नूंह: कोरोना वायरस ने ईद उल फितर की खुशियों को फीका कर दिया. मुसलमानों के सबसे बड़े त्योहार ईद पर ना तो मुस्लिम समाज के लोग ईदगाह में एक साथ नमाज पढ़ सके और ना ही नए कपड़ों में लोग नजर आए. लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा की.
लोग इस बार ईद के अवसर पर ना तो एक दूसरे के गले मिले और ना ही एक दूसरे के घर टोलियां बनाकर सेवई व खीर खाने के लिए जा सके. कुल मिलाकर लोगों ने ईद उल फितर पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अपने घरों में ही नमाज पढ़ी. नमाज के दौरान हर मुसलमान ने कोरोना महामारी से इलाके व प्रदेश तथा देश को महफूज रखने की दुआ मांगी.
लोग कह रहे हैं कि ऐसी ईद जीवन में फिर कभी देखने को ना मिले. जिसमें खुशियां पूरी तरह से गायब है. कोई किसी से मिल नहीं सकता. कोई किसी के साथ अपनी खुशियां साझा नहीं कर सकता. मुसलमानों ने सरकार व सिस्टम के नियमों का पालन करते हुए कोरोना से जंग जीतने में अपना भरपूर सहयोग ईद उल फितर जैसे बड़े त्योहार पर देने का काम किया है.
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