करनाल: हरियाणा में भर्ती घोटाला मामला लगातार गर्माता जा रहा है. जहां एक और विपक्षी पार्टियां सरकार को हरियाणा लोक सेवा आयोग में भर्ती घोटाले (HPSC Recruitment Scam) को लेकर घेर रही हैं. वहीं अब दूसरी ओर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में भर्ती घोटाले को लेकर खासा रोष देखने को मिल रहा है. हालांकि विपक्षी पार्टी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भर्ती घोटाले का मुद्दा उठाकर सरकार को जमकर घेरने की तैयारी में है. इसी बीच शुक्रवार को करनाल में भी कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों ने रोष प्रदर्शन (students protest in Karnal) किया.
करनाल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों ने रोष प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में छात्रों ने HCS अनिल नागर के खिलाफ CBI जांच की मांग की है. साथ ही अनिल नागर की संपत्ति जब्त कर उसके साथ जुड़े हुए आरोपियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस दौरान छात्रों ने कहा कि अगर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिली तो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का सरकार से विश्वास उठ जाएगा.
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छात्रा सपना ने बताया कि आज हम यहां पर पैसे लेकर की गई भर्ती के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे हैं. सपना ने कहा कि दिन-रात पढ़ाई करने के बाद भी नौकरी नहीं ले पा रहे हैं. अगर ऐसे ही पैसों में नौकरियां बिकने लगी तो गरीब छात्र कहां जाएंगे. ऐसे लोगों के खिलाफ सीबीआई जांच होनी चाहिए. छात्रा ने कहा कि अनिल नागर ने कबूला है कि उसने पैसे लेकर लोगों को सरकारी नौकरियां बांटी है. घर और कार्यालय से पैसे मिले हैं. इसके बावजूद सरकार क्लीन चिट दे रही है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और संपत्ति को जब्त किया जाना चाहिए.
ये है मामला
विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC की ओर से ली जाने वाली डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने का खुलासा किया था. 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन पंचकूला में 20 लाख रुपये लेते पकड़ा गया था. वहीं से इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर (HPSC Deputy Secretary Anil Nagar) के असिस्टेंट अश्विनी के झज्जर स्थित घर में रेड मारकर एक करोड़ आठ लाख रुपये बरामद किए. तब अश्विनी ने ही खुलासा किया कि इसमें से 90 लाख रुपये अनिल नागर के हैं.
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इसके बाद विजिलेंस के कहने पर अश्विनी HPSC हैडक्वार्टर में बैठने वाले वर्ष 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके दफ्तर में 90 लाख रुपए देने पहुंचा. जैसे ही अनिल नागर ने कैश लिया, विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया था. फिलहाल हरियाणा सरकार ने मामले में मुख्य आरोपी HCS अनिल नागर को बर्खास्त कर दिया है.
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