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नए कृषि कानूनों से बढ़ेगी किसानों की आमदनी- पद्मश्री किसान कंवल सिंह

कंवल सिंह ने भी ये कभी नहीं सोचा होगा कि कर्ज के बोझ तले दबा 16 साल का युवा एक दिन इतना बड़ा किसान बनेगा कि प्रधानमंत्री उसका जिक्र उदाहरण के तौर पर करेंगे. ये कंवल सिंह की मेहनत और लगन का नतीजा है कि वो प्रगतिशील किसान से पद्मश्री तक पहुंच पाए.

story of sonipat farmer kanwal singh chauhan  whose example pm modi gave in mann ki baat
'मन की बात' में PM मोदी ने किया जिस किसान का जिक्र, जानिए उनका बारे में
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Published : Sep 29, 2020, 12:20 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 1:39 PM IST

करनाल: कृषि कानूनों पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां लगातार कृषि कानून को किसान विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में सोनीपत के अटेरना गांव के किसान कंवल सिंह चौहान की खेती से ये समझाया कि किस तरह से कृषि कानून किसानों को फायदा पहुंचाने वाला है.

सोनीपत के जिस कंवल सिंह चौहान का पीएम मोदी ने जिक्र किया. ईटीवी भारत ने उस किसान से खास बातचीत की. बता दें कि पद्मश्री किसान कंवल सिंह ने परंपरागत खेती को छोड़कर स्वीटकार्न, बेबीकार्न, मशरूम आदि की खेती शुरू करने के साथ ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई और फसलों को कंपनी और बाजार में बेचने लगे. जिससे उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया तो गांव और आसपास के किसानों ने उनके तरीके को अपनाया.

कंवर सिंह चौहान EXCLUSIVE: इसी किसान के जरिए पीएम ने गिनाए नए कृषि कानूनों के फायदे

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कंवल सिंह चौहान ने कृषि कानूनों को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि ये कानून किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि कानून के आने से अब किसान मंडियों के बाहर भी अपनी फसल बेच सकता है. उन्होंने कहा कि ये वक्त धान की खेती का है और किसान के पास इतना वक्त नहीं है कि वो जाकर धरना प्रदर्शन करे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए किसानों का नाम लेकर सड़कों पर उतरने का काम कर रही हैं.

story of sonipat farmer kanwal singh chauhan  whose example pm modi gave in mann ki baat
पीएम मोदी ने पद्मश्री किसान कंवल सिंह की खेती से समझाया कृषि कानून का फायदा

'खेती को व्यापार की तरह करें, लाभ मिलेगा'

कंवल सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने 1978 में खेती शुरू की थी. धान और गेहूं की खेती से कर्जा भी नहीं उतरता था. 1998 में बेबीकाॅर्न की खेती शुरू की और किस्मत ने साथ दिया. आज खेती को व्यवसाय की तरह ले रहे हैं. युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगा ली है. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि सरकारी नौकरी की बजाय खेती को ही व्यापार की तरह करें.

पीएम मोदी ने ऐसे बताया कृषि कानून का फायदा

कंवल सिंह चौहान को साल 2019 में खेती के कारण ही पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. मन की बात के जरिए पीएम मोदी ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत जिले के हमारे एक किसान भाई रहते हैं उनका नाम है कंवल चौहान. उन्होंने बताया कि कैसे एक समय था जब मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियों बेचने में बहुत दिक्कत आती थी.

अगर वो मंडी से बाहर अपनी फल और सब्जियां बेचते थे, तो कई बार उनके फल, सब्जियां और गाड़ी जब्त कर लिए जाते थे. लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ है.

ये भी पढ़िए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में सोनीपत के किसान का किया जिक्र

करनाल: कृषि कानूनों पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां लगातार कृषि कानून को किसान विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में सोनीपत के अटेरना गांव के किसान कंवल सिंह चौहान की खेती से ये समझाया कि किस तरह से कृषि कानून किसानों को फायदा पहुंचाने वाला है.

सोनीपत के जिस कंवल सिंह चौहान का पीएम मोदी ने जिक्र किया. ईटीवी भारत ने उस किसान से खास बातचीत की. बता दें कि पद्मश्री किसान कंवल सिंह ने परंपरागत खेती को छोड़कर स्वीटकार्न, बेबीकार्न, मशरूम आदि की खेती शुरू करने के साथ ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई और फसलों को कंपनी और बाजार में बेचने लगे. जिससे उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया तो गांव और आसपास के किसानों ने उनके तरीके को अपनाया.

कंवर सिंह चौहान EXCLUSIVE: इसी किसान के जरिए पीएम ने गिनाए नए कृषि कानूनों के फायदे

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कंवल सिंह चौहान ने कृषि कानूनों को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि ये कानून किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि कानून के आने से अब किसान मंडियों के बाहर भी अपनी फसल बेच सकता है. उन्होंने कहा कि ये वक्त धान की खेती का है और किसान के पास इतना वक्त नहीं है कि वो जाकर धरना प्रदर्शन करे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए किसानों का नाम लेकर सड़कों पर उतरने का काम कर रही हैं.

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पीएम मोदी ने पद्मश्री किसान कंवल सिंह की खेती से समझाया कृषि कानून का फायदा

'खेती को व्यापार की तरह करें, लाभ मिलेगा'

कंवल सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने 1978 में खेती शुरू की थी. धान और गेहूं की खेती से कर्जा भी नहीं उतरता था. 1998 में बेबीकाॅर्न की खेती शुरू की और किस्मत ने साथ दिया. आज खेती को व्यवसाय की तरह ले रहे हैं. युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगा ली है. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि सरकारी नौकरी की बजाय खेती को ही व्यापार की तरह करें.

पीएम मोदी ने ऐसे बताया कृषि कानून का फायदा

कंवल सिंह चौहान को साल 2019 में खेती के कारण ही पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. मन की बात के जरिए पीएम मोदी ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत जिले के हमारे एक किसान भाई रहते हैं उनका नाम है कंवल चौहान. उन्होंने बताया कि कैसे एक समय था जब मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियों बेचने में बहुत दिक्कत आती थी.

अगर वो मंडी से बाहर अपनी फल और सब्जियां बेचते थे, तो कई बार उनके फल, सब्जियां और गाड़ी जब्त कर लिए जाते थे. लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ है.

ये भी पढ़िए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में सोनीपत के किसान का किया जिक्र

Last Updated : Sep 29, 2020, 1:39 PM IST
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