नूंह: विधायक और कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने बाजरे की फसल खरीद (Bajra purchase in Nuh) में देरी को लेकर प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि मेवात की अनाज मंडियों में बाजरे की फसल लेकर किसान आ चुके हैं, लेकिन सरकार फसल नहीं खरीद रही है. एक अक्टूबर से बाजरा खरीदने का सरकारी फरमान गलत है क्योंकि तब तक मंडियों में बिचौलिए किसान के बाजरे को औने-पौने दामों में खरीदने की जुगत में तैयार बैठे हैं.
आफताब अहमद ने कहा कि 1.5 लाख से अधिक कट्टे बाजरे के अकेले तावडू मंडी पहुंचे हैं. सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अभी खरीददारी नहीं कर रही है. 23 सौ रुपये प्रति क्विंटल के दाम के बाजरे को किसान मंडी में बैठे बिचौलियों को 1800 रू प्रति क्विंटल में बेचने को मजबूर हैं. ऐसे में किसान निराशा और परेशानी में खड़ा है. हर जगह के किसानों की शिकायतें सामने आ रही हैं, पूरे हरियाणा के किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
नूंह विधायक आफताब अहमद ने कहा कि पहले प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार मेवात के किसानों को पानी समय पर नहीं देती, फिर खाद बीज और यूरिया की किल्लत व आसमान छूते भाव, फिर जो फसल होती है उसे सही समय पर सही दामों पर नहीं खरीदती है. इससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार मेवात के किसानों से खुला भेदभाव कर रही है. आफताब अहमद ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हो या प्रदेश की खट्टर सरकार दोनों ही किसान विरोधी हैं. सीएलपी उप नेता ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि तुरंत बाजरे की फसल खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हर मंडी में शुरू की जाए अन्यथा कांग्रेस किसानों को साथ लेकर मेवात में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होगी.