नूंह: हरियाणा राज्य का सबसे पिछड़ा हुआ जिला नूंह माना जाता है. हरियाणा सरकार आगामी 20 फरवरी को हरियाणा विधानसभा बजट 2023 पेश करने जा रही है. जिसे लेकर अभी से चर्चाओं का बाजार गर्म है. महंगाई, बेरोजगारी चरम सीमा पर है. इसके अलावा किसान को उसकी खराब फसलों का मुआवजा इस जिले में अभी तक नहीं मिल पाया है. खाद-बीज इत्यादि के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं फसलों के दाम किसानों को उचित नहीं मिल पा रहे हैं.
नूंह में ग्रामीणों का प्रदर्शन देखा जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि नूंह में रोजगार की कमी है. उन्होंने कहा कि युवाओं के हाथ में रोजगार नहीं है. इसके अलावा डीजल-पेट्रोल के भाव आसमान छू रहे हैं. खाने की वस्तुओं के दाम भी कुछ कम नहीं है. मेवात जिले की जनता से जब बजट को लेकर प्रतिक्रिया पूछी गई तो अलग-अलग वर्ग के लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को ऐसा बजट पेश करना चाहिए जो लोकलुभावन हो और सभी वर्गों का उस बजट में ख्याल रखा गया हो. ग्रामीणों का कहना है कि नूंह का मेवात विकास के लिए तरस रहा है.
कुल मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 70 किलोमीटर दूर हरियाणा का सबसे पिछड़ा जिला नूंह बसता है. इस जिले की अधिकतर आबादी ने अभी तक हकीकत में रेल नहीं देखी है. लोगों को उम्मीद है कि इस बजट में उनके लिए कुछ ना कुछ खास जरूर होगा. देश के विकसित जिलों में शामिल गुरुग्राम और फरीदाबाद के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी से नजदीक इस इलाके में अभी भी विकास की दरकार है.
यातायात के बेहतर साधन इस जिले में अभी तक लोगों को नहीं मिल पा रहे हैं. इसके अलावा जिले की अधिकतर सड़कों की हालत बद से बदतर है. राष्ट्रीय राजमार्ग-248-ए को लेकर लोग बार-बार अपनी आवाज उठा रहे हैं. लेकिन हरियाणा सरकार उसे लेकर इतनी संजीदा दिखाई नहीं दे रही है. कुल मिलाकर लोग चाहते हैं कि उनकी जेब पर बजट का बोझ कम पड़े. डीजल-पेट्रोल के अलावा खाने की वस्तुएं सस्ती की जाए.
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इसके अलावा युवाओं को रोजगार पर तरजीह दी जाए. स्वास्थ्य सेवाओं की अगर बात करें तो इस जिले में अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे तक की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है. लोगों का कहना है कि यहां स्टाफ की नियुक्ति करने के साथ-साथ संसाधनों पर भी सरकार फोकस करें. तभी जाकर इस जिले को राज्य के दूसरे जिलों के बराबर लाया जा सकता है. शिक्षा व्यवस्था पर भी खास फोकस रखने की जरूरत है. कुल मिलाकर हरियाणा सरकार के इस बजट पर लोगों की नजरें टिकी हुई हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 नजदीक है, इसलिए यह बजट लोकलुभावन हो सकता है और लोगों का इस बजट में खास ख्याल रखा जा सकता है.