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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में ऑर्गेनिक खेती पर सेमिनार, पद्मश्री बीबी त्यागी ने की शिरकत - कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ऑर्गेनिक खेती सेमिनार

पद्मश्रीबीबी त्यागी का मानना है कि ऑर्गेनिक खेती ही एक ऐसा जरिया है जिसके साथ ही किसान की आमदनी लौट सकती है साथ में जहरीली होती खेती को बचाया जा सकता है.

seminar on organic farming
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में ऑर्गेनिक खेती पर सेमिनार
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Published : Jan 10, 2020, 3:28 PM IST

कुरुक्षेत्रः 3 दिन तक कुरुक्षेत्र विश्व विद्यालय में चलने वाले ऑर्गेनिक फार्मिंग सेमिनार में आज पद्मश्री बीबी त्यागी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को ऑर्गेनिक फार्मिंग से संबंधित सभी शंकाएं दूर की और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के प्रमाण पत्र संबंधी भी जानकारियां दी. पद्मश्रीबी.बी त्यागी का कहना है कि ऑर्गेनिक खेती को लेकर मिथक चलाया जा रहा है.

'ऑर्गेनिक खेती को लेकर फैलाए गए मिथक'
सेमिनार में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बी.बी त्यागी ने कहा कि ऑर्गेनिक फार्मिंग और प्राकृतिक खेती में कोई खास अंतर नहीं है. उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती को लेकर फैलाई जा रही गलत फहमियों से लोगों को गलत संदेश मिल रहा है. उन्होंने कहा है कि प्राकृतिक खेती और जीरो बजट की खेती का नारा लगाने वाले सिर्फ अपनी पहचान के लिए इस तरह का मिथक फैला रहे हैं.

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में ऑर्गेनिक खेती पर सेमिनार

'रसायनिक खेती से कर्जदार बना किसान'
पद्मश्री बीबी त्यागी ने सेमिनार में छात्र-छात्राओं को ऑर्गेनिक फार्मिंग की जरूरत क्यों पड़ी और ऑर्गेनिक फार्मिंग करने के साथ-साथ उसकी मार्केटिंग और प्रोसेसिंग जैसे बिंदुओं पर खूब चर्चा की. बी.बी त्यागी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे ऑर्गेनिक फार्मिंग में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आज अधिक पेस्टिसाइड और रसायन के उपयोग ने जहां खेती को जहरीला बना दिया है तो वहीं किसान को कर्जदार और बीमार बना दिया है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा के इंजीनियर ने नौकरी छोड़ शुरू की मोती की खेती, अब कमा रहे हैं लाखों रुपये

'ऑर्गेनिक खेती किसानों के लिए वरदान'
पद्मश्रीबी.बी त्यागी का मानना है कि ऑर्गेनिक खेती ही एक ऐसा जरिया है जिसके साथ ही किसान की आमदनी लौट सकती है साथ में जहरीली होती खेती को बचाया जा सकता है. उनका कहना है कि ऑर्गेनिक खेती से पैदा किए की फसल के दाम किसान खुद तय कर सकता है. जबकि रसायन खेती में पैदा किए गए फसल के दाम किसान खुद तय नहीं कर पाता.

तीन दिन तक सेमिनार का आयोजन
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सेमिनार में प्रोफेसर डॉक्टर सुदेश छिकारा निदेशक वूमेन स्टडीज भी मौजूद थी. उन्होंने कहा कि इस सेमिनार के जरिए युवाओं को ऑर्गेनिक खेती की ओर प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ये सेमिनार तीन दिन तक चलेगा और इस दौरान छात्र-छात्राओं को फील्ड में विजिट भी कराया जाएगा ताकि उन्हें ऑर्गेनिक खेती जुड़ी कोई भी शंका ना हो.

कुरुक्षेत्रः 3 दिन तक कुरुक्षेत्र विश्व विद्यालय में चलने वाले ऑर्गेनिक फार्मिंग सेमिनार में आज पद्मश्री बीबी त्यागी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को ऑर्गेनिक फार्मिंग से संबंधित सभी शंकाएं दूर की और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के प्रमाण पत्र संबंधी भी जानकारियां दी. पद्मश्रीबी.बी त्यागी का कहना है कि ऑर्गेनिक खेती को लेकर मिथक चलाया जा रहा है.

'ऑर्गेनिक खेती को लेकर फैलाए गए मिथक'
सेमिनार में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बी.बी त्यागी ने कहा कि ऑर्गेनिक फार्मिंग और प्राकृतिक खेती में कोई खास अंतर नहीं है. उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती को लेकर फैलाई जा रही गलत फहमियों से लोगों को गलत संदेश मिल रहा है. उन्होंने कहा है कि प्राकृतिक खेती और जीरो बजट की खेती का नारा लगाने वाले सिर्फ अपनी पहचान के लिए इस तरह का मिथक फैला रहे हैं.

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में ऑर्गेनिक खेती पर सेमिनार

'रसायनिक खेती से कर्जदार बना किसान'
पद्मश्री बीबी त्यागी ने सेमिनार में छात्र-छात्राओं को ऑर्गेनिक फार्मिंग की जरूरत क्यों पड़ी और ऑर्गेनिक फार्मिंग करने के साथ-साथ उसकी मार्केटिंग और प्रोसेसिंग जैसे बिंदुओं पर खूब चर्चा की. बी.बी त्यागी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे ऑर्गेनिक फार्मिंग में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आज अधिक पेस्टिसाइड और रसायन के उपयोग ने जहां खेती को जहरीला बना दिया है तो वहीं किसान को कर्जदार और बीमार बना दिया है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा के इंजीनियर ने नौकरी छोड़ शुरू की मोती की खेती, अब कमा रहे हैं लाखों रुपये

'ऑर्गेनिक खेती किसानों के लिए वरदान'
पद्मश्रीबी.बी त्यागी का मानना है कि ऑर्गेनिक खेती ही एक ऐसा जरिया है जिसके साथ ही किसान की आमदनी लौट सकती है साथ में जहरीली होती खेती को बचाया जा सकता है. उनका कहना है कि ऑर्गेनिक खेती से पैदा किए की फसल के दाम किसान खुद तय कर सकता है. जबकि रसायन खेती में पैदा किए गए फसल के दाम किसान खुद तय नहीं कर पाता.

तीन दिन तक सेमिनार का आयोजन
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सेमिनार में प्रोफेसर डॉक्टर सुदेश छिकारा निदेशक वूमेन स्टडीज भी मौजूद थी. उन्होंने कहा कि इस सेमिनार के जरिए युवाओं को ऑर्गेनिक खेती की ओर प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ये सेमिनार तीन दिन तक चलेगा और इस दौरान छात्र-छात्राओं को फील्ड में विजिट भी कराया जाएगा ताकि उन्हें ऑर्गेनिक खेती जुड़ी कोई भी शंका ना हो.

Intro:पेस्टिसाइड और रसायनिक के अधिक उपयोग से जहरीली होती खेती को बचाने के लिए प्रबुद्ध लोग आगे आ रहे हैं
पदम श्री बी बी त्यागी  कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ऑर्गेनिक फार्मिंग पर चल रहे 3 दिवसीय सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे
पदम श्री बीबी त्यागी ने सेमिनार में छात्र-छात्राओं को ऑर्गेनिक फार्मिंग की जरूरत क्यों पड़ी और ऑर्गेनिक फार्मिंग करने के साथ-साथ उसकी मार्केटिंग और प्रोसेसिंग जैसे बिंदुओं पर खूब चर्चा की 
बी बी त्यागी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे ऑर्गेनिक फार्मिंग में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे उन्होंने कहा कि आज अधिक पेस्टिसाइड और रसायन के उपयोग ने जहा खेती को जहरीला बना दिया है 
वही किसान कर्जदार और बीमार बना दिया है पदम श्री बी बी त्यागी  का मानना है 
कि ऑर्गेनिक खेती ही एक ऐसा जरिया है जिसके साथ ही किसान की आमदनी लौट सकती है साथ में जहरीली होती खेती को बचाया जा सकता है
उनका कहना है कि ऑर्गेनिक खेती से पैदा किए की फसल के दाम किसान खुद तय कर सकता है
जबकि रसायन खेती में पैदा किए गए फसल के दाम किसान खुद तय नहीं कर पाता
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सेमिनार में प्रोफेसर डॉक्टर सुदेश छिकारा निदेशक वूमेन स्टडीज ने कहा कि 

 3 दिन तक चलने वाले ऑर्गेनिक फार्मिंग सेमिनार में जहां आज पदम श्री बीबी त्यागी पहुंचे हैं और उन्होंने छात्र-छात्राओं को ऑर्गेनिक फार्मिंग से संबंधित सभी शंकाओं को दूर किया और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट  के प्रमाण पत्र संबंधी भी जानकारियां दी
पदम श्री बी बी  त्यागी का कहना है कि आज जहां  मिथक चलाया जा रहा है
उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक फार्मिंग और प्राकृतिक खेती में कोई खास अंतर नहीं है प्राकृतिक खेती ओर जीरो बजट की खेती का नारा लगाने वाले सिर्फ अपनी पहचान के लिए इस तरह का मिथक फैला रहे हैं


वाइट प्रोफेसर डॉ सुरेश छिकारा निदेशक वूमेन स्टडीज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय 


बाइट पदम श्री बी बी त्यागी

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