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पद्मश्री रानी रामपाल के लिए ये साल लाया खुशियों का त्योहार, परिवार मना रहा दिवाली!

रानी रामपाल को इस साल पद्मश्री सम्मान के बाद उन्हें दुनिया की नंबर वन एथलीट चुना गया है. इसके साथ ही उन्हें साई ने कप्तान का ओहदा भी दिया है. विस्तार से पढ़ें.

reaction of rani rampal family on her achievement
पद्मश्री रानी रामपाल के लिए ये साल लाया खुशियों का त्योहार
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Published : Feb 3, 2020, 9:19 PM IST

कुरुक्षेत्र: 1 फरवरी को रानी रामपाल को 'वर्ल्ड गेम्स ऐथलीट ऑफ द ईयर' घोषित किया गया. इस खबर ने रानी रामपाल के परिवार को दो गुनी खुशी से सराबोर कर दिया. रानी रामपाल को पद्म श्री मिलने पर परिवार पहले से ही जश्न मना रहा था, वहीं इस खबर ने तो पिता के आंखों में खुशी के आंसू छलका दिए.

हॉकी खेलने का जिद्द और जुनून

रानी रामपाल के पिता कहना है कि उन्होंने उनकी बेटी की हॉकी खेलने की जिद्द और जुनून ने आज दुनिया को बता दिया कि उसके मजबूत हौसलों के आगे कोई भी मुश्किल अड़चन पैदा नहीं कर सकती. इन उप्लब्धियों की वजह से आज रानी रामपाल को साई ने हॉकी कोच का पद भी दिया है.

रानी रामपाल की उपलब्धियों से परिवार में खुशी का माहौल, देखिए रिपोर्ट

वहीं रानी रामपाल की माता की खुशी का ठिकाना ही नहीं है. उनकी माता का कहना है कि रानी से फिलहाल बात नहीं हो पाई है. वो खेलों की वजह से न्यूजीलैंड में है. रानी की माता ने रानी को दिल से स्पोर्ट करने के लिए देशवासियों का धन्यवाद किया.

पिता को अपना आदर्श मानती हैं रानी रामपाल

रानी रामपाल के पिता रामपाल सिंह उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए रेहड़ा चलाते थे. रानी अपने पिता को अपना आदर्श मानती है. रानी रामपाल अपने पिता के नाम को अपने नाम साथ जोड़ती है. अब रानी रामपाल का ध्यान जुलाई 2020 में जापान के टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में पदक जीतने पर केंद्रित है. अभी वो न्यूजलैंड में हैं और रोज लगातार अपने मैच में नया किर्तिमान हासिल कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- रानी रामपाल को मिला पद्म श्री अवॉर्ड, वो हॉकी स्टिक से सिर्फ खेली ही नहीं लड़ी भी!

कुरुक्षेत्र: 1 फरवरी को रानी रामपाल को 'वर्ल्ड गेम्स ऐथलीट ऑफ द ईयर' घोषित किया गया. इस खबर ने रानी रामपाल के परिवार को दो गुनी खुशी से सराबोर कर दिया. रानी रामपाल को पद्म श्री मिलने पर परिवार पहले से ही जश्न मना रहा था, वहीं इस खबर ने तो पिता के आंखों में खुशी के आंसू छलका दिए.

हॉकी खेलने का जिद्द और जुनून

रानी रामपाल के पिता कहना है कि उन्होंने उनकी बेटी की हॉकी खेलने की जिद्द और जुनून ने आज दुनिया को बता दिया कि उसके मजबूत हौसलों के आगे कोई भी मुश्किल अड़चन पैदा नहीं कर सकती. इन उप्लब्धियों की वजह से आज रानी रामपाल को साई ने हॉकी कोच का पद भी दिया है.

रानी रामपाल की उपलब्धियों से परिवार में खुशी का माहौल, देखिए रिपोर्ट

वहीं रानी रामपाल की माता की खुशी का ठिकाना ही नहीं है. उनकी माता का कहना है कि रानी से फिलहाल बात नहीं हो पाई है. वो खेलों की वजह से न्यूजीलैंड में है. रानी की माता ने रानी को दिल से स्पोर्ट करने के लिए देशवासियों का धन्यवाद किया.

पिता को अपना आदर्श मानती हैं रानी रामपाल

रानी रामपाल के पिता रामपाल सिंह उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए रेहड़ा चलाते थे. रानी अपने पिता को अपना आदर्श मानती है. रानी रामपाल अपने पिता के नाम को अपने नाम साथ जोड़ती है. अब रानी रामपाल का ध्यान जुलाई 2020 में जापान के टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में पदक जीतने पर केंद्रित है. अभी वो न्यूजलैंड में हैं और रोज लगातार अपने मैच में नया किर्तिमान हासिल कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- रानी रामपाल को मिला पद्म श्री अवॉर्ड, वो हॉकी स्टिक से सिर्फ खेली ही नहीं लड़ी भी!

Intro: रानी रामपाल बनीं विश्व की पहली हॉकी खिलाड़ी, मिला 'वर्ल्ड गेम्स ऐथलीट ऑफ द ईयर' पुरस्कार

  धर्मनगरी कुरुक्षेत्र की शाहाबाद मारकंडा निवासी  महिला हाकी कप्तान   रानी रामपाल को 2020 का  मिला 'वर्ल्ड गेम्स ऐथलीट ऑफ द ईयर' पुरस्कार  पर  परिवार में खुशी का माहौल,  हालांकि भारतीय हॉकी कप्तान  रानी रामपाल इस समय न्युजीलैंड में मैच खेलने गई हुई है। परिवार को देर रात्रि मिला खुशी का संदेश की उनकी बेटी को मिला 'वर्ल्ड गेम्स ऐथलीट ऑफ द ईयर' पुरस्कार तो उन्होंने लड्डू खाकर खुशी मनाई ,हरियाणा की हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल वह इकलौती खिलाड़ी है जिनका नाम इस में शामिल किया गया है। 



Body:रानी के पिता रामपाल बेटी को मिला 'वर्ल्ड गेम्स ऐथलीट ऑफ द ईयर' मिलने पर खुशी से फूले नहीं समाते हैं उनकी आंखों में खुशी के आंसू देखे गए उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने प्रदेश ही नहीं देश में भी हॉकी की बदौलत अपना परचम फहराया है और हॉकी खेलने की उसकी जिद और जुनून आज फलीभूत हुई है रानी की मां का भी कहना है कि वह बचपन से ही हॉकी को लेकर इतनी लगन शील है कि उसे हकीकत शौक है शादी का नहीं पदम श्री  के साथ मिला 'वर्ल्ड गेम्स ऐथलीट ऑफ द ईयर'  मिलने पर वह भी खुशी से इतराती नजर आई और बोली कि सोचा नहीं था कि आज का दिन देखना भी नसीब होगा




Conclusion:शाहाबाद मारकंडा में रामपाल और राममूर्ति के घर जन्मी बिटिया का नाम रानी रखा गया। पिछले 11 साल से वह टीम इंडिया का हिस्सा हैं। रानी सिर्फ 13 साल की उम्र में ही भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल हो गई थी। चौथी क्लास में थी तो उसने ग्राउंड में लड़कियों को हॉकी खेलते देखा और खुद भी हॉकी खेलना शुरू किया। धीरे-धीरे रानी ने हॉकी में नाम कमाया। भारतीय हॉकी टीम की कैप्टन बनी। 
वाइट : रामपाल पिता
बाइट : राममूर्ति माता

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