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पेड खबरों पर लगेगी लगाम, निर्वाचन आयोग हुआ सख्त - mewat,

नूंह नगराधीश सतीश यादव ने प्रत्रकार वार्ता को संबोंधित करते हुए कहा कि पेड न्यूज को लेकर निर्वाचन आयोग ने सख्ती से निपटने के निर्देश दिए है. जिसके लिए जिले में मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मोनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है. चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए पेड न्यूज को रोकने तथा उसकी मोनिटंरिग करने का कार्य इस कमेटी द्वारा किया जाएगा.

निर्वाचन आयोग की पेड न्यूज पर लगाम
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Published : Mar 7, 2019, 11:12 AM IST

नूंह: नगराधीश कहा कि कोई भी ऐसी न्यूज जो किसी उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए लिखी गई हो. वह पेड न्यूज के अन्तर्गत आती है. चाहे उसका कोई भी रुप हो. उन्होने कहा कि ऐसी न्यूज के लिए एमसीएमसी कमेटी की ओर से संबंधित को नोटिस देकर, उसके चुनावी खर्चे में शामिल करवाया जाएगा.


उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने पर उम्मीदवार द्वारा दिया जाने वाल विज्ञापन संबंधित निर्वाचन अधिकारी या सहायक निर्वाचन के कार्यालय से प्रमाण-पत्र शुदा होना चाहिए. बिना प्रमाण पत्र के कोई विज्ञापन का प्रकाशन या प्रसारण किया जाता है तो धारा 171एच के तहत कार्रवाई की जाएगी. पेड न्यूज न केवल प्रिंट मीडिया बल्कि इलैक्ट्रेनिक, सोशल मीडिया, संपादकीय, यू-ट्यूब, फेसबुक,बल्कि में एसएमएस तथा ऑडियो-वीडियों मीडिया व अन्य प्रचार के स्त्रोतों के माध्यम से भी दी जा सकती है.


ऐसी न्यूज जिससे उम्मीदवार की छवि खराब होती है, वहीं पाठकों को गलत सूचना परोसी जाती है, जनता में इसका गलत संदेश जाता है. लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव के लिए पेड न्यूज से बचना चाहिए. न्यूज को लिखने वाले रिपोर्टर पर पेड न्यूज को लेकर एक बड़ी जिम्मेदारी है. उसे तथ्यों की जांच तथा दोनों पक्षों की राय लेकर संतुलित समाचार लिखना चाहिए.

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निर्वाचन आयोग की पेड न्यूज पर लगाम


लोकसभा चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के लिए अब मतदाता सी-विजिल एप्प की मदद से सीधे जिला निर्वाचन अधिकारी या रिटर्निंग ऑफिसर तथा चुनाव आयोग को जानकारी दे सकते हैं. शिकायत करने से लेकर उसके समाधान तक की सारी प्रक्रिया निर्धारित 100 मिनट में निपटाई जाएगी.


उन्होंने बताया कि पेड न्यूज से पाठक, श्रोता और आम नागरिकों को किसी उम्मीदवार के प्रति गलत सूचना मिलती है. ऐसा करने वाला व्यक्ति खर्चे से बचने की कोशिश करता है, एमसीएमसी कमेटी द्वारा जो भी पेड न्यूज पाई जाएगी तो उनका का खर्चा शडो रजिस्ट्रर के माध्यम से उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा.


इससे पूर्व जिले में कार्यरत प्रिंटीग प्रैस के प्रतिनिधयों को भी अवगत कराया कि चुनाव प्रचार सामग्री पर प्रिंटर और पब्लिशर का पूरा नाम, पता व सम्पर्क नम्बर अंकित करवाना जरूरी है, ऐसा ना करने पर जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 127 ए के तहत सजा का प्रावधान है. उन्होंने सभी प्रिंटग प्रैस प्रतिनिधयों से कहा कि उनके द्वारा छापे जाने वाली प्रचार समाग्री की कॉपी जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चत करें.

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नूंह: नगराधीश कहा कि कोई भी ऐसी न्यूज जो किसी उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए लिखी गई हो. वह पेड न्यूज के अन्तर्गत आती है. चाहे उसका कोई भी रुप हो. उन्होने कहा कि ऐसी न्यूज के लिए एमसीएमसी कमेटी की ओर से संबंधित को नोटिस देकर, उसके चुनावी खर्चे में शामिल करवाया जाएगा.


उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने पर उम्मीदवार द्वारा दिया जाने वाल विज्ञापन संबंधित निर्वाचन अधिकारी या सहायक निर्वाचन के कार्यालय से प्रमाण-पत्र शुदा होना चाहिए. बिना प्रमाण पत्र के कोई विज्ञापन का प्रकाशन या प्रसारण किया जाता है तो धारा 171एच के तहत कार्रवाई की जाएगी. पेड न्यूज न केवल प्रिंट मीडिया बल्कि इलैक्ट्रेनिक, सोशल मीडिया, संपादकीय, यू-ट्यूब, फेसबुक,बल्कि में एसएमएस तथा ऑडियो-वीडियों मीडिया व अन्य प्रचार के स्त्रोतों के माध्यम से भी दी जा सकती है.


ऐसी न्यूज जिससे उम्मीदवार की छवि खराब होती है, वहीं पाठकों को गलत सूचना परोसी जाती है, जनता में इसका गलत संदेश जाता है. लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव के लिए पेड न्यूज से बचना चाहिए. न्यूज को लिखने वाले रिपोर्टर पर पेड न्यूज को लेकर एक बड़ी जिम्मेदारी है. उसे तथ्यों की जांच तथा दोनों पक्षों की राय लेकर संतुलित समाचार लिखना चाहिए.

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निर्वाचन आयोग की पेड न्यूज पर लगाम


लोकसभा चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के लिए अब मतदाता सी-विजिल एप्प की मदद से सीधे जिला निर्वाचन अधिकारी या रिटर्निंग ऑफिसर तथा चुनाव आयोग को जानकारी दे सकते हैं. शिकायत करने से लेकर उसके समाधान तक की सारी प्रक्रिया निर्धारित 100 मिनट में निपटाई जाएगी.


उन्होंने बताया कि पेड न्यूज से पाठक, श्रोता और आम नागरिकों को किसी उम्मीदवार के प्रति गलत सूचना मिलती है. ऐसा करने वाला व्यक्ति खर्चे से बचने की कोशिश करता है, एमसीएमसी कमेटी द्वारा जो भी पेड न्यूज पाई जाएगी तो उनका का खर्चा शडो रजिस्ट्रर के माध्यम से उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा.


इससे पूर्व जिले में कार्यरत प्रिंटीग प्रैस के प्रतिनिधयों को भी अवगत कराया कि चुनाव प्रचार सामग्री पर प्रिंटर और पब्लिशर का पूरा नाम, पता व सम्पर्क नम्बर अंकित करवाना जरूरी है, ऐसा ना करने पर जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 127 ए के तहत सजा का प्रावधान है. उन्होंने सभी प्रिंटग प्रैस प्रतिनिधयों से कहा कि उनके द्वारा छापे जाने वाली प्रचार समाग्री की कॉपी जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चत करें.

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---------- Forwarded message ---------
From: BHUPINDER KUMAR <bjishtu@gmail.com>
Date: Wed 6 Mar, 2019, 16:03
Subject: Fwd: R_HR_ pc _ ctm _ MEWAT _ 6-3-19 _ script & story 2 m
To: BHUPINDER KUMAR JISHTU <bhupinderkumar@etvbharat.com>



---------- Forwarded message ---------
From: Kasim Khan <kasim.khan.mewat@gmail.com>
Date: Wed 6 Mar, 2019, 16:02
Subject: R_HR_ pc _ ctm _ MEWAT _ 6-3-19 _ script & story 2 m
To: Haryana Desk <haryanadesk@etvbharat.com>


 tv news mewat 

sir file ftp par bhej di hai ji  . . .
संवाददाता नूंह मेवात।  

स्टोरी ;-   पेड न्यूज को लेकर निर्वाचन आयोग सख्ती 

नूंह नगराधीश सतीश यादव ने प्रत्रकार वार्ता को संबोंधित करते हुए कहा कि पेड न्यूज को लेकर निर्वाचन आयोग सख्ती से निपटने के निर्देश दिए है। जिसके लिए जिले में मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मोनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है। चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए पेड न्यूज को रोकने तथा उसकी मोनिटंरिग करने का कार्य इस कमेटी द्वारा किया जाएगा। 
    उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी न्यूज जो किसी उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए लिखी जाए वह पेड न्यूज के अन्तर्गत आती है, चाहे उसका कोई भी रुप हो। उन्होनें कहा कि ऐसी न्यूज के लिए एमसीएमसी कमेटी की ओर से संबंधित को नोटिस देकर, उसके चुनावी खर्चे में शामिल करवाया जाएगा।         
  उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने पर उम्मीदवार द्वारा दिया जाने वाल विज्ञापन संबंधित निर्वाचन अधिकारी या सहायक निर्वाचन के कार्यालय से प्रमाण-पत्र शुदा होना चाहिए यदि बिना प्रमाण पत्र के कोई विज्ञापन का प्रकाशन या प्रसारण किया जाता है तो धारा 171  एच के तहत कार्य की जाएगी। उन्होंने बताया कि पेड न्यूज न केवल प्रिंट मीडिया बल्कि इलैक्ट्रेनिक, सोशल मीडिया, संपादकीय, यू टयूब, फेसबुक,बल्कि में एसएमएस तथा ऑडियो-वीडियों मीडिया व अन्य प्रचार के स्त्रोतों के माध्यम से भी दी जा सकती है।
    उन्होने कहा कि  ऐसी न्यूज से जहां उम्मीदवार की छवि खराब होती है,वहीं पाठकों को गलत सूचना परोसी जाती है और जनता में इसका गलत संदेश जाता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में निपक्ष चुनाव के लिए पेड न्यूज से बचना चाहिए। न्यूज को लिखने वाले रिपोर्टर पर पेड न्यूज को लेकर एक बड़ी जिम्मेदारी है। उसे तथ्यों की जांच तथा दोनों पक्षों की राय लेकर संतुलित समाचार लिखना चाहिए। लोकसभा चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के लिए अब मतदाता सी विजिल एप्प की मदद से सीधे जिला निर्वाचन अधिकारी या रिटर्निंग ऑफिसर तथा चुनाव आयोग को जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत करने से लेकर उसके समाधान तक की सारी प्रक्रिया निर्धारित 100 मिनट में निपटाई जाएगी।
    उन्होंने बताया कि पेड न्यूज से पाठक, श्रोता और आम नागरिकों को किसी उम्मीदवार के प्रति गलत सूचना मिलती है। ऐसा करने वाला व्यक्ति खर्चे से बचने की कोशिश करता है  एमसीएमसी कमेटी द्वारा जो भी पेड न्यूज पाई जाएगी उनका का खर्चा शडो रजिस्ट्रर के माध्यम से उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा। उन्होंने इससे पूर्व जिले में कार्यरत प्रिंटीग प्रैस के प्रतिनिधयों को भी अवगत कराया कि चुनाव प्रचार सामग्री पर प्रिंटर और पब्लिशर का पूरा नाम,पता व सम्पर्क नम्बर अंकित करवाना जरूरी है, ऐसा ना करने पर जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 127 ए के तहत सजा का प्रावधान है। उन्होंने सभी प्रिंटग प्रैस प्रतिनिधयों से कहा कि उनके द्वारा छापे जाने वाली प्रचार समाग्री की कॉपी जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चत करें।
 
बाइट ;- सतीश यादव  ,नगराधीश नूंह। 

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।  


          Thanks & Regards ---

           Kasim Khan Mewat

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