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पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर लेकिन बेटा बन गया क्रिकेटर, जानिए टीम इंडिया में चुने गये शहबाज की कहानी

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Published : Aug 18, 2022, 1:41 PM IST

Updated : Aug 18, 2022, 3:05 PM IST

जिम्बाब्वे दौरे के लिए भारतीय टीम में एक ऐसा धाकड़ ऑलराउंडर जुड़ा है जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है. इस क्रिकेटर का नाम है शहबाज अहमद. हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले शहबाज के इंडियन टीम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा. पिता तो चाहते थे कि वो इंजीनियर बनें. लेकिन शाहबाज की चाहत क्रिकेट खेलने की थी. पढ़ें पूरी खबर

Shahbaz Ahmed Cricket Journey
पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर, लेकिन बेटे को था क्रिकेट से प्यार, ऐसी है कहानी

नूंह: हरियाणा के शिकरावा गांव की गलियों से क्रिकेट का सफर शुरू करने वाले आरसीबी टीम के हरफनमौला खिलाड़ी रह चुके शहबाज अहमद का चयन भारतीय क्रिकेट टीम में हो चुका है. जैसे ही शहबाज अहमद के सिलेक्शन की खबर नूंह जिले के लोगों को लगी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लोगों ने मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया. शहबाज अहमद ने पिछले कई आईपीएल सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. शहबाज अहमद को जिंबाब्वे दौरे पर वाशिंगटन सुंदर की जगह मौका मिला है. वे बुधवार को ही जिंबाब्वे के लिए रवाना हो चुके (shahbaz ahmed zim tour) हैं.

पिता चाहते थे बेटा बने इंजीनियर- शहबाज अहमद 11 दिसंबर 1994 को शिकरावा गांव में हुआ (Who Is Shahbaz Ahmed) था. उनके पिता अहमद जान नूंह एसडीएम ऑफिस में रीडर के पद तैनात हैं. अहमद दो भाई बहन हैं. उनकी छोटी बहन डॉक्टर फरहीन बीएमएस कर चुकी है. शहबाज के पिता चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर इंजीनियर बने लेकिन शहबाज को शुरुआत से ही क्रिकेट खेलना पसंद था. खैर शहबाज ने किसी तरह अपने पिता की जिद के चलते इंजीनियरिंग कर ली, लेकिन आखिरकार में अपने दिल की सुनी और क्रिकेटर बन गए. शहबाज के साथ उनके दादा मोहम्मद हाजी इशहाक भी क्रिकेट के बहुत बड़े फैन हैं. कई दशक पहले अध्यापक होते हुए भी हाजी इशहाक क्रिकेट मैच की कमेंट्री सुनना नहीं भूलते थे. जबकि शहबाज के चाचा मास्टर फारूक क्रिकेट कोच हैं.

शहबाज के परिवार में खुशी का माहौल है.

चार साल की उम्र से खेलने लगे क्रिकेट- शहबाज के परिवार ( Shahbaz Ahmed Family) वालों ने बताया कि शहबाज जब चार साल का था तब से ही उसने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. शहबाज ने बचपन में अपने नाना नूर मोहम्मद से भी क्रिकेट सीखी है. जब शहबाज अहमद चौथी कक्षा में पढ़ते थे. क्रिकेट के बारे में तब वह माहिर हो चुके थे. पिता और चाचा उनको गेंदबाजी करते थे. उस समय भी शहबाज चाचा - पिता पर भारी पड़ते थे और कई घंटे आउट नहीं होते थे.

मुश्ताक अली ट्रॉफी में किया जोरदार प्रदर्शन- गलियों से अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत करने वाले शहबाज ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं (Shahbaz Ahmed Cricket Carrier) देखा. इसके बाद शहबाज अहमद ने विजय हजारे ट्रॉफी और मुश्ताक अली ट्रॉफी में जोरदार खेल प्रदर्शन किया. उनके इस प्रदर्शन की तारीफ चारों तरफ होने लगी. इसके बाद इस उभरते खिलाड़ी पर पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की नजरें पड़ी. इसके बाद शहबाज अहमद को साल 2017 में बंगाल क्रिकेट टीम अंडर 23 का सदस्य चुना गया.

Shahbaz Ahmed Cricket Journey
दो साल पहले शहबाज को आरसीबी की टीम से खेलने का मौका मिला.

एमएसके प्रसाद ने की थी तारीफ - एक साल बाद यानि साल 2018 में शहबाज को बंगाल की तरफ से रणजी मैच खेलने का मौका (Shahbaz Ahmed Cricket Journey) मिला. अहमद ने इस मैच में जोरदार सेंचुरी जड़ दी. आखिरकार इस सितारे पर भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की नजर पड़ी. ये वो मैच था जब बंगाल की टीम का मुकाबला तमिलनाडु से हो रहा था. मैच खत्म होने के बाद एमएसके प्रसाद ने शहबाज अहमद को अपने पास बुलाया. इस दौरान प्रसाद ने शहबाज से कहा कि बेटे आपके प्रदर्शन ने भारतीय टीम में आपके लिए सारे दरवाजे खोल दिए हैं.

दो साल पहले मिला आईपीएल खेलने का मौका- शहबाज अहमद को साल 2020 में आरसीबी की टीम में आईपीएल के लिए चुने (Shahbaz Ahmed ipl) गए. शहबाज अहमद पहला मैच राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेला. इस मैच के अंतिम ओवरों में बाउंड्री पर खड़े शहबाज अहमद ने अपनी दिशा के विपरीत हवा में छलांग लगाते हुए ऐसा बेहतरीन कैच पकड़ा जिसे सबसे अच्छा मानते हुए उसे एक लाख रुपए का चेक दिया गया.

Shahbaz Ahmed Cricket Journey
शहबाज ने शिकरावा गांव की गलियों से अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत की थी.

घर पर लगा बधाई देने वालों का तांता- शहबाज के माता- पिता का कहना है कि उन्हें पूरा यकीन है कि अब उनका बेटा एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होगा. वे ना सिर्फ नूंह का बल्कि पूरे देश का नाम दुनिया भर में रोशन करेगा. शहबाज को जिम्बाब्वे दौरे के लिए भारतीय टीम में चुने जाने से उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. घर पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

नूंह: हरियाणा के शिकरावा गांव की गलियों से क्रिकेट का सफर शुरू करने वाले आरसीबी टीम के हरफनमौला खिलाड़ी रह चुके शहबाज अहमद का चयन भारतीय क्रिकेट टीम में हो चुका है. जैसे ही शहबाज अहमद के सिलेक्शन की खबर नूंह जिले के लोगों को लगी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लोगों ने मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया. शहबाज अहमद ने पिछले कई आईपीएल सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. शहबाज अहमद को जिंबाब्वे दौरे पर वाशिंगटन सुंदर की जगह मौका मिला है. वे बुधवार को ही जिंबाब्वे के लिए रवाना हो चुके (shahbaz ahmed zim tour) हैं.

पिता चाहते थे बेटा बने इंजीनियर- शहबाज अहमद 11 दिसंबर 1994 को शिकरावा गांव में हुआ (Who Is Shahbaz Ahmed) था. उनके पिता अहमद जान नूंह एसडीएम ऑफिस में रीडर के पद तैनात हैं. अहमद दो भाई बहन हैं. उनकी छोटी बहन डॉक्टर फरहीन बीएमएस कर चुकी है. शहबाज के पिता चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर इंजीनियर बने लेकिन शहबाज को शुरुआत से ही क्रिकेट खेलना पसंद था. खैर शहबाज ने किसी तरह अपने पिता की जिद के चलते इंजीनियरिंग कर ली, लेकिन आखिरकार में अपने दिल की सुनी और क्रिकेटर बन गए. शहबाज के साथ उनके दादा मोहम्मद हाजी इशहाक भी क्रिकेट के बहुत बड़े फैन हैं. कई दशक पहले अध्यापक होते हुए भी हाजी इशहाक क्रिकेट मैच की कमेंट्री सुनना नहीं भूलते थे. जबकि शहबाज के चाचा मास्टर फारूक क्रिकेट कोच हैं.

शहबाज के परिवार में खुशी का माहौल है.

चार साल की उम्र से खेलने लगे क्रिकेट- शहबाज के परिवार ( Shahbaz Ahmed Family) वालों ने बताया कि शहबाज जब चार साल का था तब से ही उसने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. शहबाज ने बचपन में अपने नाना नूर मोहम्मद से भी क्रिकेट सीखी है. जब शहबाज अहमद चौथी कक्षा में पढ़ते थे. क्रिकेट के बारे में तब वह माहिर हो चुके थे. पिता और चाचा उनको गेंदबाजी करते थे. उस समय भी शहबाज चाचा - पिता पर भारी पड़ते थे और कई घंटे आउट नहीं होते थे.

मुश्ताक अली ट्रॉफी में किया जोरदार प्रदर्शन- गलियों से अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत करने वाले शहबाज ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं (Shahbaz Ahmed Cricket Carrier) देखा. इसके बाद शहबाज अहमद ने विजय हजारे ट्रॉफी और मुश्ताक अली ट्रॉफी में जोरदार खेल प्रदर्शन किया. उनके इस प्रदर्शन की तारीफ चारों तरफ होने लगी. इसके बाद इस उभरते खिलाड़ी पर पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की नजरें पड़ी. इसके बाद शहबाज अहमद को साल 2017 में बंगाल क्रिकेट टीम अंडर 23 का सदस्य चुना गया.

Shahbaz Ahmed Cricket Journey
दो साल पहले शहबाज को आरसीबी की टीम से खेलने का मौका मिला.

एमएसके प्रसाद ने की थी तारीफ - एक साल बाद यानि साल 2018 में शहबाज को बंगाल की तरफ से रणजी मैच खेलने का मौका (Shahbaz Ahmed Cricket Journey) मिला. अहमद ने इस मैच में जोरदार सेंचुरी जड़ दी. आखिरकार इस सितारे पर भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की नजर पड़ी. ये वो मैच था जब बंगाल की टीम का मुकाबला तमिलनाडु से हो रहा था. मैच खत्म होने के बाद एमएसके प्रसाद ने शहबाज अहमद को अपने पास बुलाया. इस दौरान प्रसाद ने शहबाज से कहा कि बेटे आपके प्रदर्शन ने भारतीय टीम में आपके लिए सारे दरवाजे खोल दिए हैं.

दो साल पहले मिला आईपीएल खेलने का मौका- शहबाज अहमद को साल 2020 में आरसीबी की टीम में आईपीएल के लिए चुने (Shahbaz Ahmed ipl) गए. शहबाज अहमद पहला मैच राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेला. इस मैच के अंतिम ओवरों में बाउंड्री पर खड़े शहबाज अहमद ने अपनी दिशा के विपरीत हवा में छलांग लगाते हुए ऐसा बेहतरीन कैच पकड़ा जिसे सबसे अच्छा मानते हुए उसे एक लाख रुपए का चेक दिया गया.

Shahbaz Ahmed Cricket Journey
शहबाज ने शिकरावा गांव की गलियों से अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत की थी.

घर पर लगा बधाई देने वालों का तांता- शहबाज के माता- पिता का कहना है कि उन्हें पूरा यकीन है कि अब उनका बेटा एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होगा. वे ना सिर्फ नूंह का बल्कि पूरे देश का नाम दुनिया भर में रोशन करेगा. शहबाज को जिम्बाब्वे दौरे के लिए भारतीय टीम में चुने जाने से उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. घर पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

Last Updated : Aug 18, 2022, 3:05 PM IST
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