महेंद्रगढ़: हरियाणा के राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव पर अपने कोटे से आरपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल की दो ब्रांच को एक ही दिन में 37 लाख रुपये की ग्रांट देने का आरोप लगा है. बता दें कि इस मामले में महेंद्रगढ़ के गांव पालडी पनिहारा के सोमदेव पुत्र विश्वादत ने राज्यपाल को एक लिखित शिकायत भेजकर उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है.
शिकायतकर्ता का पक्ष
अपनी शिकायत में सोमदेव ने लिखा है कि आरपीएस संस्थाओं का ग्रुप है और एक ही मालिक का है. जिला महेंद्रगढ़ के ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य राजस्थान के बहरोड शहर और हरियाणा के अन्य जिलों में इनके स्कूल हैं. ये ग्रुप कई स्कूल और कॉलेज चलाता है और आर्थिक दृष्टि से संपन्न है. इन संस्थाओं में महंगी शिक्षा दी जाती है. यहां बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक विद्यार्थी की सालाना फीस तीन लाख रुपये है.
सोमदेव ने लिखा है कि ऐसी संस्था को एक ही दिन में 37 लाख रुपये बिना किसी सार्वजनिक आयोजन के गुपचुप तरीके से देना कई तरह के संदेह पैदा करता है. शिकायतकर्ता ने ये भी लिखा है कि मुझे जानकारी है कि मंत्रियों को इस तरह के अनुदान की शक्तियां आम आदमी के भलाई के लिए दी जाती हैं.
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अगर इस तरह व्यवसायिक संस्थाओं को व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए इसका दुरूपयोग किया जाता है तो इसमें बड़ा गोलमाल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. इसलिए सामाजिक न्याय राज्य मंत्री द्वारा जारी की गई इस ग्रांट की किसी उच्च स्तरीय निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए.
इन दो स्कूलों को जारी की गई ग्रांट
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के पंचायत एवं विकास विभाग के प्रिंसिपल सचिव की तरफ से 28 मार्च 2020 को जिला उपायुक्त को ग्रांट एलोकेशन का जो पत्र भेजा गया है उसके सीरियल नंबर-6 पर संस्था की नारनौल ब्रांच आरपीएस पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल को लैब निर्माण, उपकरण व फर्नीचर खरीद के लिए 15 लाख रुपये की ग्रांट जारी की गई है.
इसी पत्र में सीरियल नंबर-11 पर संस्था के महेंद्रगढ ब्रांच के राव प्रह्लाद सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल को 22 लाख रुपये की ग्रांट लैब निर्माण, उपकरण व फर्नीचर खरीद के लिए जारी किए गए हैं. दोनों सीरियलों पर ग्रांट जारी करने की एक ही तिथि 19 मार्च 2020 अंकित है.