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शाहबाद: ठेकेदार की मनमर्जी के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे आउटसोर्सिंग कर्मचारी - शाहाबाद आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल

शाहाबाद में आउटसोर्सिंग के तहत लगे कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. कर्मचारियों ने ठेकेदार पर मनमर्जी करने के आरोप लगाए हैं.

shahabad Outsourcing staff protest against Contractor
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Published : Nov 24, 2020, 12:24 PM IST

कुरुक्षेत्र: शाहबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आउटसोर्सिंग के तहत लगे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की.

हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि ठेकेदार अपनी मनमानी के चलते हर महीने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देता है या फिर कर्मचारियों को बेवजह डाउनग्रेड करते हुए उनका पदभार बदल दिया जाता है.

ठेकेदार के मनमर्जी के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे आउटसोर्सिंग कर्मचारी

कर्मचारी दयाराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदार का मनमर्जी के तहत किसी भी कर्मचारी को बिना नोटिस के हटा देता है. इतना ही नहीं कर्मचारी की डिमोशन के साथ पद भी बदल देते हैं. पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि जब तक उन्हें उनके पदों पर दोबारा नही रखा जाता तब तक धरना जारी रहेगा.

बता दें कि अस्पताल में 32 कर्मचारी काम करते हैं. रोजाना 4-4 कर्मचारियों को नोटिस दिए जा रहे हैं. कोविड-19 के समय में भी दिन रात ड्यूटी की गई. पिछले 3 महीने से वेतन भी नही मिला. ऐसे में घर का गुजारा भी नही हो पा रहा. धरने पर बैठे इन कर्मचारियों की मांग है कि जब तक ठेकेदार की मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया जाता और उन्हें उनके पदों पर दोबारा नहीं रखा जाता तब तक वो काम पर नहीं लौटेंगे.

ये भी पढ़ें- दिल्ली कूच की तैयारी में BKU, चढूनी बोले- आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे

वहीं दूसरी ओर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. रुपिंदर सैनी ने कहा कि हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के कारण स्वास्थ्य केंद्र के काम पर किसी प्रकार की भी कोई दिक्कत नहीं आने दी जा रही है. लेकिन बावजूद इसके शाम तक धरने पर बैठे कर्मचारियों से बातचीत करते हुए कोई ना कोई हल जरूर निकाला लिया जाएगा.

कुरुक्षेत्र: शाहबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आउटसोर्सिंग के तहत लगे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की.

हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि ठेकेदार अपनी मनमानी के चलते हर महीने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देता है या फिर कर्मचारियों को बेवजह डाउनग्रेड करते हुए उनका पदभार बदल दिया जाता है.

ठेकेदार के मनमर्जी के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे आउटसोर्सिंग कर्मचारी

कर्मचारी दयाराम ने आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदार का मनमर्जी के तहत किसी भी कर्मचारी को बिना नोटिस के हटा देता है. इतना ही नहीं कर्मचारी की डिमोशन के साथ पद भी बदल देते हैं. पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि जब तक उन्हें उनके पदों पर दोबारा नही रखा जाता तब तक धरना जारी रहेगा.

बता दें कि अस्पताल में 32 कर्मचारी काम करते हैं. रोजाना 4-4 कर्मचारियों को नोटिस दिए जा रहे हैं. कोविड-19 के समय में भी दिन रात ड्यूटी की गई. पिछले 3 महीने से वेतन भी नही मिला. ऐसे में घर का गुजारा भी नही हो पा रहा. धरने पर बैठे इन कर्मचारियों की मांग है कि जब तक ठेकेदार की मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया जाता और उन्हें उनके पदों पर दोबारा नहीं रखा जाता तब तक वो काम पर नहीं लौटेंगे.

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वहीं दूसरी ओर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. रुपिंदर सैनी ने कहा कि हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के कारण स्वास्थ्य केंद्र के काम पर किसी प्रकार की भी कोई दिक्कत नहीं आने दी जा रही है. लेकिन बावजूद इसके शाम तक धरने पर बैठे कर्मचारियों से बातचीत करते हुए कोई ना कोई हल जरूर निकाला लिया जाएगा.

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