ETV Bharat / state

बेटी के नाम से घर की पहचान वाला भूतलाका बना देश का दूसरा गांव

हरियाणा के जिस जिले के माथे पर सबसे पिछड़ा होने का कलंक है. यही जिला पूरे देश की बेटियों को स्वाभिमान का संदेश दे रहा है. पहले किरूरी गांव और अब भूतलाका गांव देश के पहले दो ऐसे गांव बन गए हैं जहां हर घर के बाहर बेटी के नाम की अब नेम प्लेट है.

nuh bhootlaka village daughter name plate
nuh bhootlaka village daughter name plate
author img

By

Published : Nov 11, 2020, 11:53 AM IST

नूंह: जिले का भूतलाका गांव देश का ऐसा दूसरा गांव बन गया है, जिसके हर घर के बाहर बेटी के नाम की अब नेम प्लेट है. इस गांव के हर घर की पहचान बेटी के नाम से होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वामित्व योजना से प्रभावित होकर सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन ने भूतलाका गांव में भी घरों के बाहर बेटियों की नेम प्लेट लगाने का अभियान शुरू किया और ये तब तक चलता रहा, जब तक प्रत्येक घर के बाहर बेटियों की नेम प्लेट नहीं लग गई.

पहले किरूरी गांव में लगी थी बेटियों के नाम की नेम प्लेट

इससे पहले किरूरी गांव देश का पहला ऐसा गांव बना था जहां सेल्फी विद डॉटर अभियान के तहत हर घर के बाहर नेम प्लेट लगी थी. सेल्फी विद फाउंडेशन हरियाणा ने नूंह (मेवात) जिले के तीन गांवों का चयन किया था. जिसमें हर घर के बाहर बेटियों की नेम प्लेट लगेगी.

फाउंडेशन के संयोजक सुनील जागलान की ओर से हालांकि ये अभियान 2015 से चलाया जा रहा है और अभी तक करीब 12 हजार लोगों के घर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई जा चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री की स्वामित्व योजना से प्रेरणा हासिल कर हर गांव को बेटियों को समर्पित करने का अभियान छेड़ा है. सुनील जागलान के अनुसार किरूरी गांव देश का पहला व भूतलाका देश का दूसरा ऐसा गांव जहां हर घर के बाहर बेटियों की नेम प्लेट होगी.

ये भी पढ़ें- रोडवेज कर्मचारी 35 लाख तक की दुर्घटना बीमा सुविधा का उठा सकते हैं लाभ: मूलचन्द शर्मा

पांच साल पहले वर्ष 2015 में सभी जगह ये अभियान शुरू किया हुआ था. जिसके बाद बाकी संस्थाओं के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा ने भी इस मॉडल को अपनाया व कन्या शिश के नाम की नेम प्लेट लगाना शुरू किया, लेकिन सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन बेटियों को समर्पित गांवों की एक फेहरिस्त तैयार करेगा. जानकारी के अनुसार भूतलाका गांव की आबादी करीब 1000 लोगों की है और यहां 200 घर हैं. सुनील जागलान ने कहा कि अब कोशिश रहेगी कि इस मॉडल को भारत सरकार हमारे दूसरे अभियानों की तरह पायलट प्रोजेक्ट की तरह लागू करे.

बता दें कि, सुनील जागलान पिछले 3 वर्षों से ज्यादा समय से मेवात में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, स्कूल को अपग्रेड करने, लाइब्रेरी खुलवाने, महिलाओं को अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं. जिसका असर मेवात में देखा जा सकता है और मेवात की हजारों लड़कियां उनके अभियान से लगातार जुड़ रही हैं.

ये भी पढ़ें- अच्छी पहल: देश का पहला ऐसा गांव जिसका हर घर बेटियों को है समर्पित

नूंह: जिले का भूतलाका गांव देश का ऐसा दूसरा गांव बन गया है, जिसके हर घर के बाहर बेटी के नाम की अब नेम प्लेट है. इस गांव के हर घर की पहचान बेटी के नाम से होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वामित्व योजना से प्रभावित होकर सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन ने भूतलाका गांव में भी घरों के बाहर बेटियों की नेम प्लेट लगाने का अभियान शुरू किया और ये तब तक चलता रहा, जब तक प्रत्येक घर के बाहर बेटियों की नेम प्लेट नहीं लग गई.

पहले किरूरी गांव में लगी थी बेटियों के नाम की नेम प्लेट

इससे पहले किरूरी गांव देश का पहला ऐसा गांव बना था जहां सेल्फी विद डॉटर अभियान के तहत हर घर के बाहर नेम प्लेट लगी थी. सेल्फी विद फाउंडेशन हरियाणा ने नूंह (मेवात) जिले के तीन गांवों का चयन किया था. जिसमें हर घर के बाहर बेटियों की नेम प्लेट लगेगी.

फाउंडेशन के संयोजक सुनील जागलान की ओर से हालांकि ये अभियान 2015 से चलाया जा रहा है और अभी तक करीब 12 हजार लोगों के घर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई जा चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री की स्वामित्व योजना से प्रेरणा हासिल कर हर गांव को बेटियों को समर्पित करने का अभियान छेड़ा है. सुनील जागलान के अनुसार किरूरी गांव देश का पहला व भूतलाका देश का दूसरा ऐसा गांव जहां हर घर के बाहर बेटियों की नेम प्लेट होगी.

ये भी पढ़ें- रोडवेज कर्मचारी 35 लाख तक की दुर्घटना बीमा सुविधा का उठा सकते हैं लाभ: मूलचन्द शर्मा

पांच साल पहले वर्ष 2015 में सभी जगह ये अभियान शुरू किया हुआ था. जिसके बाद बाकी संस्थाओं के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा ने भी इस मॉडल को अपनाया व कन्या शिश के नाम की नेम प्लेट लगाना शुरू किया, लेकिन सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन बेटियों को समर्पित गांवों की एक फेहरिस्त तैयार करेगा. जानकारी के अनुसार भूतलाका गांव की आबादी करीब 1000 लोगों की है और यहां 200 घर हैं. सुनील जागलान ने कहा कि अब कोशिश रहेगी कि इस मॉडल को भारत सरकार हमारे दूसरे अभियानों की तरह पायलट प्रोजेक्ट की तरह लागू करे.

बता दें कि, सुनील जागलान पिछले 3 वर्षों से ज्यादा समय से मेवात में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, स्कूल को अपग्रेड करने, लाइब्रेरी खुलवाने, महिलाओं को अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं. जिसका असर मेवात में देखा जा सकता है और मेवात की हजारों लड़कियां उनके अभियान से लगातार जुड़ रही हैं.

ये भी पढ़ें- अच्छी पहल: देश का पहला ऐसा गांव जिसका हर घर बेटियों को है समर्पित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.