करनाल: ट्रैक्टर ट्रॉली में सिंघु बॉर्डर से पंजाब लौट रहे किसानों का करनाल के पास एक्सीडेंट (road accident at karnal toll plaza) हो गया. सड़क हादसे में दो किसान घायल हो गए. आसपास के लोगों ने घायल किसानों को तुरंत सामान्य अस्पताल में पहुंचाया. जहां उनका इलाज जारी है. खबर है कि किसान मझोली गांव जा रहे थे. तभी करनाल टोल प्लाजा के पास पीछे से ट्रक ने ट्रैकटर ट्रॉली को टक्कर मार दी. जिसकी वजह से ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गए. करनाल में सड़क हादसा टोल प्लाजा के पास हुआ. जिसमें दो किसान घायल (two farmers injured in road accident) हो गए.
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की तफ्तीश में जुट गई. सारी गलती ट्रक चालक की बताई जा रही है. राहगीरों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर मेन हाईवे से ये ट्रैक्टर ट्रॉली दिल्ली की तरफ से आ रही थी, जबकि ट्रक लिंक रोड से मेन हाईवे पर चल रहा था. अचानक से ट्रक ने ट्रैक्टर ट्रॉली को टक्कर मार दी. जिससे ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई. इस हदसे में दो किसान घायल हो गए. राहत की बात ये है कि दोनों किसान खतरे से बाहर हैं.
बता दें कि किसानों की सभी मांगों पर केंद्र सरकार की सहमति के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन स्थगित (Farmers Protest Postponed) कर दिया है. दिल्ली से लगते बॉर्डर को किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है. आज किसान विजय जुलूस निकालकर घर वापसी करेंगे.
किसानों ने सिंघु बॉर्डर को खाली (farmers vacating singhu border) करना शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में किसान घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं. 15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समीक्षा बैठक करेगा. इस बैठक में किसान आंदोलन की सफलता और विफलता पर चर्चा की जाएगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ये जीत किसानों के बलिदान से मिली है. आगे की रणनीति फिर तैयार करेंगे. 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाने की बात कही है. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक करेंगे, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आंदोलन शुरू करेंगे.
इससे पहले 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की. एमएसपी की गारंटी व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी.
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किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वो 15 जनवरी को ये देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है, या नहीं. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
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