महेंद्रगढ़: कोरोना काल अभी खत्म नहीं हुआ कि देश में आयुर्वेद और एलोपैथी (ayurveda and allopathy dispute) को लेकर विवाद शुरू हो चुका है. ये विवाद शुरू हुआ योग गुरु बाबा रामदेव (baba ramdev) के कुछ बयानों से. बाबा रामदेव के कुछ वीडियो वायरल हुए जिसमें वो ये कहते नजर आए कि आयुर्वेद से बढ़िया कोई और पद्धति नहीं है.
उन्होंने एलोपैथी (allopathy) को निशाने पर लिया और कहा कि इससे मरीजों का सही और स्थाई इलाज नहीं होता. इसी बीच ईटीवी भारत हरियाणा की टीम बाबा रामदेव के गांव सैद अलीपुर पहुंची. यहां हमारी टीम ने ग्रामीणों से ये जानने की कोशिश की क्या वो लोग भी बाबा रामदेव के आयुर्वेदिक इलाज पर भरोसा करते हैं या नहीं?
पहले ही सवाल का मिला चौंकाने वाला जवाब
योग गुरु बाबा रामदेव पूरी दुनिया में आयुर्वेद का प्रचार कर रहे हैं. अपने हर योग शिविर में रामदेव को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि आयुर्वेद से हर बीमारी का स्थाई इलाज होता है. लेकिन जब हमारी बात उनके गांव के एक ग्रामीण से हुई तो उनका कहना था कि वो बीमार होने पर अस्पताल जाते हैं.
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उनके इस जवाब के बाद हमने उनसे ये पूछा कि यहां लोग आयुर्वेदिक दवाइयों (ayurvedic medicines) से इलाज नहीं करवाते क्या? ग्रामीण रामत सिंह ने कहा कि हमारे गांव में बाबा रामदेव की तरफ से कोई मेडिकल सुविधा नहीं दी गई है. हालांकि सामत सिंह ने ये भी कहा कि अगर कोई बाबा रामदेव की दवाई लेना चाहता है तो वो नांगल चौधरी जाकर ले आता है.
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बाबा रामदेव के गांव में नहीं पहुंची कोरोनिल
योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने 'कोरोनिल' नाम की दवा बनाई. बाबा रामदेव ने ये दावा किया कि 'कोरोनिल' से कोरोना के मरीजों का इलाज संभव है. बाबा रामदेव के इस बयान के बाद मेडिकल साइंस के डॉक्टरों में काफी नाराजगी देखने को मिली. इस दवा के बारे में जब हमारी टीम ने ग्रामीण राम अवतार से बात की तो उन्होंने कहा कि यहां बाबा रामदेव की कोई दवा नहीं आई है. राम अवतार ने ये भी कहा कि वो सरकार की दवाई ले रहे हैं.
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