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महेंद्रगढ़: NGT के आदेश के बाद भी नहीं बंद हुए स्टोन क्रेशर, आंदोलन की तैयारी में लोग - mahendragarh mahapanchayat

महेंद्रगढ़ फसल कटाई के दौरान खेतों में जमी स्टोन क्रेशरों की धूल और खराब होते स्वास्थ्य से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा पर्यावरण प्रदूषण के विरोध में इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में धोलेडा और बिगोपुर में महापंचायत का आयोजन किया गया

mahendragarh stone crushers protest
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Published : Apr 6, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 6:26 PM IST

महेंद्रगढ़: फसल कटाई के दौरान खेतों में जमी स्टोन क्रेशरों की धूल और खराब होते स्वास्थ्य से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. पर्यावरण प्रदूषण के विरोध में इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में धोलेडा और बिगोपुर में महापंचायत का आयोजन किया गया. महापंचायत को सम्बोधित करते हुए इंजीनियर तेजपाल यादव ने 3 दिसंबर 2020 को एनजीटी के मुख्य खंडपीठ द्वारा दिये गये महेंद्रगढ़ जिले के 72 स्टोन क्रेशरों के तुरन्त बंद करने के आदेश को 4 महीने का समय बीत जाने के बाबजूद अभी तक अमल में नहीं लाने पर चिंता जाहिर की.

स्टोन क्रेशरों से उड़ती धूल के विरोध में धोलेडा और बीगोपुर में हुई महापंचायत

ये भी पढ़ें: महेंद्रगढ़ में जल्द बंद हो सकती है 40 स्टोन क्रेशर यूनिट

उन्होंने कहा कि अब हमें एक बड़ा जन आंदोलन करना होगा और अपने हक और अधिकार के लिए सडक़ों पर उतरना पड़ेगा. महापंचायत में 12 अप्रैल को जिला मुख्यालय पर बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. तेजपाल यादव ने कहा कि स्टोन क्रेशरों की उड़ती धूल की वजह से ग्रामीण टीबी, दमा, अस्थमा, सिल्कॉसिस जैसी गंभीर बीमारियों से तिल-तिल कर मरने को विवश हो रहें हैं. क्रेशर प्रभावित गांवों मे छोटे-छोटे बच्चों और नौजवानों की आंखो मे खुजली और चर्म रोग अब आम बात हो गई है.

आपको बता दें कि 24 जुलाई 2019 को एनजीटी कोर्ट ने महेंद्रगढ़ जिले के 72 स्टोन क्रेशरों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए थे. लेकिन प्रशासन द्वारा इस आदेश को तुरंत लागू नहीं किया गया. जिसके चलते स्टोन क्रेशर संचालकों को सुप्रीम कोर्ट जाने का अवसर मिल गया. सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर 2020 को इस मामले को वापिस एनजीटी मे ट्रांसफर कर दिया. उसके बाद 3 दिसंबर 2020 को एनजीटी की मुख्य खंडपीठ ने 24 जुलाई 2019 के अपने पुराने फैसले पर मुहर लगाते हुए महेंद्रगढ़ जिले के 72 स्टोन क्रेशरों क़ो तुरंत बंद करने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें: चरखी दादरीः स्टोन क्रशर संचालकों पर एनजीटी ने लगाया 36 करोड़ का जुर्माना, नोटिस जारी

महेंद्रगढ़: फसल कटाई के दौरान खेतों में जमी स्टोन क्रेशरों की धूल और खराब होते स्वास्थ्य से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. पर्यावरण प्रदूषण के विरोध में इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में धोलेडा और बिगोपुर में महापंचायत का आयोजन किया गया. महापंचायत को सम्बोधित करते हुए इंजीनियर तेजपाल यादव ने 3 दिसंबर 2020 को एनजीटी के मुख्य खंडपीठ द्वारा दिये गये महेंद्रगढ़ जिले के 72 स्टोन क्रेशरों के तुरन्त बंद करने के आदेश को 4 महीने का समय बीत जाने के बाबजूद अभी तक अमल में नहीं लाने पर चिंता जाहिर की.

स्टोन क्रेशरों से उड़ती धूल के विरोध में धोलेडा और बीगोपुर में हुई महापंचायत

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उन्होंने कहा कि अब हमें एक बड़ा जन आंदोलन करना होगा और अपने हक और अधिकार के लिए सडक़ों पर उतरना पड़ेगा. महापंचायत में 12 अप्रैल को जिला मुख्यालय पर बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. तेजपाल यादव ने कहा कि स्टोन क्रेशरों की उड़ती धूल की वजह से ग्रामीण टीबी, दमा, अस्थमा, सिल्कॉसिस जैसी गंभीर बीमारियों से तिल-तिल कर मरने को विवश हो रहें हैं. क्रेशर प्रभावित गांवों मे छोटे-छोटे बच्चों और नौजवानों की आंखो मे खुजली और चर्म रोग अब आम बात हो गई है.

आपको बता दें कि 24 जुलाई 2019 को एनजीटी कोर्ट ने महेंद्रगढ़ जिले के 72 स्टोन क्रेशरों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए थे. लेकिन प्रशासन द्वारा इस आदेश को तुरंत लागू नहीं किया गया. जिसके चलते स्टोन क्रेशर संचालकों को सुप्रीम कोर्ट जाने का अवसर मिल गया. सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर 2020 को इस मामले को वापिस एनजीटी मे ट्रांसफर कर दिया. उसके बाद 3 दिसंबर 2020 को एनजीटी की मुख्य खंडपीठ ने 24 जुलाई 2019 के अपने पुराने फैसले पर मुहर लगाते हुए महेंद्रगढ़ जिले के 72 स्टोन क्रेशरों क़ो तुरंत बंद करने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें: चरखी दादरीः स्टोन क्रशर संचालकों पर एनजीटी ने लगाया 36 करोड़ का जुर्माना, नोटिस जारी

Last Updated : Apr 6, 2021, 6:26 PM IST
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