महेंद्रगढ़: कनीना खंड के गांव बाघोत निवासी प्रसिद्ध पहलवान भूपेंद्र गुर्जर का गांव के पास से गुजर रही नहर की पटरी से पैर फिसल गया. जिससे नहर में गिरने से उनकी मौत हो गई. पहलवान भूपेंद्र अपने माता पिता की इकलौती संतान थे. भूपेंद्र के दो बच्चे भी हैं. वो सरदार बल्लभभाई पटेल एकेडमी के चेयरमैन थे और पिछले करीब 3 सालों से खेल अखाड़ा चला रहे थे.
उनके बारे में उनके ही गांव के निवासी वेद प्रकाश एडवोकेट का कहना है कि सुबह करीब 11 बजे पहलवान भूपेंद्र सिंह, कैप्टन रामकिशन कोच के साथ बाघोत के पास से गुजर रही बड़ी नहर की पटरी से होकर जा रहे थे. कैप्टन रामकिशन के मुताबिक जब वे दोनों बातें करते जा रहे थे, तभी अचानक पहलवान का पैर फिसल गया और वो नहर में जा गिरे. कैप्टन रामकिशन ने शोर मचाया आसपास के लोग इकट्ठे हो गए.
जब तक आस पास के लोग इकट्ठे हुए वो दूर तक बहकर जा चुके थे. लोगों ने नहर में छलांग लगा खोजबीन शुरू की लेकिन वो नहीं मिले. गांव के कुछ और लोग वहां पहुंचे. उन्होंने नहर के बहाव के साथ-साथ दूर तक छलांग लगाकर खोजना शुरू किया. आखिरकार पहलवान खोज निकाले गए और उन्हें कनीना के उप नागरिक अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कनीना पुलिस ने परिजनों के बयान पर इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई कर दी है. साथ ही शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है.
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कोच रामकिशन का कहना है कि पहलवान भूपेंद्र सिंह कुश्ती दंगल के अच्छे पहलवान माने जाते थे. खिलाड़ियों को ओलंपिक में भेजने की तैयारी कराते थे. भूपेद्र सिंह का आस पास के क्षेत्र में काफी नाम था. भूपेंद्र सिंह ने फरवरी महीने में कुश्ती दंगल आयोजित करवाया था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पहुंचे थे. यही नहीं पहलवान भूपेंद्र सिंह ने भुवनेश्वर उड़ीसा में 22 फरवरी से 1 मार्च तक आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी-2020 में 87 किलोग्राम ग्रीको रोमन कुश्ती प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था.