कुरुक्षेत्रः सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Haryana Sikh Gurdwara Management Committee) के पक्ष में फैसला आने के बाद एचएसजीपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने हरियाणा के सभी गुरुद्वारों के प्रबंधकों को आज कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारे में मीटिंग (HSGPC meeting kurukshetra) के लिए बुलाया है. इस बैठक में गुरुद्वारों को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. ईटीवी भारत से बात करते हुए बलजीत दादूवाल ने कहा कि हम किसी भी तरीके का लड़ाई झगड़ा नहीं चाहते.
दादूवाल (HSGPC working president Balbir Singh Daduwal) ने कहा हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना कब्जा हरियाणा के गुरुद्वारों पर चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने हमारी कमेटी को सही ठहराया है तो इसमें एसजीपीसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए. अगर फिर भी उनको एतराज है तो यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि आज पूरे हरियाणा से हमने सिख संगत को यहां पर बुलाया है ताकि आगे की रणनीति बनाई जाए.
जब उनसे सवाल किया गया कि जब से हरियाणा के पक्ष में फैसला आया है जगदीश झींडा और बलजीत दादूवाल दो अलग-अलग गुट अध्यक्ष पद के लिए आगे आ रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि 2020 में चुनाव हुआ था उसमें संवैधानिक तौर पर मुझे अध्यक्ष चुना गया था. बाकी सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि वह दोबारा इलेक्शन कराना चाहती है या पुरानी टीम को ही रखना चाहती है. जो भी सरकार करेगी हम उसके साथ हैं. हम किसी भी प्रकार का कोई लड़ाई झगड़ा नहीं चाहते.
अलर्ट पर हरियाणा पुलिस- सरकार ने मीटिंग को देखते हुये सभी सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को अलर्ट कर दिया है. सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता प्रबंध किये गये हैं. किसी भी गुट में कोई टकराव ना हो उसी के मद्देनजर कुरुक्षेत्र छठी पातशाही गुरुद्वारे के अंदर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. गुरुद्वारे के बाहर भारी संख्या में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर तैनात की गई हैं ताकि अगर कोई भी शरारती तत्व किसी भी तरीके की अप्रिय घटना को अंजाम देना चाहे तो उसको तुरंत काबू कर लिया जाए.
बता दें कि कुरुक्षेत्र का छठी पातशाही गुरुद्वारा हरियाणा के सबसे बड़े गुरुद्वारों में शामिल है. हरियाणा के सिख प्रबंधन कमेटी ने पंजाब की कमेटी से अलग होने का संघर्ष इसी गुरुद्वारे से शुरु किया था. 2014 में हरियाणा के गुरुद्वारों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने संघर्ष शुरू किया था. हरियाणा के कई गुरुद्वारों में प्रबंधन की कमान लेने के लिए HSGPC और SGPC के बीच खूनी संघर्ष भी हुआ था.
सुप्रीम कोर्ट को माने SGPC- इस मामले पर एचएसजीपीसी के पूर्व उपाध्यक्ष जगदीश झींडा ने कहा कि 2001 से शुरू हुई सिख समाज के अधिकारों की लड़ाई अब परवान चढ़ी है. झींडा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया और हरियाणा के सिख संगत को शुभकामनायें दी. एसजीपीसी और सुखबीर बादल के रिव्यू पेटीशन डालने की बात पर उन्होंने कहा कि ये उनका अधिकार है लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मानना चाहिए, उन्हें अपनी और बेइज्जती नहीं करानी चाहिए. अगर वो हमें गुरुद्वारों की सेवा नहीं सौंपते हैं तो हम हरियाणा के सीएम से मुलाकात करके आगे की रणनीति बनायेंगे.