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नूंह में CAA के खिलाफ प्रदर्शन, ग्रामीणों का आरोप- BJP मुसलमानों को टारगेट कर रही है - घासेड़ा गांव सीएए के खिलाफ प्रदर्शन

रविवार को नूंह के गांधी ग्राम घासेड़ा स्थित होली चौक पर सीएए तथा एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. विरोध प्रदर्शन में ना केवल मुस्लिम समुदाय के लोग थे, बल्कि गांव में रहने वाले 36 बिरादरी के लोगों ने इस कानून का विरोध करते हुए इसे सरकार से वापस लेने की मांग की.

caa and nrc protest nuh
नूंह में CAA के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Jan 12, 2020, 4:55 PM IST

नूंहः सीएए और एनआरसी को लेकर पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में आज नूंह में भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में बुजुर्ग, युआवा, बच्चों के साथ 36 बिरागरी भी शामिल हुई. ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए इस कानून को वापस लेने की मांग की है. घासेड़ा गांव के लोगों का कहना है कि जाति - धर्म में बांटने के लिए इस देश का लोकतंत्र इजाजत नहीं देता है.

प्रदर्शन में 36 बिरादरी के लोगों ने लिया हिस्सा
देश में सीएए अब लागू हो चुका है, लेकिन इसका विरोध अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को नूंह के गांधी ग्राम घासेड़ा स्थित होली चौक पर सीएए तथा एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. विरोध प्रदर्शन में ना केवल मुस्लिम समुदाय के लोग थे, बल्कि गांव में रहने वाले 36 बिरादरी के लोगों ने इस कानून का विरोध करते हुए इसे सरकार से वापस लेने की मांग की.

नूंह में CAA के खिलाफ प्रदर्शन

BJP भाई से भाई को लड़ाना चाहती है- ग्रामीण
ऐतिहासिक व बड़े गांव में शामिल गांधी ग्राम घासेड़ा में रविवार को लोग इस बिल के खिलाफ एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली. प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को वापस लेने की बात कही है. लोगों का कहना है कि बीजेपी की सरकार ने सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करते हुए सीएए और एनआरसी जैसे कानून देश में लागू किए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान भाई को भाई से लड़ाने या उसे बांटने की इजाजत नहीं देता है, उसका किसी सूरत में भी समर्थन नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः नागरिकता कानून और NRC को लेकर विपक्ष पर अनुराग ठाकुर का वार, दीपिका पादुकोण पर खड़ा किया सवाल

आजादी के लिए मुसलमानों ने भी दी कुर्बानियां- ग्रामीण
लोगों ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने इस मुल्क के खातिर अपने प्राणों की बलि दी है. हम यहां के स्थाई निवासी हैं और जिस तरह अन्य समाज के लोगों ने इस मुल्क में कुर्बानी दी है. उससे मुसलमान भी पीछे नहीं रहा है, लिहाजा इस तरह के किसी भी बिल का डटकर विरोध करते रहेंगे. घासेड़ा गांव के लोगों ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उनसे देश की आजादी के समय वचन दिया था कि उनको यहां पूरा मान - सम्मान अधिकार के साथ - साथ सुरक्षा की गारंटी दी थी. लोगों ने कहा कि राष्ट्रपिता ने कहा था कि मुसलमान इस देश की रीढ़ की हड्डी है.

नूंहः सीएए और एनआरसी को लेकर पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में आज नूंह में भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में बुजुर्ग, युआवा, बच्चों के साथ 36 बिरागरी भी शामिल हुई. ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए इस कानून को वापस लेने की मांग की है. घासेड़ा गांव के लोगों का कहना है कि जाति - धर्म में बांटने के लिए इस देश का लोकतंत्र इजाजत नहीं देता है.

प्रदर्शन में 36 बिरादरी के लोगों ने लिया हिस्सा
देश में सीएए अब लागू हो चुका है, लेकिन इसका विरोध अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को नूंह के गांधी ग्राम घासेड़ा स्थित होली चौक पर सीएए तथा एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. विरोध प्रदर्शन में ना केवल मुस्लिम समुदाय के लोग थे, बल्कि गांव में रहने वाले 36 बिरादरी के लोगों ने इस कानून का विरोध करते हुए इसे सरकार से वापस लेने की मांग की.

नूंह में CAA के खिलाफ प्रदर्शन

BJP भाई से भाई को लड़ाना चाहती है- ग्रामीण
ऐतिहासिक व बड़े गांव में शामिल गांधी ग्राम घासेड़ा में रविवार को लोग इस बिल के खिलाफ एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली. प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को वापस लेने की बात कही है. लोगों का कहना है कि बीजेपी की सरकार ने सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करते हुए सीएए और एनआरसी जैसे कानून देश में लागू किए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान भाई को भाई से लड़ाने या उसे बांटने की इजाजत नहीं देता है, उसका किसी सूरत में भी समर्थन नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः नागरिकता कानून और NRC को लेकर विपक्ष पर अनुराग ठाकुर का वार, दीपिका पादुकोण पर खड़ा किया सवाल

आजादी के लिए मुसलमानों ने भी दी कुर्बानियां- ग्रामीण
लोगों ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने इस मुल्क के खातिर अपने प्राणों की बलि दी है. हम यहां के स्थाई निवासी हैं और जिस तरह अन्य समाज के लोगों ने इस मुल्क में कुर्बानी दी है. उससे मुसलमान भी पीछे नहीं रहा है, लिहाजा इस तरह के किसी भी बिल का डटकर विरोध करते रहेंगे. घासेड़ा गांव के लोगों ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उनसे देश की आजादी के समय वचन दिया था कि उनको यहां पूरा मान - सम्मान अधिकार के साथ - साथ सुरक्षा की गारंटी दी थी. लोगों ने कहा कि राष्ट्रपिता ने कहा था कि मुसलमान इस देश की रीढ़ की हड्डी है.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी :- सीएए - एनआरसी को लेकर हुआ विरोध प्रदर्शन
रविवार को गांधी ग्राम घासेड़ा स्थित होली चौक पर सीएए तथा एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया । विरोध प्रदर्शन में बुजुर्ग , युवा , बच्चे सभी तबके के लोगों ने भाग लिया । इस प्रदर्शन में ना केवल मुस्लिम समुदाय के लोग थे , बल्कि गांव में रहने वाले 36 बिरादरी के लोगों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे सरकार से वापस लेने की मांग की ।आपको बता दें कि सीएए अब लागू हो चुका है , लेकिन इसका विरोध अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है । Body: ऐतिहासिक व बड़े गांव में शामिल गांधी ग्राम घासेड़ा में रविवार को लोग इस बिल के खिलाफ एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकालते हुए इस बिल को वापस लेने की बात कहीं । घासेड़ा गांव के लोगों का कहना है कि यह किसी जाति - धर्म में बांटने के लिए इस देश का लोकतंत्र इजाजत नहीं देता है .
, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करते हुए तथा एनआरसी जैसे कानून देश में लागू किए हैं , जो कानून भाई को भाई से लड़ाने या उसे बांटने की इजाजत देता है। उसका किसी सूरत में भी समर्थन नहीं किया जाएगा । लोगों ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने इस मुल्क के खातिर अपने प्राणों की बलि दी है । हम यहां के स्थाई निवासी हैं और जिस तरह अन्य समाज के लोगों ने इस मुल्क में कुर्बानी दी है । उससे मुसलमान भी पीछे नहीं रहा है , लिहाजा इस तरह के किसी भी बिल का डटकर विरोध करते रहेंगे । घासेड़ा गांव के लोगों ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उनसे देश की आजादी के समय वचन दिया था कि उनको यहां पूरा मान - सम्मान अधिकार के साथ - साथ सुरक्षा की गारंटी दी थी । उन्होंने यह भी कहा था कि मुसलमान या खासकर इस देश की रीढ़ की हड्डी है । लिहाजा पाकिस्तान जाने के बजाय व अपने मुल्क में ही रहे ।लोगों ने कहा कि राष्ट्रपिता को याद दिलाने के लिए ही उन्होंने अपने गांव की सरजमी पर सीएए जैसे कानून का विरोध किया है ।Conclusion:बाइट :- ओसामा समाजसेवी
बाइट :- इमरान खान ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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