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अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव: अनाथालय के बच्चों की आर्ट एंड क्राफ्ट पेंटिंग्स लोगों को आ रही पसंद

अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव (International Gita Jayanti Festival) के मौके पर बच्चों की पेंटिंग लोगों को काफी ज्यादा पसंद आ रही है. हरियाणा के 13 जिलों के अनाथालय के बच्चों की पेंटिंग की प्रदर्शनी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर लगी हुई है.

Children's Handicraft Artifacts at Gita Jayanti Mahotsav
गीता जयंती महोत्सव में बच्चों की हस्तशिल्प कलाकृतियां
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Published : Nov 23, 2022, 5:53 PM IST

कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में इन दिनों अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव (International Gita Jayanti mahotsav) की धूम देखने को मिल रही है. जिसमें हमारे देश की संस्कृति के अलग-अलग रंग नजर आ रहे हैं. वहीं इन दिनों गीता जयंती महोत्सव में बच्चों की हस्तशिल्प कलाकृतियां देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ भी उमड़ रही है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती उत्सव में क्राफ्ट और सरस मेले में विभिन्न प्रकार के स्टाल लगाए गए हैं.

अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव कुरुक्षेत्र में एक अनोखी स्टॉल देखने को मिली जहां हरियाणा के जिलों में बनाए गए अनाथालय मे रह रहे अनाथ बच्चों के द्वारा सजावट के सामान और पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई गई. जो अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर आए हुए पर्यटक को काफी लुभा रही है. अलग-अलग पेंटिंग की खूबसूरती लोगों को पेंटिंग खरीदने पर मजबूर कर रही है. बता दें कि अनाथ आश्रम में रह रहे बच्चों के द्वारा ये सभी पेंटिंग्स बनाई गई है.

हरियाणा के 13 जिलों के अनाथ बच्चों ने लगाई हस्तशिल्प कलाकृतियां

अनाथालय के बच्चों ने लगाई प्रदर्शनी: ये सभी चीजें जो घर में सजावट के काम आती है, उससे पेंटिग बनाई गई हैं. जिस बच्चे का जो भी सामान बेचा जाता है तो वो पैसे उस बच्चे के खाते में ही जाते हैं. हरियाणा के 13 जिलों के अनाथालय के बच्चों के समान की प्रदर्शनी अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती फेस्टिवल पर लगी हुई है. ये एक सराहनीय कदम बच्चों के भविष्य के लिए लिया गया है. जिससे बच्चों को आगे चलकर भी लाभ होगा. बाल संरक्षण विभाग के कर्मचारी ने बताया कि बच्चों को अनाथालय में आर्ट एंड क्राफ्ट के लिए विशेष तौर पर शिक्षा दी जाती है.

Children made a picture of Bhakt Singhबच
बच्चों ने बनाई भक्त सिंह की पेंटिंग

लोगों को पसंद आ रही बच्चों की पेंटिंग्स: बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए टीचर्स भी नियुक्त किए गए हैं. उसकी बदौलत ही बच्चों की कला उभरकर सामने आती है और बच्चे अपनी कलाकृती ऐसे नए-नए सजावटी समान से बना रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ लोग समझते हैं कि अनाथालय में बच्चों को कलाकृतियां और दूसरे गुर नहीं सिखाए जाते लेकिन इन बच्चों ने यहां पर अपनी प्रदर्शनी लगाकर लोगों को दिखा दिया है कि अनाथालय में रहने वाले बच्चे दूसरे बच्चों से कम नहीं है उनकी कला भी दूसरे बच्चों की तरह अद्भुत है. लोगों के ये पेंडिंग खूब पसंद आ रही है.

Children's painting attracted people
बच्चों की पेंटिंग ने लोगों को किया आकर्षित

अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर बाल संस्थानों में रह रहे बच्चों के द्वारा बनाई गई हैंडमेड वस्तुएं पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां पर हरियाणा के सभी जिलों के बाल संस्थानों से बच्चे द्वारा तैयार की गई हाथों से बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई है और इसे बेचकर जो भी कमाई होगी उसे इन बच्चों के बैंक खातों में डाला जायेगा. कुरुक्षेत्र बाल संरक्षण अधिकारी इंदु का कहना है कि बीते साल भी गीता जयंती के समय यह प्रदर्शनी लगाई गई थी. जिसमें आमजन ने काफी रूचि दिखाई थी. और उनकी स्टॉल कि पहले वर्ष ही लगभग 40 हजार रुपये आमदनी हुई थी. इस बार भी पर्यटक काफी रुचि दिखा रहे हैं.

Children made best artworks from waste material
वेस्ट सामान से बच्चों ने बनाई बेस्ट कलाकृतियां

ये भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव: पर्यटकों को लुभा रही स्टोन डस्ट पेंटिंग, जानें क्या है खास

इससे बच्चों को भी काफी मोटिवेशन मिलता है. जो कला बच्चे यहां सीखते हैं इसी कला को यहां से निकलने के बाद वह अपनी आय का साधन बना सकते हैं. यह कला इन बच्चों को एक नई पहचान दे सकती है. इन अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो पूरा वर्ष ही बच्चे अपनी रुचि के हिसाब से यह हस्तकलाएं तैयार करते रहते हैं लेकिन गीता जयंती को लेकर बच्चों में अलग ही उत्साह होता है.

कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में इन दिनों अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव (International Gita Jayanti mahotsav) की धूम देखने को मिल रही है. जिसमें हमारे देश की संस्कृति के अलग-अलग रंग नजर आ रहे हैं. वहीं इन दिनों गीता जयंती महोत्सव में बच्चों की हस्तशिल्प कलाकृतियां देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ भी उमड़ रही है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती उत्सव में क्राफ्ट और सरस मेले में विभिन्न प्रकार के स्टाल लगाए गए हैं.

अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव कुरुक्षेत्र में एक अनोखी स्टॉल देखने को मिली जहां हरियाणा के जिलों में बनाए गए अनाथालय मे रह रहे अनाथ बच्चों के द्वारा सजावट के सामान और पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई गई. जो अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर आए हुए पर्यटक को काफी लुभा रही है. अलग-अलग पेंटिंग की खूबसूरती लोगों को पेंटिंग खरीदने पर मजबूर कर रही है. बता दें कि अनाथ आश्रम में रह रहे बच्चों के द्वारा ये सभी पेंटिंग्स बनाई गई है.

हरियाणा के 13 जिलों के अनाथ बच्चों ने लगाई हस्तशिल्प कलाकृतियां

अनाथालय के बच्चों ने लगाई प्रदर्शनी: ये सभी चीजें जो घर में सजावट के काम आती है, उससे पेंटिग बनाई गई हैं. जिस बच्चे का जो भी सामान बेचा जाता है तो वो पैसे उस बच्चे के खाते में ही जाते हैं. हरियाणा के 13 जिलों के अनाथालय के बच्चों के समान की प्रदर्शनी अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती फेस्टिवल पर लगी हुई है. ये एक सराहनीय कदम बच्चों के भविष्य के लिए लिया गया है. जिससे बच्चों को आगे चलकर भी लाभ होगा. बाल संरक्षण विभाग के कर्मचारी ने बताया कि बच्चों को अनाथालय में आर्ट एंड क्राफ्ट के लिए विशेष तौर पर शिक्षा दी जाती है.

Children made a picture of Bhakt Singhबच
बच्चों ने बनाई भक्त सिंह की पेंटिंग

लोगों को पसंद आ रही बच्चों की पेंटिंग्स: बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए टीचर्स भी नियुक्त किए गए हैं. उसकी बदौलत ही बच्चों की कला उभरकर सामने आती है और बच्चे अपनी कलाकृती ऐसे नए-नए सजावटी समान से बना रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ लोग समझते हैं कि अनाथालय में बच्चों को कलाकृतियां और दूसरे गुर नहीं सिखाए जाते लेकिन इन बच्चों ने यहां पर अपनी प्रदर्शनी लगाकर लोगों को दिखा दिया है कि अनाथालय में रहने वाले बच्चे दूसरे बच्चों से कम नहीं है उनकी कला भी दूसरे बच्चों की तरह अद्भुत है. लोगों के ये पेंडिंग खूब पसंद आ रही है.

Children's painting attracted people
बच्चों की पेंटिंग ने लोगों को किया आकर्षित

अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर बाल संस्थानों में रह रहे बच्चों के द्वारा बनाई गई हैंडमेड वस्तुएं पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां पर हरियाणा के सभी जिलों के बाल संस्थानों से बच्चे द्वारा तैयार की गई हाथों से बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई है और इसे बेचकर जो भी कमाई होगी उसे इन बच्चों के बैंक खातों में डाला जायेगा. कुरुक्षेत्र बाल संरक्षण अधिकारी इंदु का कहना है कि बीते साल भी गीता जयंती के समय यह प्रदर्शनी लगाई गई थी. जिसमें आमजन ने काफी रूचि दिखाई थी. और उनकी स्टॉल कि पहले वर्ष ही लगभग 40 हजार रुपये आमदनी हुई थी. इस बार भी पर्यटक काफी रुचि दिखा रहे हैं.

Children made best artworks from waste material
वेस्ट सामान से बच्चों ने बनाई बेस्ट कलाकृतियां

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इससे बच्चों को भी काफी मोटिवेशन मिलता है. जो कला बच्चे यहां सीखते हैं इसी कला को यहां से निकलने के बाद वह अपनी आय का साधन बना सकते हैं. यह कला इन बच्चों को एक नई पहचान दे सकती है. इन अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो पूरा वर्ष ही बच्चे अपनी रुचि के हिसाब से यह हस्तकलाएं तैयार करते रहते हैं लेकिन गीता जयंती को लेकर बच्चों में अलग ही उत्साह होता है.

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