नूंह: जिले में जुए का कारोबार बड़ी तेजी से फैल रहा है. बेरोजगार युवाओं को चंगुल में फंसाने के लिए जुआ माफियाओं ने जिले में दर्जनों बड़े जुए के अड्डे बनाए हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक गांव मालब और गोकलपुर गांव में धड़ल्ले से जुए के अड्डे चल रहे हैं. जुआरियों को ना तो पुलिस का खौफ है ना ही परिवार का ख्याल है.
जुए के दलदल में फंसता नूंह, चल रहे दर्जनों जुए के अड्डे - नूंह में जुए का कारोबार
जिले में जुए का कारोबार बड़ी तेजी से फैल रहा है.
जुआ खेलते लोग
नूंह: जिले में जुए का कारोबार बड़ी तेजी से फैल रहा है. बेरोजगार युवाओं को चंगुल में फंसाने के लिए जुआ माफियाओं ने जिले में दर्जनों बड़े जुए के अड्डे बनाए हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक गांव मालब और गोकलपुर गांव में धड़ल्ले से जुए के अड्डे चल रहे हैं. जुआरियों को ना तो पुलिस का खौफ है ना ही परिवार का ख्याल है.
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From: BHUPINDER KUMAR <bjishtu@gmail.com>
Date: Mon 18 Mar, 2019, 18:38
Subject: Fwd: R_ HR_ juaa _ satt _ juaari _ 18-3-19 _ script & story 3 d
To: BHUPINDER KUMAR JISHTU <bhupinderkumar@etvbharat.com>
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Date: Mon 18 Mar, 2019, 18:38
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From: Kasim Khan <kasim.khan.mewat@gmail.com>
Date: Mon 18 Mar, 2019, 18:23
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To: Haryana Desk <haryanadesk@etvbharat.com>
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Date: Mon 18 Mar, 2019, 18:23
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संवाददाता नूंह मेवात।
स्टोरी ;- जुआ के अड्डों का नजारा , पैसा के दाव पर जुआरी खेल रहे जुआ।
नूंह जिले में जुआ के ठिकानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बेरोजगारों को चंगुल में फंसाने के लिए जुआ माफिया ने जिले में दर्जनों बड़े जुआ अड्डे बनाये हुए हैं। ऐसा ही कुछ गांव मालब और गोकलपुर गांव के अड्डों का नजारा देखा जा सकता है इन अड्डों पर जुआरी पैसा के दाव पर जुआ खेल रहे है। ना तो इन्हे पुलिस का खौफ है ना ही परिवार का ख्याल है। अपराध की दुनिया से वास्ता रखने वाले लोग भी इन जुआ के ठिकानों को चलाते हैं। इन ठिकानों को पुलिस का संरक्षण बताया जाता है , तो अपराध से वास्ता रखने वाले लोगों से आम आदमी कुछ भी कहने या उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। खाकी इसी कमजोरी का भरपूर लाभ उठाती है। पिछले कुछ माह में पुलिस ने छोटे - बड़े कई जुआ के ठिकानों को बेनकाब करने से लेकर गिरफ्तारी और रकम बरामद की है। लेकिन नित नए ठिकाने और मंथली की आड़ में जुआ के ठिकानों पर कोई असर दिखाई नहीं देता।
सूत्रों के मुताबिक घासेड़ा , रेवासन , मालब , गोकलपुर , शाहपुर नंगली , नूंह , नगीना , साकरस , शिकरावा , पिनगवां , पुन्हाना , सिंगार इत्यादि गांवों के अलावा बहुत से गांव जुआरियों का गढ़ बनते जा रहे हैं। खास बात तो यह है कि पलवल तक के जुआरी किंग नूंह जिले में अकसर आते रहते हैं। सफेदपोशों से लेकर कुछ बड़े नाम भी इस गंदे धंधे से जुड़े हुए बताये जाते हैं। जिले में पुलिस का खाका तो डीएसपी से लेकर थाना प्रभारी तक पिछले कुछ माह में बदला है ,लेकिन आइओ स्तर के अधिकारी कई - कई सालों से नूंह में जमे हुए हैं। इन्हीं से सैटिंग कर जुआ , सट्टे का कारोबार फल फूल रहा है। जिले में नवनियुक्त एसपी संगीता कालिया के आने के बाद झूठे मुकदमों के दर्ज करने के चलन में तो कमी की चर्चा होने लगी है ,लेकिन पुलिस की मिलीभगत और मोटी कमाई के चलते जुआ के ठिकानों पर नकेल कसना एसपी नूंह के लिए ही नहीं आवाम के लिए भी चुनौती है। मेवात सामाजिक बुराइयों में घिरता जा रहा है। जुआ , सट्टा के अलावा आईपीएल क्रिकेट मैचों पर रोजाना इस गरीब जिले में करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है। नूंह शहर में तो पुलिस की नाक के नीचे ऑनलाइन जुआ खेला जाता है। ऐसा नहीं कि खाकी को इसकी भनक नहीं है ,लेकिन जान बूझकर खाकी अंजान बनी हुई है। नशा नाश कर रहा है , तो जुआ सट्टा घरों का सुख चेन छीन रहा है। मेवात जिले में पति - पत्नी के दाम्पत्य जीवन में दुखों के पहाड़ के पीछे भी जुआ , सट्टा अहम वजह है। कहने को तो सामाजिक बुराइयों पर सैकड़ों पंचायतें हुई , लेकिन अमल चंद दिन तो दूर चंद घंटे भी नहीं हुआ। अगर खाकी जुआ के ठिकानों पर ईमानदारी से कार्रवाई तो इस बुराई को रोका जा सकता है। हजारों घरों में खुशियां लौट सकती है। चोरी , डकैती , एटीएम लूट , गौतस्करी , गौहत्या , जेब तराशी जैसी घटनाओं में कमी आने से इंकार नहीं किया जा सकता। जिस मेवात को भलाई , इसलाम के प्रचार , हिन्दू - मुस्लिम एकता के साथ - साथ बहादुरों - वीरों - शहीदों की धरा के नाम से जाता था , वहां अब कई राज्यों की पुलिस टटलू , एटीएम लूट के बदमाशों की तलाश में घूम रही है। कई जवानों की मौत पुलिस की गोली से हो चुकी है ,लेकिन फिर भी इस इलाके के लोगों को बुराई के खिलाफ आवाज उठाने में पसीने इसलिए आते हैं कि प्रशासन का खुला समर्थन शरारती किस्म के लोगों को मिला हुआ है। यही वजह है कि जितने पुलिस के दलाल और मुखबर इस जिले में हैं शायद राज्य ही नहीं देश के किसी जिले में होंगे। जब पुलिस जवानों पर विजिलेंस से लेकर किसी कोर्ट - कचहरी की सख्ती की तलवार चलती है , तो दलाल खाकी की ढाल बनकर बीच में खड़े हो जाते हैं। नूंह जिले में सजा से पहले ही अधिकतर फैसले आपसी सहमति दिखाकर निपटा लिए जाते हैं। अब वक्त है , अगर समय रहते जुआ , सट्टा , आईपीएल सट्टा , शराब जैसे घिनौने कामों पर रोक नहीं लगी तो यहां हालत बेहद खराब हो सकते हैं।
बाइट ;- ग्रामीण , ग्रामीण। संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Thanks & Regards ---
Kasim Khan Mewat
Mob.+919416103259, +91 9050976800