करनाल: आजकल ज्यादातर किसान हार्वेस्टर से फसल की कटाई करना पसंद कर रहे (stubble burning problem in karnal) हैं, जिससे फसल के अवशेष खेत में ही रह जाते हैं. ज्यादातर किसान इन फसलों के अवशेष का इस्तेमाल न करके उसे खेतों में ही जला देते हैं. इन अवशेषों के जलने से पर्यावरण भी प्रभावित होता है.
वहीं दूसरी तरफ खेतों में फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में पाए जाने वाले मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी घट जाती (stubble burning problem) है. आज देश में सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के साथ व्यक्तिगत तौर पर भी लोग इससे निपटने के रास्ते निकाल रहे हैं. अगर आप भी पराली की समस्या से परेशान हैं तो इसको निपटाने के लिए कृषि यंत्रो की खोज की गई है जिसका इस्तेमाल कर आप भी इन समस्या बच सकते हैं.
ऐसा करने से किसान ना केवल अपनी जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ा सकेंगे बल्कि आर्थिक लाभ भी किसान को होगा. इस मशीन के प्रयोग करने से किसान को लगभग 5 हजार का आर्थिक लाभ होगा. साथ ही आगे आने वाली फसल की पैदावार भी अच्छी होगी. हरियाणा सरकार में कृषि विभाग की इस मशीन की कीमत दो लाख से दो लाख चालीस हजार तक रखी गई है. लेकिन कृषि इस मशीन पर 50% से लेकर 80% अनुदान देता है.
अगर कोई किसान इसको अकेला लेना चाहता है तो उसको 50% अनुदान दिया जाता है. वहीं अगर किसानों का एक समूह इसको लेना चाहता है तो उस पर 80% अनुदान दिया जाता है. बीते वर्ष ही हरियाणा में जितने किसानों ने इस मशीन के लिए आवेदन किया था सभी किसानों को हरियाणा सरकार व कृषि विभाग की तरफ से यह मशीन अनुदान पर दी गई थी.
इस मशीन की सहायता से किसान पराली की समस्या से ही निजात पाने के साथ अपने खेतों की एक साथ कम समय और कम लागत में जुताई और बुवाई का काम कर सकते हैं. यह मशीन पराली के छोटे-छोटे टुकड़े कर खेत में बिछाने के साथ ही उर्वरक डालने और बीज बोने का काम भी करती जाती है. सुपर सीडर को 45 से 50 हॉर्स पावर वाले ट्रैक्टर से एक दिन में करीब 10 से 12 एकड़ खेत की बुवाई आसानी से की जा सकती है.