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हरियाणा का 'जामताड़ा' बन रहा मेवात, नूंह साइबर पुलिस ने तैयार की कुख्यात साइबर अपराधियों की सूची

मेवात इलाका इन दिनों साइबर अपराध (Cyber Crime in Mewat) के मामले में हरियाणा का जामताड़ा बनने के रास्त पर चल पड़ा है. दरअसल झारखंड का जामताड़ा जिला इन दिनों बड़े साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया है. राजस्थान जिले से लगने वाले दूर दराज और ग्रामीण इलाके मेवात में साइबर अपराधी अपना ठिकाना बना चुके हैं. इन पर पुलिस कार्रवाई तो करती है लेकिन काबू पाना मुश्किल हो रहा है. अब नूंह साइबर पुलिस ने इनसे निपटने के लिए नई रणनीति बनाई है.

नूंह जिले में साइबर अपराध
नूंह जिले में साइबर अपराध
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Published : Dec 29, 2022, 1:51 PM IST

हरियाणा का जामताड़ा बन रहा मेवात, नूंह साइबर पुलिस तैयार की कुख्यात साइबर अपराधियों की सूची

नूंह: हरियाणा का नूंह जिला सबसे पिछड़े इलाकों में गिना जाता है. यहां विकास के काम बहुत कम हुए हैं. मेवात का ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण और शहर से दूर दराज का इलाका है. राजस्थान के भरतपुर और अलवर तक फैसे इस इलाके में काफी हिस्सा वीरान रहता है. अरावली की पहाड़ी और खनन एरिया होने के चलते भी ये इलाका इन दिनों साइबर अपराधियों की पनाहगाह बन चुका है. यहां से बैठकर साइबर अपराधी फर्जी सिम नंबर के जरिए नूंह में ऑनलाइन फ्रॉड (Cyber Crime Cases in Nuh) का खेल खेलते हैं.

2022 में 550 साइबर क्राइम की शिकायतें- नूंह पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने कहा कि साइबर अपराध की जो घटनाएं हैं, वो भरतपुर व नूंह की सीमा पर ज्यादा हैं. इन इलाकों के जो गांव हैं वहां से साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आती हैं. पुलिस के पास एनसीआरबी पोर्टल व साइबर हेल्प डेस्क के जरिए शिकायतें आती हैं. नूंह में साइबर अपराध के मामले (Cyber Crime Cases in Nuh) की बात करें तो तकरीबन 550 शिकायतें इस साल मिली हैं, जिनकी जांच करके नियम अनुसार कार्रवाई की जा रही है.

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साइबर अपराधियों की सूची तैयार- पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए हमने कुछ प्रभावी कदम उठाए हैं. जा गांव साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट बन चुके हैं उन्हें चिन्हित करके टावर डंप एनालिसिस के जरिए नंबर निकाले गये हैं, जो फ्रॉड आईडी पर लिए गए हैं. ऐसे नंबरों की हर डिटेल, हर महीने सीआईडी विभाग से शेयर की जाती है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराधियों को इससे एक बड़ी चोट लगती है. नूंह साइबर थाना पुलिस ने हरियाणा के मेवात से संबंधित जो साइबर अपराधी पकड़े गये हैं उनसे पूछताछ के आधार पर जिला स्तर पर साइबर अपराधियों की एक सूची तैयार की है. इन अपराधियों पर पैनी नजर रखी जाती है.

नूंह जिले में साइबर अपराध
नूंह साइबर पुलिस थाना.

ये भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस की बड़ी सफलता, 6 माह में साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों के खातों में वापिस भिजवाए 7 करोड़ रूपए

साइबर अपराध कितने तरह के होते हैं- एसपी नूंह वरुण सिंगला कहते हैं ने बताया कि साइबर अपराध तीन भागों में बटा हुआ है. पहला ये कि- साइबर अपराधी प्रलोभन देकर लिंक भेजकर पीड़ित को ठगी का शिकार बनाते है. दूसरा तरीका किसी प्रकार का डर दिखाकर ठगी करने का है. इसके अलावा सेक्सटॉर्शन भी इसका एक हिस्सा है. जिसमें किसी भी व्यक्ति को झांसे में लेकर उसकी अश्लील वीडियो बनाने के उपरांत उसे ब्लैकमेल करने की धमकी दी जाती है. तीसरा साइबर अपराध जानकार बनके फ्रॉड करना है.

सेक्सटॉर्शन सबसे बड़ा फ्रॉड- एसपी ने कहा कि आज सबसे ज्यादा पैसे का फ्रॉड सेक्सटॉर्शन के मामले में है. शर्म की वजह से इंसान इसकी शिकायत नहीं करता है और ज्यादा से ज्यादा राशि अपराधी को बिना किसी सवाल के दे देता है. बाकी अन्य फ्रॉड में राशि कम दी जाती है. एसपी नूंह ने कहा कि 100 साइबर अपराधियों की सूची हमारे पास तैयार है जिनके ऊपर हरियाणा के किसी ना किसी जिले में मुकदमा दर्ज है. उनका अपराधिक रिकॉर्ड भी है. रिकॉर्ड चेक करने के बाद यह सूची तैयार की गई है. इसके अलावा 50-60 साइबर अपराधी ऐसे हैं, जिन पर मुकदमा दर्ज नहीं है. लेकिन खुफिया विभाग से जांच के बाद इनकी रिपोर्ट तैयार की गई है. इन सभी अपराधियों पर पुलिस की पैनी नजर है.

ये भी पढ़ें- साइबर क्राइम की कमर तोड़ने के लिए मेवात पुलिस ने बनाई खास रणनीति, फर्जी सिम कार्ड किये जा रहे बंद

हरियाणा का जामताड़ा बन रहा मेवात, नूंह साइबर पुलिस तैयार की कुख्यात साइबर अपराधियों की सूची

नूंह: हरियाणा का नूंह जिला सबसे पिछड़े इलाकों में गिना जाता है. यहां विकास के काम बहुत कम हुए हैं. मेवात का ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण और शहर से दूर दराज का इलाका है. राजस्थान के भरतपुर और अलवर तक फैसे इस इलाके में काफी हिस्सा वीरान रहता है. अरावली की पहाड़ी और खनन एरिया होने के चलते भी ये इलाका इन दिनों साइबर अपराधियों की पनाहगाह बन चुका है. यहां से बैठकर साइबर अपराधी फर्जी सिम नंबर के जरिए नूंह में ऑनलाइन फ्रॉड (Cyber Crime Cases in Nuh) का खेल खेलते हैं.

2022 में 550 साइबर क्राइम की शिकायतें- नूंह पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने कहा कि साइबर अपराध की जो घटनाएं हैं, वो भरतपुर व नूंह की सीमा पर ज्यादा हैं. इन इलाकों के जो गांव हैं वहां से साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आती हैं. पुलिस के पास एनसीआरबी पोर्टल व साइबर हेल्प डेस्क के जरिए शिकायतें आती हैं. नूंह में साइबर अपराध के मामले (Cyber Crime Cases in Nuh) की बात करें तो तकरीबन 550 शिकायतें इस साल मिली हैं, जिनकी जांच करके नियम अनुसार कार्रवाई की जा रही है.

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साइबर अपराधियों की सूची तैयार- पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए हमने कुछ प्रभावी कदम उठाए हैं. जा गांव साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट बन चुके हैं उन्हें चिन्हित करके टावर डंप एनालिसिस के जरिए नंबर निकाले गये हैं, जो फ्रॉड आईडी पर लिए गए हैं. ऐसे नंबरों की हर डिटेल, हर महीने सीआईडी विभाग से शेयर की जाती है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराधियों को इससे एक बड़ी चोट लगती है. नूंह साइबर थाना पुलिस ने हरियाणा के मेवात से संबंधित जो साइबर अपराधी पकड़े गये हैं उनसे पूछताछ के आधार पर जिला स्तर पर साइबर अपराधियों की एक सूची तैयार की है. इन अपराधियों पर पैनी नजर रखी जाती है.

नूंह जिले में साइबर अपराध
नूंह साइबर पुलिस थाना.

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साइबर अपराध कितने तरह के होते हैं- एसपी नूंह वरुण सिंगला कहते हैं ने बताया कि साइबर अपराध तीन भागों में बटा हुआ है. पहला ये कि- साइबर अपराधी प्रलोभन देकर लिंक भेजकर पीड़ित को ठगी का शिकार बनाते है. दूसरा तरीका किसी प्रकार का डर दिखाकर ठगी करने का है. इसके अलावा सेक्सटॉर्शन भी इसका एक हिस्सा है. जिसमें किसी भी व्यक्ति को झांसे में लेकर उसकी अश्लील वीडियो बनाने के उपरांत उसे ब्लैकमेल करने की धमकी दी जाती है. तीसरा साइबर अपराध जानकार बनके फ्रॉड करना है.

सेक्सटॉर्शन सबसे बड़ा फ्रॉड- एसपी ने कहा कि आज सबसे ज्यादा पैसे का फ्रॉड सेक्सटॉर्शन के मामले में है. शर्म की वजह से इंसान इसकी शिकायत नहीं करता है और ज्यादा से ज्यादा राशि अपराधी को बिना किसी सवाल के दे देता है. बाकी अन्य फ्रॉड में राशि कम दी जाती है. एसपी नूंह ने कहा कि 100 साइबर अपराधियों की सूची हमारे पास तैयार है जिनके ऊपर हरियाणा के किसी ना किसी जिले में मुकदमा दर्ज है. उनका अपराधिक रिकॉर्ड भी है. रिकॉर्ड चेक करने के बाद यह सूची तैयार की गई है. इसके अलावा 50-60 साइबर अपराधी ऐसे हैं, जिन पर मुकदमा दर्ज नहीं है. लेकिन खुफिया विभाग से जांच के बाद इनकी रिपोर्ट तैयार की गई है. इन सभी अपराधियों पर पुलिस की पैनी नजर है.

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