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लॉकडाउन ने 20 साल से बिछड़े पिता को बेटे से मिलाया

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Published : May 5, 2020, 5:33 PM IST

Updated : May 5, 2020, 7:27 PM IST

कुरुक्षेत्र में लॉकडाउन ने 20 साल पहले परिवार से बिछड़े पिता को वापस अपने बेटे से मिलाया है. बेटे ने स्पेन से अपने पिता से वीडियो कॉल के जरिए बात भी की है.

Person missing for 20 years met his son in kurukshetra
लॉकडाउन ने 20 साल से बिछड़े पिता को बेटे से मिलाया, फोन पर ही रोने लगा बेटा

कुरुक्षेत्रः कोरोना वायरस के कारण देश में लगे लॉकडाउन से एक ओर लोग जहां जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इसी लॉकडाउन ने एक घर की खुशियां वापस लौटाई हैं. खबर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से है. जहां 20 साल पहले खोये एक व्यक्ति को लॉकडाउन में उसका परिवार वापस मिला गया है. इन्हें मिलाने का जरिया बना कुरुक्षेत्र का राधा स्वामी सत्संग घर.

20 साल पहले छोड़ा था घर

कुरुक्षेत्र के राधा स्वामी सत्संग भवन ने लॉकडाउन में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से 100 साधुओं को आश्रय दिया हुआ है. भवन में ठहराए गए साधुओं में से एक आश्रय लेने वाला साधु पंजखोरा का निवासी छोटू राम भी शामिल था. जो करीब 20 साल पहले बड़े बेटे से नाराजगी के चलते घर छोड़कर चला गया था.

लॉकडाउन ने 20 साल से बिछड़े पिता को बेटे से मिलाया, फोन पर ही रोने लगा बेटा

क्यों छोड़ा था घर

छोटू राम बताते हैं कि 'मैं अंबाला जिले के पंजखोरा के रहने वाला हूं और मेरा एक बेटा स्पेन तो दूसरा बेटा पानीपत में रहता है. मैं 20 साल पहले अपने बेटे के साथ हुई मामुली कहासुनी के चलते घर छोड़कर चला गया था. इस दौरान उसने सिरसा के सत्संग में भाग लिया. उसके बाद कई मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर अपना समय व्यतीत किया.'

घर से जाते ही छोटू राम सिरसा में सत्संग में शामिल हो गया. उसके बाद वो वहां से राजस्थान के गंगानगर पहुंच गया. राजस्थान जिले के गंगानगर में 17 साल बिताने के बाद छोटू राम एक बार फिर हरियाणा लौटा.

लॉकडाउन ने ऐसे मिलाया परिवार

करीब 20 साल तक छोटू राम पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर घूमता रहा. फिलहाल वो कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर पर रह रहा था. जिसे लॉकडाउन के कारण राधास्वामी सत्संग के घर में ठहराया गया था. पिता के खोये जाने की खबर बेटे ने पुलिस में भी दे रखी थी. जिसके बाद वो हर रोज पुलिस से अपने पिता को लेकर पूछताछ करता था. सत्संग भवन में तैनात एक पुलिसकर्मी ने इस दौरान छोटू राम को पहचान लिया.

ये भी पढ़ेंः भीड़ से सीख: आज से करनाल में ऑड-ईवन फॉर्मूले से खुलेंगी दुकानें

पुलिसकर्मी ने पहचाना

पुलिस के एएसआई सुभाष चंद ने आश्रम के सेवादारों को बताया कि आश्रय लेने वाला साधु किसी समय गांव का मौजिज व्यक्ति था. उन्होंने आश्रम वालों को पूरा मामला समझाया.

एएसआई सुभाष चंद का कहना है कि 'राधा स्वामी सत्संग भवन में कई साधू आश्रय लेने पहुंचे थे. इनमें छोटूराम भी शामिल था. जिसकी गुमशुदगी की जानकारी मुझे पहले से थी. इसके बाद मैंने धीरे-धीरे छोटू राम से बातचीत की. जिसमें छोटू राम ने बताया कि उन्होंने 20 साल पहले अपना घर छोड़ दिया था.'

20 साल बाद फोन पर हुआ दीदार

मामला समझते ही एएसआई सुभाष चंद ने आश्रय लेने वाले साधु छोटू राम के बेटे को जो कि स्पेन में रह रहा है उसे फोन किया. राधा स्वामी सत्संग घर के सेवादारों ने वीडियो कॉल कर बेटे की अपने पिता से बात कराई.

20 साल बाद अपने पिता को देखने और बात करके बेटे की खुशी का ठिकाना न रहा. स्पेन में रह रहे बेटे ने राधास्वामी सत्संग घर कुरुक्षेत्र-1 का हाथ जोड़ कर धन्यवाद किया. छोटू राम के बेटे राजेश ने प्रार्थना करते हुए कहा कि उनके पिता को उनके घर पानीपत में पहुंचा दिया जाए. जिसके लिए जो भी कागजी कार्रवाई होगी वो पूरा करने को तैयार हैं.

कुरुक्षेत्रः कोरोना वायरस के कारण देश में लगे लॉकडाउन से एक ओर लोग जहां जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इसी लॉकडाउन ने एक घर की खुशियां वापस लौटाई हैं. खबर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से है. जहां 20 साल पहले खोये एक व्यक्ति को लॉकडाउन में उसका परिवार वापस मिला गया है. इन्हें मिलाने का जरिया बना कुरुक्षेत्र का राधा स्वामी सत्संग घर.

20 साल पहले छोड़ा था घर

कुरुक्षेत्र के राधा स्वामी सत्संग भवन ने लॉकडाउन में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से 100 साधुओं को आश्रय दिया हुआ है. भवन में ठहराए गए साधुओं में से एक आश्रय लेने वाला साधु पंजखोरा का निवासी छोटू राम भी शामिल था. जो करीब 20 साल पहले बड़े बेटे से नाराजगी के चलते घर छोड़कर चला गया था.

लॉकडाउन ने 20 साल से बिछड़े पिता को बेटे से मिलाया, फोन पर ही रोने लगा बेटा

क्यों छोड़ा था घर

छोटू राम बताते हैं कि 'मैं अंबाला जिले के पंजखोरा के रहने वाला हूं और मेरा एक बेटा स्पेन तो दूसरा बेटा पानीपत में रहता है. मैं 20 साल पहले अपने बेटे के साथ हुई मामुली कहासुनी के चलते घर छोड़कर चला गया था. इस दौरान उसने सिरसा के सत्संग में भाग लिया. उसके बाद कई मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर अपना समय व्यतीत किया.'

घर से जाते ही छोटू राम सिरसा में सत्संग में शामिल हो गया. उसके बाद वो वहां से राजस्थान के गंगानगर पहुंच गया. राजस्थान जिले के गंगानगर में 17 साल बिताने के बाद छोटू राम एक बार फिर हरियाणा लौटा.

लॉकडाउन ने ऐसे मिलाया परिवार

करीब 20 साल तक छोटू राम पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर घूमता रहा. फिलहाल वो कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर पर रह रहा था. जिसे लॉकडाउन के कारण राधास्वामी सत्संग के घर में ठहराया गया था. पिता के खोये जाने की खबर बेटे ने पुलिस में भी दे रखी थी. जिसके बाद वो हर रोज पुलिस से अपने पिता को लेकर पूछताछ करता था. सत्संग भवन में तैनात एक पुलिसकर्मी ने इस दौरान छोटू राम को पहचान लिया.

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पुलिसकर्मी ने पहचाना

पुलिस के एएसआई सुभाष चंद ने आश्रम के सेवादारों को बताया कि आश्रय लेने वाला साधु किसी समय गांव का मौजिज व्यक्ति था. उन्होंने आश्रम वालों को पूरा मामला समझाया.

एएसआई सुभाष चंद का कहना है कि 'राधा स्वामी सत्संग भवन में कई साधू आश्रय लेने पहुंचे थे. इनमें छोटूराम भी शामिल था. जिसकी गुमशुदगी की जानकारी मुझे पहले से थी. इसके बाद मैंने धीरे-धीरे छोटू राम से बातचीत की. जिसमें छोटू राम ने बताया कि उन्होंने 20 साल पहले अपना घर छोड़ दिया था.'

20 साल बाद फोन पर हुआ दीदार

मामला समझते ही एएसआई सुभाष चंद ने आश्रय लेने वाले साधु छोटू राम के बेटे को जो कि स्पेन में रह रहा है उसे फोन किया. राधा स्वामी सत्संग घर के सेवादारों ने वीडियो कॉल कर बेटे की अपने पिता से बात कराई.

20 साल बाद अपने पिता को देखने और बात करके बेटे की खुशी का ठिकाना न रहा. स्पेन में रह रहे बेटे ने राधास्वामी सत्संग घर कुरुक्षेत्र-1 का हाथ जोड़ कर धन्यवाद किया. छोटू राम के बेटे राजेश ने प्रार्थना करते हुए कहा कि उनके पिता को उनके घर पानीपत में पहुंचा दिया जाए. जिसके लिए जो भी कागजी कार्रवाई होगी वो पूरा करने को तैयार हैं.

Last Updated : May 5, 2020, 7:27 PM IST
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