नूंह: जिले के तावडू उपमंडल के पढेनी गांव में केएमपी पर शनिवार को तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से एक नर तेंदुआ घायल (Male Leopard Injured In Nuh) हो गया, टक्कर के कारण घायल तेंदुआ एक गड्ढे में जा गिरा. इस घटना कि सूचना ग्रामीणों द्वारा पुलिस को दी गई. गांव में तेंदुआ मिलने पर पुलिस और वन विभाग टीम मौके पर पहुंची. वन विभाग के कर्मचारियों ने घायल तेंदुए को उपचार के लिए रोहतक चिड़ियाघर में भेज दिया है.
पढेनी गांव निवासी ग्रामीण ओम प्रकाश ने बताया कि शनिवार सुबह 5 बजे के करीब जब वह वह और कुछ अन्य ग्रामीण सुबह टहलते हुए केएमपी फ्लाईओवर के पास पहुंचे तो उन्हें गड्ढे में घायल तेंदुआ लेटा हुआ नजर आया. उन्होंने शोर मचाया तो अन्य ग्रामीण भी मौके पर एकत्रित हो गए. इस घटना कि सूचना पढेनी गांव की पुलिस को दी. पुलिस और वन विभाग की टीम कर्मचारी के साथ मौके पर पहुंची. वन्य जीव निरीक्षक राजेश चहल ने बताया कि विभाग के कंट्रोल रूम में सूचना मिली थी कि तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से एक नर तेंदुआ घायल हो गया.
वाहन की चपेट में आने से तेंदुए को शरीर के पिछले हिस्से में चोट लगी थी. जिसके कारण वह चहलकदमी नहीं कर पा रहा था और गंभीर रूप से घायल था. नर तेंदुए की उम्र तीन वर्ष बताई जा रही है. वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर तेंदुए को जाल में फंसाकर पिंजरे में ले लिया. उन्होंने बताया कि घायल तेंदुए को सुल्तानपुर लाया गया जहां से उसे रोहतक चिड़ियाघर में उपचार के लिए भेज दिया गया है. जहां पर वन विभाग के डॉक्टरों द्वारा उसका उपचार किया जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि जल्दी तेंदुआ स्वस्थ हो जाएगा, उसके बाद सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
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वहीं विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एमएस मलिक ने बताया कि वर्ष 2021 की शुरुआत में महेंद्रगढ़ जंगल में एक तेंदुआ मृत अवस्था में मिला था, उसके बाद गत वर्ष अक्टूबर में गुड़गांव-फरीदाबाद रोड पर वाहन की चपेट में आने से दूसरा तेंदुआ मिला था. उसकी भी बाद में मौत हो गई थी. वहीं फिर से इस इलाके में वाहन की टक्कर में लगने का तीसरा मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्हें उम्मीद है कि नर तेंदुए का सही तरीके से उपचार कर इसे बचा लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि अरावली क्षेत्र में तेंदुए की संख्या का पता लगाने के लिए जल्द ही विभाग द्वारा जनगणना की जाएगी इसकी रूपरेखा भी वन विभाग द्वारा की तैयार की जा रही है. वहीं वन्यजीवों को बचाने के लिए भी सरकार और विभाग द्वारा उचित प्रयास किए जा रहे हैं. वन्यजीव विशेषज्ञ अनिल गंडास ने बताया कि सर्दियों में अक्सर भोजन और पानी की तलाश में तेंदुआ पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर आबादी क्षेत्र में आ जाता है. जहां तेंदुए कुत्ते, गाय, बकरी और भैंस इनका आसानी से शिकार करते हैं.
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