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लॉकडाउन में बढ़ा नाबालिग लड़कियों की शादी का ग्राफ, आर्थिक संकट बड़ी वजह - लॉकडाउन असर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान नाबालिग लड़कियों की शादी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. मार्च महीने से जुलाई तक जिले में 6 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. इतने मामले पहले एक साल में आया करते थे.

Graph of marriage of minor girls increased during lockdown
Graph of marriage of minor girls increased during lockdown
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Published : Jul 26, 2020, 9:36 PM IST

कुरुक्षेत्र: कोरोना महामारी के चलते 21वीं सदी को जैसे ही लॉक किया गया तो चीजें तेजी से बदलने लगीं. नदियों का पानी साफ हो गया. हवा की गुणवत्ता भी बढ़ गई. सड़क दुर्घनाओं और क्राइम के ग्राफ में भी कमी आई, लेकिन कुछ पहलु ऐसे भी सामने आए जो चिंताजनतक हैं. दरअसल धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान नाबालिग लड़कियों की शादी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.

मार्च महीने से जुलाई तक जिले में 6 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर शादी रुकवाई है. 6 मामलों में से एक पर मुकदमा दर्ज किया गया है और 4 नाबालिगों की काउंसलिंग कर शादी रुकवा दी गई है और एक मामला झूठा निकला है.

प्रोटेक्शन ऑफिसर सविता राणा ने बताया कि 29 मई को जिले में नाबालिग की शादी रुकवाई गई. जिसमें पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. इसके बाद 20 जून, 26 जून, 28 जून और 30 जून को भी नाबालिग लड़की की शादी का मामला सामने आया. 5 जुलाई को भी सूचना मिलने पर एक शादी को रुकवाया गया.

लॉकडाउन में बढ़ा नाबालिग लड़कियों की शादी का ग्राफ, आर्थिक संकट बड़ी वजह.

अगर 5 साल के आंकड़ों पर नजर

  • साल 2015 में पांच नाबालिग लड़कियों की शादियां रुकवाई गई
  • साल 2016 में 6 नाबालिग लड़कियों की शादियों का मामला सामने आया
  • साल 2017 में 16 मामले सामने आए. जिनमें तीन झूठे निकले
  • साल 2018 में नाबालिग लड़कियों की शादी के कुल 12 मामले सामने आए
  • साल 2019 में 9 मामले सामने आए जिनमें से 7 की काउंसलिंग की गई
  • मई 2020 से जुलाई तक नाबालिग लड़कियों की शादी के 6 मामले सामने आ चुके हैं

समाज सेवी सविता के मुताबिक लॉकडाउन में नाबालिग लड़कियों की शादी के मामलों की बढ़ोतरी की वजह आर्थिक तंगी है. दूसरी सबसे बड़ी वजह सामाजिक डर भी है. अभिभावकों को डर रहता है कि उनकी बेटी किसी के बहकावे में आकर कोई गलत कदम ना उठा लें. इसलिए वो उनकी शादी जल्दी करवा रहे हैं. कारण चाहे जो भी हो, लेकिन स्थिति चिंताजनक है.

ये भी पढ़ें- केंद्र सरकार के 3 अध्यादेशों से किसान नाखुश क्यों? आसान भाषा में जानिए पूरी कहानी

बता दें कि लॉकडाउन के बाद सरकार ने शादी के नियमों में बदलाव किया है. शादी-समारोह या पार्टी के लिए सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है. जिसको ध्यान में रखकर ही आप इसे अटेंड कर सकते हैं.

क्या हैं शादी के नए नियम?

  • शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होने चाहिए
  • शादी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से होना चाहिए
  • हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल होना चाहिए
  • हर किसी के लिए मास्क पहनना जरूरी है

कुरुक्षेत्र: कोरोना महामारी के चलते 21वीं सदी को जैसे ही लॉक किया गया तो चीजें तेजी से बदलने लगीं. नदियों का पानी साफ हो गया. हवा की गुणवत्ता भी बढ़ गई. सड़क दुर्घनाओं और क्राइम के ग्राफ में भी कमी आई, लेकिन कुछ पहलु ऐसे भी सामने आए जो चिंताजनतक हैं. दरअसल धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान नाबालिग लड़कियों की शादी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.

मार्च महीने से जुलाई तक जिले में 6 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर शादी रुकवाई है. 6 मामलों में से एक पर मुकदमा दर्ज किया गया है और 4 नाबालिगों की काउंसलिंग कर शादी रुकवा दी गई है और एक मामला झूठा निकला है.

प्रोटेक्शन ऑफिसर सविता राणा ने बताया कि 29 मई को जिले में नाबालिग की शादी रुकवाई गई. जिसमें पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. इसके बाद 20 जून, 26 जून, 28 जून और 30 जून को भी नाबालिग लड़की की शादी का मामला सामने आया. 5 जुलाई को भी सूचना मिलने पर एक शादी को रुकवाया गया.

लॉकडाउन में बढ़ा नाबालिग लड़कियों की शादी का ग्राफ, आर्थिक संकट बड़ी वजह.

अगर 5 साल के आंकड़ों पर नजर

  • साल 2015 में पांच नाबालिग लड़कियों की शादियां रुकवाई गई
  • साल 2016 में 6 नाबालिग लड़कियों की शादियों का मामला सामने आया
  • साल 2017 में 16 मामले सामने आए. जिनमें तीन झूठे निकले
  • साल 2018 में नाबालिग लड़कियों की शादी के कुल 12 मामले सामने आए
  • साल 2019 में 9 मामले सामने आए जिनमें से 7 की काउंसलिंग की गई
  • मई 2020 से जुलाई तक नाबालिग लड़कियों की शादी के 6 मामले सामने आ चुके हैं

समाज सेवी सविता के मुताबिक लॉकडाउन में नाबालिग लड़कियों की शादी के मामलों की बढ़ोतरी की वजह आर्थिक तंगी है. दूसरी सबसे बड़ी वजह सामाजिक डर भी है. अभिभावकों को डर रहता है कि उनकी बेटी किसी के बहकावे में आकर कोई गलत कदम ना उठा लें. इसलिए वो उनकी शादी जल्दी करवा रहे हैं. कारण चाहे जो भी हो, लेकिन स्थिति चिंताजनक है.

ये भी पढ़ें- केंद्र सरकार के 3 अध्यादेशों से किसान नाखुश क्यों? आसान भाषा में जानिए पूरी कहानी

बता दें कि लॉकडाउन के बाद सरकार ने शादी के नियमों में बदलाव किया है. शादी-समारोह या पार्टी के लिए सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है. जिसको ध्यान में रखकर ही आप इसे अटेंड कर सकते हैं.

क्या हैं शादी के नए नियम?

  • शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होने चाहिए
  • शादी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से होना चाहिए
  • हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल होना चाहिए
  • हर किसी के लिए मास्क पहनना जरूरी है
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