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Paddy Procurement in Haryana: करनाल में भारतीय कियान यूनियन का प्रदर्शन, 15 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग - करनाल लघु सचिवालय

Paddy Procurement in Haryana: खरीफ की फसल खरीद का सीजन आते ही एक बार फिर किसान यूनियन प्रदर्शन के रास्ते पर उतर आया है. सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) ने करनाल जिला सचिवालय पर प्रदर्शन किया और हरियाणा में धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू करने की मांग की.

farmer protest in karnal
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 11, 2023, 5:17 PM IST

करनाल: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) ने सोमवार को करनाल लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया. किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने मांग की है कि हरियाणा में धान की सरकारी खरीद 15 सितंबर से शुरू हो जाए क्योंकि धान की कटाई शुरू हो गई है. खरीद शुरू नहीं होने पर किसानों को फसल बेचने में परेशानी हो रही है. धान की फसल का समय 3 महीने का होता है. धान की रोपाई 15 जून से शुरू होती है, तो उसकी कटाई 15 सितंबर को शुरू हो जाती है. ऐसे में खरीद भी 15 सितंबर को शुरू होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- Haryana Frmer Protest: सरकार के खिलाफ फिर भड़के किसान, सिरसा भावदीन टोल प्लाजा पर लगाया जाम, जानिए क्या है वजह

किसानों की कई प्रमुख मांगें हैं:

  1. बाढ़ से प्रभावित सभी किसानों को मुआवजा तुरंत दिया जाए. मुआवजा देने को लेकर लगाई गई 5 एकड़ की तय सीमा को तुरंत हटाया जाए. जिस किसान की जितनी फसल खराब हुई है, उसे पूरा मुआवजा दिया जाए. फसल खराबा 30 हजार प्रति एकड़ किया जाए. जिन किसानों के खेत में यमुना की बाढ़ के बाद रेत आया है उसे बेचने का अधिकार दिया जाए.
  2. बाढ़ के कारण खराब नलकूप (Tubewell) को मुआवजा दिया जाए. नलकूप (Tubewell) को दो लाख रुपए प्रति बोरवेल व जिस किसान की मोटर बीच में फंस गई है, उन्हें तीन लाख रुपए प्रति नलकूप (Tubewell) आर्थिक राहत दी जाए. ताकि किसान दोबारा लगवा सके. उन्हें ट्यूबवेल के लिए निशल्क कनेक्शन दिया जाए.
  3. सरकार ने गन्ने और पापुलर फसल के मुआवजा का अभी तक ऐलान नहीं किया है. इस आपदा में गन्ने व पापुलर समेत अन्य फसलें काफी पैमाने में बर्बाद हुई हैं. सरकार इनका भी मुआवजा घोषित करे.
  4. इस वर्ष गन्ने का रेट 450 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए.
  5. धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू की जाए. चावल के निर्यात शुल्क वापस लिया जाए ताकि किसानों को धान की फसल का उचित मूल्य मिल सके.
  6. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलें खरीद की गारंटी का कानून बने. किसानों व मजदूरो को कर्जा मुक्त किया जाए.
  7. खेती कर्ज में उतनी ही कीमत की जमीन रेहन की जाए जितनी रकम का किसानों को लोन दिया जा रहा है. कुछ कर्ज के बदले सारी जमीन रेहन ना की जाए.
  8. तेलगाना सरकार की तर्ज पर किसान को 12 हजार रुपए प्रति एकड़ वार्षिक सब्सिडी दी जाए ताकि प्रदेश का किसान विश्व व्यापार संगठन (W.T.O.) का मुकाबला कर सके और जिन परिवारों की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से कम है, उनके मुखिया का 10 लाख रुपए का बीमा किया जाएगा. प्रदेश में सभी का ईलाज फ्री कराया जाए.
  9. जूमला मुस्तरका मालिकाना हक किसानों को दिया जाए क्योंकि यह जमीन किसान की जमीन का हिस्सा है.
  10. देश में बेरोजगारी को दूर करने के लिए हर बेरोजगार युवाओ को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि वो युवा अपना काम कर सकें.
farmer protest in karnal
किसान 15 सितंब से धान की खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं.

किसान नेता ऋषि चौधरी बड़सालू ने कहा कि इन सभी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने किसानों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया. किसान नेताओं का कहना है कि पहले ही किसानों को बाढ़ के चलते काफी नुकसान हो गया है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि इन सभी मांगों को मानते हुए सरकार किसान हित में काम करें ताकि किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. किसानों की सबसे मुख्य मांग यही है कि उनकी धान के सरकारी खरीद 15 सितंबर से शुरू हो जाए क्योंकि किसानों की धान पक कर खेत में तैयार खड़ी है. अगर सरकार जल्द ही धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं करती तो किसानों को मजबूरन प्रदर्शन और आंदोलन करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- Haryana Farmer Protest: हरियाणा में किसानों का आंदोलन खत्म, सरकार ने सभी मांगें मानी, किसानों ने पटाखे फोड़कर मनाया जश्न

करनाल: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) ने सोमवार को करनाल लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया. किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने मांग की है कि हरियाणा में धान की सरकारी खरीद 15 सितंबर से शुरू हो जाए क्योंकि धान की कटाई शुरू हो गई है. खरीद शुरू नहीं होने पर किसानों को फसल बेचने में परेशानी हो रही है. धान की फसल का समय 3 महीने का होता है. धान की रोपाई 15 जून से शुरू होती है, तो उसकी कटाई 15 सितंबर को शुरू हो जाती है. ऐसे में खरीद भी 15 सितंबर को शुरू होनी चाहिए.

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किसानों की कई प्रमुख मांगें हैं:

  1. बाढ़ से प्रभावित सभी किसानों को मुआवजा तुरंत दिया जाए. मुआवजा देने को लेकर लगाई गई 5 एकड़ की तय सीमा को तुरंत हटाया जाए. जिस किसान की जितनी फसल खराब हुई है, उसे पूरा मुआवजा दिया जाए. फसल खराबा 30 हजार प्रति एकड़ किया जाए. जिन किसानों के खेत में यमुना की बाढ़ के बाद रेत आया है उसे बेचने का अधिकार दिया जाए.
  2. बाढ़ के कारण खराब नलकूप (Tubewell) को मुआवजा दिया जाए. नलकूप (Tubewell) को दो लाख रुपए प्रति बोरवेल व जिस किसान की मोटर बीच में फंस गई है, उन्हें तीन लाख रुपए प्रति नलकूप (Tubewell) आर्थिक राहत दी जाए. ताकि किसान दोबारा लगवा सके. उन्हें ट्यूबवेल के लिए निशल्क कनेक्शन दिया जाए.
  3. सरकार ने गन्ने और पापुलर फसल के मुआवजा का अभी तक ऐलान नहीं किया है. इस आपदा में गन्ने व पापुलर समेत अन्य फसलें काफी पैमाने में बर्बाद हुई हैं. सरकार इनका भी मुआवजा घोषित करे.
  4. इस वर्ष गन्ने का रेट 450 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए.
  5. धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू की जाए. चावल के निर्यात शुल्क वापस लिया जाए ताकि किसानों को धान की फसल का उचित मूल्य मिल सके.
  6. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलें खरीद की गारंटी का कानून बने. किसानों व मजदूरो को कर्जा मुक्त किया जाए.
  7. खेती कर्ज में उतनी ही कीमत की जमीन रेहन की जाए जितनी रकम का किसानों को लोन दिया जा रहा है. कुछ कर्ज के बदले सारी जमीन रेहन ना की जाए.
  8. तेलगाना सरकार की तर्ज पर किसान को 12 हजार रुपए प्रति एकड़ वार्षिक सब्सिडी दी जाए ताकि प्रदेश का किसान विश्व व्यापार संगठन (W.T.O.) का मुकाबला कर सके और जिन परिवारों की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से कम है, उनके मुखिया का 10 लाख रुपए का बीमा किया जाएगा. प्रदेश में सभी का ईलाज फ्री कराया जाए.
  9. जूमला मुस्तरका मालिकाना हक किसानों को दिया जाए क्योंकि यह जमीन किसान की जमीन का हिस्सा है.
  10. देश में बेरोजगारी को दूर करने के लिए हर बेरोजगार युवाओ को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि वो युवा अपना काम कर सकें.
farmer protest in karnal
किसान 15 सितंब से धान की खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं.

किसान नेता ऋषि चौधरी बड़सालू ने कहा कि इन सभी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने किसानों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया. किसान नेताओं का कहना है कि पहले ही किसानों को बाढ़ के चलते काफी नुकसान हो गया है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि इन सभी मांगों को मानते हुए सरकार किसान हित में काम करें ताकि किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. किसानों की सबसे मुख्य मांग यही है कि उनकी धान के सरकारी खरीद 15 सितंबर से शुरू हो जाए क्योंकि किसानों की धान पक कर खेत में तैयार खड़ी है. अगर सरकार जल्द ही धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं करती तो किसानों को मजबूरन प्रदर्शन और आंदोलन करना पड़ेगा.

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