नूंह: मेवात की जीवन रेखा कहलाने वाली कोटला झील का विस्तारीकरण (kotla lake in nuh) होने की उम्मीद जग गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने गत 27 नवंबर को नूंह जिले के महू चोपड़ा गांव में हरियाणा प्रगति रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर किसान जमीन देने के लिए तैयार हैं, तो इस झील को 108 एकड़ से बढ़ाकर 250-300 एकड़ करने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है.
कोटला झील का दौरा करने के लिए प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Bandaru Dattatreya) आगामी 6 दिसंबर को आ रहे हैं. इसके लिए उपायुक्त शक्ति सिंह ने शनिवार को कोटला झील का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया है. इससे पहले शुक्रवार को भी उपायुक्त शक्ति सिंह ने कोटला झील का दौरा कर किसानों से बातचीत की थी.
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किसानों ने कहा कि अगर सरकार उचित मूल्य पर जमीन का अधिग्रहण करती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि कोटला झील के विकसित होने से उन्हें काफी लाभ होगा. न केवल जलस्तर ऊपर आ जाएगा बल्कि मछली पालन के अलावा बागवानी इत्यादि का लाभ यहां से उठाया जा सकता है.
कुल मिलाकर कोटला झील अब पूरी तरह से चर्चा में आ गई है. बता दें कि कोटला झील प्राकृतिक झील है. जिसमें अरावली पर्वत से बरसात का पानी बहकर आकर रूकता है. अगर इस प्राकृतिक झील को सरकार द्वारा अधिग्रहण कर 108 एकड़ से अधिक भूमि में विस्तारीकरण किया जा सकता है तो इससे मेवात जिले के पीने के पानी के साथ-साथ सिंचाई के पानी की भी किल्लत दूर हो सकती है.
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