करनाल: चाय की चुस्कियां, अखबार की खबरों पर नजर और फिर साथियों के साथ उस पर देर तक बैठकर चर्चा करना. ये नजारा आपको किसी भी चौक पर बनी चाय की टपरी पर देखने को मिल जाता था. दोस्तों का साथ और चाय वाला हाथ होता तो घंटों कब निकल जाते पता नहीं चलता था, लेकिन लॉकडाउन ने सब बदलकर रख दिया है.
अब लॉकडाउन के तीसरे चरण में सरकार ने दुकानें तो खोली हैं, लेकिन चायवाले अब भी परेशान हैं. ईटीवी भारत की टीम कई चाय वालों से मिली और उनका दर्द जाना. दरअसल प्रशासन की ओर से चायवालों को भी दुकान खोलने की छूट मिली है, लेकिन जो लोग चाय की टीकरी पर आया करते थे वो अब नहीं आ रहे हैं.
एक चाय वाले ने बताया कि पहले उसके 100 से 150 कप चाय के बिक जाते थे, लेकिन अब 50 कप चाय बेचना भी मुश्किल हो गया है. उसने बताया कि जो लोग आसपास काम करते थे, वो यहां चाय पीने आया करते थे, लेकिन अब कारखानों और कार्यालयों में काम करने वाले ही आधे कर दिए गए हैं. ऐसे में उनके पास चाय पीने वाले भी कम आ रहे हैं.
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एक दूसरे चाय वाले ने बताया कि करनाल प्रशासन की ओर से 8 से 2 बजे तक ही दुकान खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन अकसर लोग चाय पीने सूरज ढलने के बाद ही आया करते हैं. जिस वजह से उन्हें घाटा हो रहा है. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से ऑड-ईवन स्कीम भी शुरू की गई है. जिसके तहत उनकी दुकान एक दिन खुलती है और एक दिन बंद रहती है, ऐसे में भी उनके काम पर ज्यादा फर्क पड़ रहा है.