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दिवाली और दशहरे को काले दिवस के तौर पर बनाएगी शिरोमणि अकाली दल - अकाली दल काला दिन दिवाली

कुरुक्षेत्र में शिरोमणि अकाली दल की बैठक हुई. जिसमें ये फैसला लिया गया कि दशहरे और दिवाली के पर्व के दिन सभी अकाली दल के कार्यकर्ता अपने-अपने घरों पर काले झंडे लगाकर इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाएंगे.

shiromani akali dal will celebrate diwali and dussehra as black day in haryana
दिवाली और दशहरे को काले दिवस के तौर पर बनाएगी SAD
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Published : Oct 8, 2020, 3:58 PM IST

कुरुक्षेत्र: कृषि कानून के विरोध में एनडीए से अलग होने वाली शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा में दिवाली और दशहरे को काले दिन के तौर पर मनाने का फैसला लिया है. ये फैसला हरियाणा शिरोमणि अकाली दल की कुरुक्षेत्र में हुई बैठक में लिया गया.

हरियाणा शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष शरणजीत सिंह सौंथा की अगुवाई में ये बैठक कुरुक्षेत्र के ऐतिहासिक गुरुद्वारा छठी पातशाही में आयोजित की गई. बैठक में फैसला लिया गया कि दशहरे और दिवाली के पर्व के दिन सभी अकाली दल के कार्यकर्ता अपने-अपने घरों पर काले झंडे लगाकर इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाएंगे.

दिवाली और दशहरे को काले दिवस के तौर पर बनाएगी SAD

ये भी पढ़िए: मिलिए हरियाणा के 'ओल्ड ब्वॉय' से, उम्र के साथ-साथ बढ़ रहे हैं मेडल भी

शरणजीत सिंह सौंथा ने कहा कि जिस तरह से पंजाब की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से किसानों के पक्ष में खड़े होकर इस्तीफा दिया है. हरियाणा के मंत्रियों को भी किसानों के पक्ष में आकर इस्तीफा देना चाहिए और किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए. शरणजीत सिंह ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने हरियाणा आकर भी सिर्फ किसानों के नाम पर राजनीति ही की है.

कुरुक्षेत्र: कृषि कानून के विरोध में एनडीए से अलग होने वाली शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा में दिवाली और दशहरे को काले दिन के तौर पर मनाने का फैसला लिया है. ये फैसला हरियाणा शिरोमणि अकाली दल की कुरुक्षेत्र में हुई बैठक में लिया गया.

हरियाणा शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष शरणजीत सिंह सौंथा की अगुवाई में ये बैठक कुरुक्षेत्र के ऐतिहासिक गुरुद्वारा छठी पातशाही में आयोजित की गई. बैठक में फैसला लिया गया कि दशहरे और दिवाली के पर्व के दिन सभी अकाली दल के कार्यकर्ता अपने-अपने घरों पर काले झंडे लगाकर इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाएंगे.

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शरणजीत सिंह सौंथा ने कहा कि जिस तरह से पंजाब की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से किसानों के पक्ष में खड़े होकर इस्तीफा दिया है. हरियाणा के मंत्रियों को भी किसानों के पक्ष में आकर इस्तीफा देना चाहिए और किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए. शरणजीत सिंह ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने हरियाणा आकर भी सिर्फ किसानों के नाम पर राजनीति ही की है.

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