महेंद्रगढ़: महेंद्रगढ़ के गांव खातोद निवासी 34 वर्षीय सीआरपीएफ जवान कृष्ण कुमार सिस्टम से जंग हार गए. इलाज में देरी के कारण और ज्यादा खून बह जाने के कारण सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई. जिसके बाद उनके सात साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी.
दरअसल, रविवार को सीआरपीएफ जवान अपने जीजा के साथ किसी कार्य से रेवाड़ी जा रहे थे. इस दौरान गांव सिगड़ी के बस स्टैंड के पास एक ट्रॉला की चपेट में आने से वो घायल हो गए. उन्हें नागरिक अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद दूसरे अस्पताल रेफर किया गया. उन्हें परिजन रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी गंभीर हालत के चलते उनको गुरुग्राम के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल रेफर किया गया.
जहां अस्पताल प्रशासन ने घायल सीआरपीएफ जवान का इलाज छूट कार्ड की जगह कैश से करने के लिए कहा. इसके बाद घायल सीआरपीएफ जवान को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां भी कार्ड से इलाज करने से मना कर दिया गया. परिजन करीब 6 घंटे तक सीआरपीएफ जवान को गंभीर हालत में लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन इलाज नहीं मिलने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया.
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बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सोमवार को नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाया. जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. सीआरपीएफ के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ मातमी धुन बजाकर शस्त्रों को उल्टा कर सीआरपीएफ जवान कृष्ण कुमार को अंतिम विदाई दी. कृष्ण कुमार के सात वर्षीय लड़के तनुज ने मुख्याग्नि दी. उनकी एक 6 वर्ष की लड़की साइना और सात वर्ष का लड़का तनुज है.
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सैनिक की मौत का पूरे गांव को दुख था. वहीं हर कोई सिस्टम को कोस रहा था. दिल में दर्द छुपाए हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक बात थी कि काश देश का सिस्टम सही होता तो आज हमारा एक जवान सिस्टम के आगे जिंदगी की जंग ना हारता.