करनाल: हरियाणा में किसानों को मंडी में फसल बेचने में कोई परेशानी ना हो और फसल खराब होने पर समय पर मुआवजा मिल सके इसको लेकर प्रदेश की सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. इन योजनाओं का कई किसान लाभ भी उठा रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि आखिर सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं. दरअसल आज से करीब 3 वर्ष पहले हरियाणा सरकार और कृषि विभाग के द्वारा हरियाणा के किसानों के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की शुरुआत की गई थी. इस पोर्टल पर हरियाणा में जितने भी किसान खेती करते हैं, उन्हें पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है.
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हरियाणा में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी: हरियाणा में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अब अपनी फसल का ब्यौरा देना जरूरी कर दिया गया है. शुरुआती दौर में किसानों ने इस पोर्टल को गंभीरता से नहीं लिया था, जिसके चलते बहुत से किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया था. पोर्टल पर पंजीकरण नहीं होने के कारण किसानों को अपनी धान की फसल सहित अन्य कई फसलों को अनाज मंडी में बेचने के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. फसल बेचने में परेशानी पेश आने के कारण किसानों ने काफी प्रदर्शन भी किया. जिसके चलते सरकार ने पोर्ट पर शत प्रतिशत पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है. ताकि, मंडी में अनाज खरीदने के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी सामने ना आए.
बिना पंजीकरण नहीं होगी फसल की खरीद: बता दें कि, मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल को साल में दो बार खोला जाता है. एक धान रोपाई के तुरंत बाद और दूसरा गेहूं की बिजाई के तुरंत बाद. इस पोर्टल में किसान को अपनी फसल का ब्यौरा देना होता है कि उसने अपने किस खेत में कौन सी फसल लगाई है. अगर अपनी फसल का वह ब्यौरा नहीं देता तो मंडी में उसकी धान या गेहूं की फसल खरीद नहीं होती.
बिना पंजीकरण मंडी में फसल बेचने में किसानों को होती है परेशानी: ईटीवी भारत ने पहले भी खबरों को प्रमुखता दिखाया था कि कैसे बिना पंजीकरण करने वाले किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी थीं. लेकिन, जैसे-जैसे किसानों को इन परेशानियों का सामना करना पड़ा तो किसान अब अपनी फसल का ब्यौरा इस पोर्टल पर देने लगे हैं. ताकि उनको फसल बेचने में कोई भी परेशानी ना हो. हालांकि इसमें धान की बासमती और हाइब्रिड फसल को शामिल नहीं किया गया है. लेकिन, पंजीकरण के दौरान किसानों को इसका ब्यौरा देना होता है.
खराब फसल का मुआवजा लेने के लिए पंजीकरण अनिवार्य: हरियाणा सरकार के द्वारा पिछले कुछ सालों में हरियाणा के जितने भी किसानों की फसल खराब हुई है, उनमें से केवल उन्हीं किसानों को सरकार मुआवजा देती है जिनकी फसल मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण हुआ होता है. हालांकि अब बाढ़ की स्थिति ज्यादा बनी हुई है. ऐसे में जिन किसानों की फसल खराब हो चुकी है, सरकार ने उन्हें मुआवजा देने की बात कही है. अगर किसी कारणवश हरियाणा के कुछ ही क्षेत्र की फसल खराब होती है तो उसके लिए किसान की फसल का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर होना अनिवार्य है. तभी किसान को मुआवजा मिल सकता है. गेहूं या अन्य सीजन में जब बरसात होती है, तब उसके फसल खराबे की जानकारी मेरा फसल मेरा ब्यौरा पर क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाली जाती है. उसके बाद ही किसान को मुआवजा मिलता है.
हरियाणा में उगाई जाने वाली फसल की जानकारी के लिए बनाया गया है पोर्टल: हरियाणा में कौन किसान क्या फसल लगा रहा है, उसका पूरा विवरण हरियाणा के कृषि विभाग और सरकार के पास बना रहे इसके लिए सरकार द्वारा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की शुरुआत की गई थी. इस पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए किसान को अपनी हर फसल की जानकारी देनी होती है. पंजीकरण के दौरान कितने एकड़ में किला नंबर के साथ पूरा विवरण पोर्टल पर देना होता है. इसमें हरियाणा के सभी किसानों का डाटा एक पोर्टल पर इकट्ठा हो जाता है .ऐसे में सरकार किसी भी योजना के लिए या अन्य किसी जरूरी काम के लिए किसानों का डाटा निकालने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. साथ ही इससे यह भी आकलन लग जाता है कि हरियाणा में कितने क्षेत्र में कौन सी फसल लगाई गई है.
पोर्टल पर सभी योजनाओं की मिलती है जानकारी और समस्याओं का होता है निवारण: बता दें कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य यही था कि किसानों की फसल का पंजीकरण इस पोर्टल पर हो उसका पूरा विवरण सरकार और कृषि विभाग के पास हो. लेकिन, जब पोर्टल पर किसानों की संख्या बढ़ने लगी तो कृषि विभाग और सरकार के द्वारा पोर्टल पर कई बदलाव किए गए. अगर सरकार के द्वारा हरियाणा के किसानों के लिए कोई योजना चलाई जा रही है तो उसकी जानकारी इस पोर्टल पर हरियाणा के किसानों को मिल जाती है. वहीं, अगर किसी किसान को अपने किसी फसल से संबंधित कोई समस्या है तो उसके लिए अपनी शिकायत या प्रश्न पोर्टल पर डाल सकता है. कृषि विभाग के द्वारा इस समस्या का समाधान किया जाता है. सरकार के द्वारा कोशिश की जा रही है किसान को एक पोर्टल पर सारी जानकारियां मिल सके.
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर कैसे करें पंजीकरण: मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए आवेदक खुद लैपटॉप या स्मार्टफोन से कर सकता है. इसके अलावा आवेदक नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर आवेदन कर सकता है. इसके लिए सबसे पहले मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. उसके बाद आपकी स्क्रीन पर होम पेज खुलकर आ जाएगा, यहां आपको किसान अनुभाग विकल्प पर क्लिक करना होगा. अब आपकी स्क्रीन पर नया पेज आ जाएगा, यहां आपको किसान पंजीकरण (हरियाणा) विकल्प लिंक पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपकी स्क्रीन पर किसने लॉगिन फॉर्म खुलकर आ जाएगा. यहां आपको अपना मोबाइल नंबर भरना होगा. इसके बाद दिए गए कैप्चा कोड को भरकर लॉगिन बटन पर क्लिक करना होगा.
इस प्रक्रिया के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा, जिसे आपको ओटीपी बॉक्स में दर्ज करना होगा. इसके बाद आपको ओटीपी भरकर ओटीपी वेरीफाई करना होगा. अब आपको मोबाइल नंबर एंटर करने का विकल्प दिखाई देगा, जिस पर क्लिक करके मोबाइल नंबर एंटर करें. इसके बाद आपके सामने फॉर्म खुलकर आ जाएगा. यहां आपको ऑथिटिकेशन, फसल का विवरण, किसान का विवरण, बैंक अकाउंट विवरण, मंडी/आढ़ती का विवरण आदि भरकर सबमिट करना होगा. इस तरह आपकी किसान ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना के लिए जरूरी दस्तावेज: इस योजना में आवेदनकर्ता के लिए आवेदक को इसकी निर्धारित पात्रता को पूरा करना होगा. साथ ही उनके पास सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों का होना जरूरी है. पोर्टल पर आवेदन के लिए आवेदक हरियाणा के स्थाई निवासी होने चाहिए. आवेदक के पास उनका निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज (जमाबंदी नकल, खसरा संख्या) खेत के अभिलेख, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो होना जरूरी है. इन सभी दस्तावेज के होने के बाद ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
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