों ने एकत्रित होकर राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस मनाया.

आपको बता दें कि राजा हसन खान मेवाती शायद दुनिया के ऐसे पहले शहीद योद्धा थे, जिन्होंने एक ही दिन में अपने 12 हजार घुड़सवारों के साथ शहादत दी थी. जानकारी के मुताबिक 15 मार्च 1527 को खानवां के मैदान में राणा सांघा का युद्ध के दौरान साथ दिया था.

राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस

बाबर ने बाहर से आकर मुल्क पर कब्जा किया था. जिसको खदेड़ने के लिए राणा सांघा ने युद्ध लड़ा और हसन खान मेवाती ने उसका सहयोग किया. राजा हसन खान मेवाती के शहादत दिवस को बड़काली चौक पर मनाने सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे.

यहां पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या देखने को मिली. प्रदर्शनकारियों ने आजादी के जमकर नारे लगाए और मौजूदा सरकार के इस फैसले का डटकर विरोध किया. मौजूद भीड़ ने एक स्वर में कहा कि इस काले कानून का लगातार विरोध किया जाएगा.

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धरने में कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के अलावा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अर्शी खान, पीस मिशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार दया सिंह सहित मेवात विकास सभा और आरटीआई मंच सहित कई सामाजिक संगठनों से जुड़े समाजसेवियों ने हिस्सा लिया.

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