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हरियाणा के सभी स्कूलों में पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भगवद गीता, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया बड़ा ऐलान - CM Manohar Lal announced to teach Gita

Gita Jayanti Mahotsav in Kurukshetra: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के समापन समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव में शिरकत की. जहां 18 हजार विद्यार्थियों ने एक साथ वैश्विक गीता का पाठ किया. हरियाणा सीएम ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में श्रीमद्भगवत गीता पढ़ाई जाएगी.

Gita Jayanti Mahotsav in Kurukshetra
Gita Jayanti Mahotsav in Kurukshetra
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 23, 2023, 4:36 PM IST

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के समापन समारोह में शनिवार को 18000 विद्यार्थियों द्वारा वैश्विक गीता का पाठ किया गया. कार्यक्रम का आयोजन धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में किया गया. यह पाठ केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी किया गया. इस दौरान एक ही आह्वान था एक मिनट एक साथ गीता पाठ, जो जहां पर हो वहीं पर 1 मिनट गीता का पाठ करें. वैश्विक गीता पाठ समारोह में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, RSS राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार व साधु संत भी मौजूद रहे. बता दें कि इंटरनेशनल गीता महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम 24 दिसंबर तक चलेंगे.

गीता महोत्सव में पहुंचे असम के मुख्यमंत्री: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा ने हरियाणा सरकार का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में असम को पार्टनर राज्य बनाया है. हेमंत बिस्वा ने जहां गीता को लेकर अपने भाव प्रकट किए तो वहीं उन्होंने कहा कि हमारे संविधान का मूल आधार वेद, उपनिषद और भगवत गीता से हुआ है. मैं संविधान को हमेशा मानता हूं. भारत के संविधान को हिंदू नहीं बनाते अगर भारत संविधान सभा में हिंदू नहीं होते तो हमारे संविधान का आधार ऐसा नहीं होता. हिंदू मानते हैं वसुदेव कुटुंबकम सर्व धर्म समान.

'अधर्म के ऊपर विजय पाना सनातन का लक्ष्य': इसलिए आज भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष है, एक समय में दो संविधान बनाए गए थे एक पाकिस्तान में और एक भारत में बनाया गया था. पाकिस्तान का संविधान इस्लाम के ऊपर बनाया गया था. लेकिन भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष हुआ और हिंदुओं ने भगवत गीता और उपनिषद के ऊपर आधारित है. भारत की संस्कृति एक प्रकार से भगवान कृष्ण की संस्कृति है. असम के मुख्यमंत्री ने कहा अधर्म के ऊपर विजय पाना सनातन का लक्ष्य है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अधर्म के ऊपर धर्म का शासन बने, ऐसा ही आकार आज देश में बन रहा है.

'गीता पाठ से एकरूपत का मिला संदेश': मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि आज के इस विश्वव्यापी गीता पाठ कार्यक्रम में एक साथ 18 श्लोकों का उच्चारण हुआ. इस बार के गीता अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 30 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार लेकर गई है. गीता का संस्कार हमें हमारे युवा शक्ति में संचारित करना होगा. कर्म करो फल की चिंता न करने का संदेश गीता देती है. गीता के संदेश को जीवन का सिद्धांत मान कर 2 करोड़ 80 लाख लोगों को हमने परिवार माना. आज एक मिनट एक साथ गीता के पाठ से एकरूपता का संदेश मिला है.

'स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे गीता के श्लोक': राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत गीता और हमारे ग्रंथ स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ने का कार्य जारी है. इस साल 54 श्लोक पाठ्यक्रम में शामिल किये जायेंगे. आने वाले भविष्य में और भी श्लोक पाठ्यक्रम में शामिल होंगे. गुजरात की तर्ज पर हरियाणा के स्कूलों मे छठी से 12वीं तक गीता के श्लोक पढ़ाये जायेंगे. पुस्तक का नाम आदर्श जीवन मूल्य रखा गया है.

'बच्चों को गीता के श्लोक कंठस्थ कराए जाएंगे': पहली पुस्तक 6-8 तक के छात्रों लिए है. दूसरी पुस्तक 9-10 के छात्रों के लिए है. तीसरी पुस्तक 11-12 क्लास के छात्रों के लिए होंगी. तीन भागों में इस पुस्तक को क्लास के अनुसार पढ़ाया जाएगा और गीता के श्लोक कंठस्थ कराए जाएंगे. इसके बारे में एनसीआरटी सिलेबस कमेटी को भी लिख कर दिया जाएगा. ताकि यह हरियाणा छठी कक्षा से लागू हो सके. वही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र में मंगलवार को कुरुक्षेत्र के सभी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया है.

ये भी पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 18 हजार स्टूडेंट्स ने किया गीता के श्लोकों का उच्चारण, देश-विदेश से वर्चुअली जुड़े लाखों लोग

ये भी पढ़ें: धर्मगनरी कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आगाज, देखिए खूबसूरत तस्वीरें

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के समापन समारोह में शनिवार को 18000 विद्यार्थियों द्वारा वैश्विक गीता का पाठ किया गया. कार्यक्रम का आयोजन धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में किया गया. यह पाठ केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी किया गया. इस दौरान एक ही आह्वान था एक मिनट एक साथ गीता पाठ, जो जहां पर हो वहीं पर 1 मिनट गीता का पाठ करें. वैश्विक गीता पाठ समारोह में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, RSS राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार व साधु संत भी मौजूद रहे. बता दें कि इंटरनेशनल गीता महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम 24 दिसंबर तक चलेंगे.

गीता महोत्सव में पहुंचे असम के मुख्यमंत्री: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा ने हरियाणा सरकार का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में असम को पार्टनर राज्य बनाया है. हेमंत बिस्वा ने जहां गीता को लेकर अपने भाव प्रकट किए तो वहीं उन्होंने कहा कि हमारे संविधान का मूल आधार वेद, उपनिषद और भगवत गीता से हुआ है. मैं संविधान को हमेशा मानता हूं. भारत के संविधान को हिंदू नहीं बनाते अगर भारत संविधान सभा में हिंदू नहीं होते तो हमारे संविधान का आधार ऐसा नहीं होता. हिंदू मानते हैं वसुदेव कुटुंबकम सर्व धर्म समान.

'अधर्म के ऊपर विजय पाना सनातन का लक्ष्य': इसलिए आज भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष है, एक समय में दो संविधान बनाए गए थे एक पाकिस्तान में और एक भारत में बनाया गया था. पाकिस्तान का संविधान इस्लाम के ऊपर बनाया गया था. लेकिन भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष हुआ और हिंदुओं ने भगवत गीता और उपनिषद के ऊपर आधारित है. भारत की संस्कृति एक प्रकार से भगवान कृष्ण की संस्कृति है. असम के मुख्यमंत्री ने कहा अधर्म के ऊपर विजय पाना सनातन का लक्ष्य है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अधर्म के ऊपर धर्म का शासन बने, ऐसा ही आकार आज देश में बन रहा है.

'गीता पाठ से एकरूपत का मिला संदेश': मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि आज के इस विश्वव्यापी गीता पाठ कार्यक्रम में एक साथ 18 श्लोकों का उच्चारण हुआ. इस बार के गीता अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 30 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार लेकर गई है. गीता का संस्कार हमें हमारे युवा शक्ति में संचारित करना होगा. कर्म करो फल की चिंता न करने का संदेश गीता देती है. गीता के संदेश को जीवन का सिद्धांत मान कर 2 करोड़ 80 लाख लोगों को हमने परिवार माना. आज एक मिनट एक साथ गीता के पाठ से एकरूपता का संदेश मिला है.

'स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे गीता के श्लोक': राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत गीता और हमारे ग्रंथ स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ने का कार्य जारी है. इस साल 54 श्लोक पाठ्यक्रम में शामिल किये जायेंगे. आने वाले भविष्य में और भी श्लोक पाठ्यक्रम में शामिल होंगे. गुजरात की तर्ज पर हरियाणा के स्कूलों मे छठी से 12वीं तक गीता के श्लोक पढ़ाये जायेंगे. पुस्तक का नाम आदर्श जीवन मूल्य रखा गया है.

'बच्चों को गीता के श्लोक कंठस्थ कराए जाएंगे': पहली पुस्तक 6-8 तक के छात्रों लिए है. दूसरी पुस्तक 9-10 के छात्रों के लिए है. तीसरी पुस्तक 11-12 क्लास के छात्रों के लिए होंगी. तीन भागों में इस पुस्तक को क्लास के अनुसार पढ़ाया जाएगा और गीता के श्लोक कंठस्थ कराए जाएंगे. इसके बारे में एनसीआरटी सिलेबस कमेटी को भी लिख कर दिया जाएगा. ताकि यह हरियाणा छठी कक्षा से लागू हो सके. वही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र में मंगलवार को कुरुक्षेत्र के सभी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया है.

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