करनाल: घरौंडा विधानसभा के गगसीना गांव में जमीन विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस गांव में बुधवार सुबह खान कुनबा और कृष्ण कुनबा के बीच जमीन को लेकर खूनी संघर्ष हुआ. जिसमें कृष्ण पक्ष के तीन लोगों की मौत हो गई. जबकि दो की हालत गंभीर है.
कृष्ण कुनबा और ग्रामीणों का आरोप है कि खूनी संघर्ष की जानकारी पुलिस को पहले ही दे दी गई थी. जिसके बाद पुलिस मौके पहुंची, लेकिन पुलिस खड़ी तमाशा देखती रही. जिसकी वजह से खान कुनबा पक्ष ने कृष्ण कुनबा पक्ष पर पुलिस के सामने गोलियां बरसा दी. पुलिस कार्रवाई करने की जगह आरोपी पक्ष का साथ दिया.
पुलिस पर आरोपियों का साथ देने का आरोप
अब कृष्ण कुनबा पक्ष के लोगों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों की मांग है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं जो जाती तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. विवाद को बढ़ता देख पुलिस अधीक्षक करनाल गंगाराम पूनिया ने आरोपी थाना प्रभारी मुनक कुलदीप को निलंबित कर दिया. पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जानें क्या है पूरा मामला
गगसीना गांव के लोगों ने कृष्ण कुनबा के मृतकों के शव को सड़क पर रखकर जाम लगाने की रणनीति बनाई है. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया. दरअसल मामला दो साल पुराना है. कृष्ण पक्ष का आरोप है कि खान पक्ष ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया. इसी कब्जे को छुड़वाने के लिए कई बार दोनों पक्षों में झगड़ा हो चुका है, लेकिन पंचायत में जाकर दोनों के बीच काफी बार सुलह हुई. बढ़ते झगड़े की वजह से कई बार पुलिस में इसकी शिकायत गई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.
कृष्ण पक्ष के तीन लोगों की मौत
बुधवार सुबह 16 दिसंबर को विवाद तब ज्यादा बढ़ा जब खान पक्ष के लोगों ने विवादित जमीन में दीवार खड़ी कर दी. सूचना मिलते ही कृष्ण पक्ष के लोग लाठी-डंडा लेकर दीवार को गिराने पहुंचे. बढ़ते तनाव को देखते हुए ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस भी सूचना पाकर मौके पर पहुंच गई. आरोप है कि पुलिस के सामने ही दोनों पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हुआ. इस बीच खान पक्ष के लोगों ने छत पर चढ़कर कृष्ण पक्ष के लोगों पर फायरिंग कर दी. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए.
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कृष्ण पक्ष और ग्रामीणों का आरोप है पुलिस ने मौके पर मौजूद होते हुए भी कुछ नहीं किया. जिसकी वजह से आरोपी भागने में कामयाब रहे. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस को पहले से इस मामले की जानकारी थी, जब गोलियां चल रही थी तो पुलिस मूक दर्शक बन कर देखती रही. जिसकी वजह से आरोपियों को भागने का पूरा पूरा मौका मिल गया. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने डेड बॉडी को वहां से उठाने से मना कर दिया. तकरीबन 5 से 6 घंटे बीत जाने के बाद ग्रामीणों ने डेड बॉडी को उठाकर जीटी रोड पर रख जाम करने की रणनीति बनाई. उससे पहले पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया मौके पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया.