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दूसरों को हंसाने वाले खुद रो रहे हैं, कोरोना ने छीना सर्कस वालों का रोजगार

कोरोना काल में लगे लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचाई है. शायद ही कोई ऐसा सेक्टर हो जिसे लॉकडाउन में नुकसान ना हुआ हो. हर क्षेत्र और हर वर्ग के लोग लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं. ऐसे ही मेले और सर्कस के कलाकारों ने भी बहुत नुकसान झेला है. आज मेले और सर्कस के कलाकार हताश और निराश हैं, क्योंकि उनके पास करने को कोई काम नहीं है और आमदनी बिल्कुल खत्म हो चुकी है.

fair and circus artists facing financial crisis during coronavirus lockdown
fair and circus artists facing financial crisis during coronavirus lockdown
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Published : Jun 26, 2021, 12:18 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 12:59 PM IST

नूंह: कोरोना काल से पहले जो कलाकार अपने करतबों से लोगों का मनोरंजन करते थे, वो अब गुरबत की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के चलते सर्कस और मेलों के आयोजनों पर प्रतिबंध है और मेला कलाकारों के सामने अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. पिछले करीब पांच महीने से नूंह जिले के पिनगवां कस्बे में मेले का सारा सामान धूल फांक रहा है और अब हालात ये हैं कि सर्कस के कलाकारों के पास जमीन का किराया भरने तक के पैसे नहीं हैं.

मेले में जादू करने वाले लाला जी बताते हैं कि सर्कस और मेलों के बंद हो जाने की वजह से आज वो भूखे मरने की कगार पर हैं. उनके परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनके लिए वो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं कर पा रहे. उन्होंने बताया कि बीच में एक दो दिन मेले की अनुमति मिली थी, लेकिन बाद में प्रशासन ने कोरोना के कारण मेले को फिर से बंद करवा दिया, ऐसे में अब उनके पास अपने बच्चों का पेट भरने तक के पैसे नहीं हैं.

सर्कस और मेले के कलाकारों के सामने भूखे मरने की नौबत, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढे़ं- कोरोना ने तबाह किया हाउसिंग बिजनेस! किराया हुआ कम, फिर भी मकान खाली

मेला कलाकार जिला प्रशासन की इजाजत नहीं मिलने के चलते बेहद हताश और निराश हैं. इन कलाकारों का कहना है कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने उनको आर्थिक रूप से बर्बाद कर दिया है, और अब वो सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि या तो सरकार उनको आर्थिक रूप से मदद दे या फिर उन्हें मेले का आयोजन करने की अनुमति दे.

fair and circus artists facing financial crisis during coronavirus lockdown
मैदान में मेले और सर्कस का सामान.

ये भी पढे़ं- छोटे व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट, अनलॉक के बाद भी नहीं सुधरे हालात

दूसरी लहर के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है. यही कारण है कि जिला प्रशासन मेलों और सर्कस के आयोजन को इजाजत नहीं दे रहा है. ऐसे में इन कलाकारों के अच्छे दिन कब आएंगे ये अभी कहा नहीं जा सकता. हालांकि इन मायूस कलाकारों को उम्मीद है कि सरकार इनको थोड़ी बहुत राहत जरूर देगी, ताकि इनके भूखे मरने की नौबत ना आए.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में चौपट हुआ फूलों का व्यापार, 90 फीसदी तक घटी सेल

नूंह: कोरोना काल से पहले जो कलाकार अपने करतबों से लोगों का मनोरंजन करते थे, वो अब गुरबत की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के चलते सर्कस और मेलों के आयोजनों पर प्रतिबंध है और मेला कलाकारों के सामने अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. पिछले करीब पांच महीने से नूंह जिले के पिनगवां कस्बे में मेले का सारा सामान धूल फांक रहा है और अब हालात ये हैं कि सर्कस के कलाकारों के पास जमीन का किराया भरने तक के पैसे नहीं हैं.

मेले में जादू करने वाले लाला जी बताते हैं कि सर्कस और मेलों के बंद हो जाने की वजह से आज वो भूखे मरने की कगार पर हैं. उनके परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनके लिए वो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं कर पा रहे. उन्होंने बताया कि बीच में एक दो दिन मेले की अनुमति मिली थी, लेकिन बाद में प्रशासन ने कोरोना के कारण मेले को फिर से बंद करवा दिया, ऐसे में अब उनके पास अपने बच्चों का पेट भरने तक के पैसे नहीं हैं.

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मेला कलाकार जिला प्रशासन की इजाजत नहीं मिलने के चलते बेहद हताश और निराश हैं. इन कलाकारों का कहना है कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने उनको आर्थिक रूप से बर्बाद कर दिया है, और अब वो सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि या तो सरकार उनको आर्थिक रूप से मदद दे या फिर उन्हें मेले का आयोजन करने की अनुमति दे.

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मैदान में मेले और सर्कस का सामान.

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दूसरी लहर के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है. यही कारण है कि जिला प्रशासन मेलों और सर्कस के आयोजन को इजाजत नहीं दे रहा है. ऐसे में इन कलाकारों के अच्छे दिन कब आएंगे ये अभी कहा नहीं जा सकता. हालांकि इन मायूस कलाकारों को उम्मीद है कि सरकार इनको थोड़ी बहुत राहत जरूर देगी, ताकि इनके भूखे मरने की नौबत ना आए.

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Last Updated : Jun 26, 2021, 12:59 PM IST
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