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क्या आपने सौ साल पुराने गांव देखे हैं? अगर नहीं तो धरोहर हरियाणा सांस्कृतिक संग्रहालय घूमने जरूर आईये

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में बने धरोहर हरियाणा सांस्कृतिक संग्रहालय (Dharohar Haryana Cultural Museum) की ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी काफी चर्चा है. इस धरोहर में आने वाले सैलानियों को लगभग सौ साल प्राचीन वस्तुएं और ग्रामीण जीवन की झलक देखने को मिलती हैं.

Dharohar Haryana Cultural Museum
धरोहर हरियाणा सांस्कृतिक संग्रहालय
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Published : Nov 26, 2021, 5:23 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 7:02 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर सबसे अलग और अनूठी है. यहां का सांस्कृतिक जीवन सही मायनों में परंपरा और लोक कथाओं का असीमित भंडार है. कुछ ऐसी ही झलक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अंदर बने धरोहर म्यूजियम में देखने को मिलती (Dharohar Museum) है. हरियाणवी लोक संस्कृति और विरासत को समेटे यह संग्रहालय दुनिया भर के टूरिस्टों को अपनी को आकर्षित करता है. इस म्यूजियम में सैलानी पूरे हरियाणा का दर्शन एक ही जगह पर कर सकते हैं. इसमें पनघट और रसोई से लेकर हर वह चीज दर्शाई गई हैं जो एक गांव में आज से कई दशकों पहले हुआ करती थी.

धरोहर हरियाणा सांस्कृतिक संग्रहालय (Dharohar Haryana Cultural Museum) की स्थापना साल 2005 में की गई थी. धरोहर में 90 फीसदी ऐसे ही प्राचीन वस्तुएं रखी है. जो लोगों के द्वारा पूरे हरियाणा भर से यहां पर भेंट के रूप में दी गई हैं. आज से लगभग सौ साल प्राचीन वस्तुएं और कई प्रकार की अन्य चीजें भी यहां देखने को मिलती हैं. धरोहर केंद्र में आने वाले सैलानी को एक ही जगह सैकड़ों साल पुराने समय तक के हरियाणा का दर्शन हो सकता है.

धरोहर हरियाणा कल्चरल म्यूजियम

धरोहर के क्यूरेटर डॉ. विवेक चावला ने कहा कि मौजूदा वक्त में युवा पीढ़ी अपनी प्राचीन संस्कृति को भूलती जा रही है. क्योंकि समय के साथ-साथ गांव और शहर बदल रहे हैं. लेकिन अपनी प्राचीन संस्कृति को जिंदा रखना भी बहुत जरूरी है. इसीलिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने आज से कई सालों पहले यह निर्णय लिया कि धरोहर के अंदर ऐसी चीजें रखी जाएं जिससे पूरे हरियाणा के दर्शन हों.

Dharohar Haryana Cultural Museum
धरोहर हरियाणा कल्चरल म्यूजियम

ये भी पढ़ें : अंधविश्वास: कुत्तों को भगाने के लिए लोग कर रहे ये अजीब टोटका, पढ़े लिखे भी कर रहे विश्वास

डॉ. चावला ने बताया कि इस धरोहर की ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी काफी चर्चा है. सैकड़ों की संख्या में विदेशी यहां पर आकर भ्रमण कर चुके हैं. यही नहीं सांस्कृतिक धरोहर पर रिसर्च भी कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कुरुक्षेत्र के अंदर यह धरोहर संग्रहालय बनाया गया है. यह दूसरे राज्यों के लिए भी एक संदेश देने का काम करता है. 2013 में हरियाणा संग्रहालय धरोहर भाग 2 की स्थापना की गई जो जनता को सबसे अधिक पसंद आया. वर्तमान में धरोहर हरियाणा संग्रहालय में हरियाणा पुस्तकालय, आर्ट गैलरी, मीडिया सेंटर, राजकिशन नैन फोटो गैलरी के साथ 50 सेक्शन स्थापित किए गए हैं.

Dharohar Haryana Cultural Museum
धरोहर हरियाणा कल्चरल म्यूजियम

ये भी पढ़ें : मशरूम की खेती से लाखों रुपये कमा रहा हरियाणा का ये किसान, केवल एक कमरे में कर सकते हैं ये काम शुरू

दरअसल इस धरोहर को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमारे हरियाणा की संस्कृति की जानकारी रहे. ताकि आज से कुछ दशकों पहले हमारा हरियाणा कैसा होता था किस तरीके का उसमें रहन-सहन था. पहनावे से लेकर खानपान जैसी हर वह चीज जो प्रयोग में लाई जाती है. वह कैसे बनाई जाती थी. इन सबके दर्शन हो सकें.

Dharohar Haryana Cultural Museum
धरोहर हरियाणा कल्चरल म्यूजियम

संग्रहालय के अंदर एक गांव की स्थापना की गई है. आज से कुछ दशकों पहले जैसे एक गांव बसा हुआ होता था. उसमें कैसे लोग अपने प्रयोग करने की वस्तुएं बनाया करते थे. वह सब उसमे दर्शाया गया है. महिलाओं को चूड़ी पहनाने से लेकर चरखा काटने तक. हर छोटी से छोटी चीज को यहां पर बड़ी बारीकी से बनाया गया है. ये अपने आप में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. रोजाना सैकड़ों पर्यटक धरोहर को देखने के लिए आते हैं.

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कुरुक्षेत्र: हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर सबसे अलग और अनूठी है. यहां का सांस्कृतिक जीवन सही मायनों में परंपरा और लोक कथाओं का असीमित भंडार है. कुछ ऐसी ही झलक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अंदर बने धरोहर म्यूजियम में देखने को मिलती (Dharohar Museum) है. हरियाणवी लोक संस्कृति और विरासत को समेटे यह संग्रहालय दुनिया भर के टूरिस्टों को अपनी को आकर्षित करता है. इस म्यूजियम में सैलानी पूरे हरियाणा का दर्शन एक ही जगह पर कर सकते हैं. इसमें पनघट और रसोई से लेकर हर वह चीज दर्शाई गई हैं जो एक गांव में आज से कई दशकों पहले हुआ करती थी.

धरोहर हरियाणा सांस्कृतिक संग्रहालय (Dharohar Haryana Cultural Museum) की स्थापना साल 2005 में की गई थी. धरोहर में 90 फीसदी ऐसे ही प्राचीन वस्तुएं रखी है. जो लोगों के द्वारा पूरे हरियाणा भर से यहां पर भेंट के रूप में दी गई हैं. आज से लगभग सौ साल प्राचीन वस्तुएं और कई प्रकार की अन्य चीजें भी यहां देखने को मिलती हैं. धरोहर केंद्र में आने वाले सैलानी को एक ही जगह सैकड़ों साल पुराने समय तक के हरियाणा का दर्शन हो सकता है.

धरोहर हरियाणा कल्चरल म्यूजियम

धरोहर के क्यूरेटर डॉ. विवेक चावला ने कहा कि मौजूदा वक्त में युवा पीढ़ी अपनी प्राचीन संस्कृति को भूलती जा रही है. क्योंकि समय के साथ-साथ गांव और शहर बदल रहे हैं. लेकिन अपनी प्राचीन संस्कृति को जिंदा रखना भी बहुत जरूरी है. इसीलिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने आज से कई सालों पहले यह निर्णय लिया कि धरोहर के अंदर ऐसी चीजें रखी जाएं जिससे पूरे हरियाणा के दर्शन हों.

Dharohar Haryana Cultural Museum
धरोहर हरियाणा कल्चरल म्यूजियम

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डॉ. चावला ने बताया कि इस धरोहर की ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी काफी चर्चा है. सैकड़ों की संख्या में विदेशी यहां पर आकर भ्रमण कर चुके हैं. यही नहीं सांस्कृतिक धरोहर पर रिसर्च भी कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कुरुक्षेत्र के अंदर यह धरोहर संग्रहालय बनाया गया है. यह दूसरे राज्यों के लिए भी एक संदेश देने का काम करता है. 2013 में हरियाणा संग्रहालय धरोहर भाग 2 की स्थापना की गई जो जनता को सबसे अधिक पसंद आया. वर्तमान में धरोहर हरियाणा संग्रहालय में हरियाणा पुस्तकालय, आर्ट गैलरी, मीडिया सेंटर, राजकिशन नैन फोटो गैलरी के साथ 50 सेक्शन स्थापित किए गए हैं.

Dharohar Haryana Cultural Museum
धरोहर हरियाणा कल्चरल म्यूजियम

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दरअसल इस धरोहर को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमारे हरियाणा की संस्कृति की जानकारी रहे. ताकि आज से कुछ दशकों पहले हमारा हरियाणा कैसा होता था किस तरीके का उसमें रहन-सहन था. पहनावे से लेकर खानपान जैसी हर वह चीज जो प्रयोग में लाई जाती है. वह कैसे बनाई जाती थी. इन सबके दर्शन हो सकें.

Dharohar Haryana Cultural Museum
धरोहर हरियाणा कल्चरल म्यूजियम

संग्रहालय के अंदर एक गांव की स्थापना की गई है. आज से कुछ दशकों पहले जैसे एक गांव बसा हुआ होता था. उसमें कैसे लोग अपने प्रयोग करने की वस्तुएं बनाया करते थे. वह सब उसमे दर्शाया गया है. महिलाओं को चूड़ी पहनाने से लेकर चरखा काटने तक. हर छोटी से छोटी चीज को यहां पर बड़ी बारीकी से बनाया गया है. ये अपने आप में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. रोजाना सैकड़ों पर्यटक धरोहर को देखने के लिए आते हैं.

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Last Updated : Nov 26, 2021, 7:02 PM IST
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