करनाल: हरियाणा एक कृषि प्रधान देश है, जहां पर बड़े स्तर पर खेती की जाती है. हरियाणा में बड़े स्तर पर किसान प्याज की खेती करते हैं. यहां किसान वैज्ञानिक तरीके से प्याज की खेती करके मालामाल हो रहे हैं, क्योंकि बाजार में प्याज का भाव अच्छा मिलता है. प्याज की खेती करने से पहले किसान प्याज की नर्सरी तैयार करते हैं. अगर किसान प्याज की नर्सरी वैज्ञानिक तरीके से तैयार नहीं करते हैं तो प्याज उत्पादन में भारी गिरावट आती है. ऐसे में किसानों को हम बताने जा रहे हैं कि प्याज की नर्सरी वैज्ञानिक तरीके से कैसे तैयार कर सकते हैं और हरियाणा में प्याज की कौन-कौन सी उन्नत किस्म है.
कहां से खरीदें प्याज का बीज?: वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर सीबी सिंह ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए बताया 'प्याज एक ऐसी खेती है, जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है और किसान इससे अच्छा पैसा भी कमाते हैं. कुछ किसान प्याज की नर्सरी तैयार करने से पहले सही जगह से बीज नहीं खरीदते ,जिसके चलते नुकसान उठाना पड़ जाता है. ऐसे में जो किसान पिछले काफी वर्षों से प्याज की नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो वह अपना खुद का प्याज का बीज भी तैयार कर सकते हैं. अगर कुछ किसान अपना खुद का बीज तैयार नहीं करते तो वह अपने जिला स्तर पर बागवानी विभाग में जाकर वहां के कृषि विशेषज्ञ से जानकारी ले सकते हैं. सरकारी बीज भंडार से प्याज की उन्नत किस्म का बीज ले सकते हैं. बीज ऐसी जगह से खरीदें, जहां बीज भंडार सरकारी मान्यता प्राप्त हो और वहां उनसे पक्का बिल भी खरीदें.'
हरियाणा में लगने वाली प्याज की उन्नत किस्म?: कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि हरियाणा में प्याज की तीन मुख्य किस्में हैं. यह तीनों किस्म एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार के द्वारा रिलीज की गई है. यह तीन किस्म है हिसार वन, हिसार टू ओर पूसा रोड है. मुख्य तौर पर हरियाणा में यह तीन किस्में लगाई जाती हैं. वहीं, कुछ किसान प्राइवेट एजेंसी से भी हाइब्रिड बीज खरीदते हैं, लेकिन बीज खरीदते समय यह ध्यान रखें कंपनी इसकी उत्पादन की कितनी गारंटी देता है.
खेत को कैसे करें तैयार?: कृषि विशेषज्ञ के अनुसार जो किसान प्याज की नर्सरी तैयार करना चाहते हैं, वह पहले ट्रैक्टर और कृषि यंत्र के सहायता से खेत को अच्छे तरीके से तैयार कर लें. हालांकि इसमें उठी हुई क्यारियों की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन मेड़ बढ़ाने की आवश्यकता होती है. जब मिट्टी बिल्कुल बारीक हो जाए उसके बाद खेत में मेड़ बनाएं और उसमें क्यारियां निकालें. एक क्यारी की लंबाई 1 मीटर और चौड़ाई तीन मीटर लंबी होनी चाहिए. अगर ज्यादा लंबी करी करते हैं तो उसमें किसान को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
खेत में खाद की मात्रा: प्याज की नर्सरी तैयार करने से पहले 1 एकड़ में खेत 10 टन गोबर की खाद डालें. उसके बाद जब खेत की जुताई करते हैं तो उस समय एक एकड़ खेत में एक बैग यूरिया और एक बैग डीएपी खाद डालें. इस तरीके से किसान एक अच्छी नर्सरी तैयार कर सकते हैं.
कैसे करें बीज उपचार?: प्याज की नर्सरी तैयार करने से पहले किसानों के लिए सबसे बड़ी और अहम जरूरत है कि वह प्याज की नर्सरी तैयार करने से पहले प्याज के बीज का उपचार अवश्य करें. इसके लिए किसान नजदीकी किसी बागवानी विभाग के अधिकारी उचित सलाह लेकर बीज का उपचार कर सकते है या फिर किसान 1 किलो बीज में 5 मिलीलीटर थिरम नामक दवाई से बीज का उपचार करें और उसके बाद उसके खेत में बिजाई करें. बीज उपचार करना बहुत आवश्यक होता है, क्योंकि अगर बीज उपचार न हो तो प्याज की नर्सरी में जड़ गलन और पद गलन की बीमारी आ जाती है. अस तरह से पूरी नर्सरी खराब हो जाती है.
नर्सरी में कैसे डालें बीज: कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि खेत को सही तरीके से तैयार करके और उसमें क्यारी निकालकर मिट्टी के ऊपर रेत की एक छोटी सी परत बनाएं. उसके बाद किसी प्याज के बीज को बर्तन में लेकर हाथ से क्यारी में डाले. रेत डालना इसलिए आवश्यक होता है, क्योंकि जब प्याज की नर्सरी तैयार हो जाती है तो उसको उखाड़ते समय किसान को परेशानी नहीं होती.
खेत में नर्सरी की बिजाई के बाद उसको पराली से कवर करें: कृषि विशेषज्ञ के अनुसार जब किसान अपने खेत में प्याज का बीज नर्सरी में डाल देते हैं, उसके बाद धान की पराली लेकर उसको अच्छे तरीके से ढक कर दें. क्योंकि कवर करने से उसमें मॉइश्चर बना रहता है और बीज का जमाव अच्छे से हो जाता है. जब बीज अंकुरित होकर पौधा बन जाए, तब करीब एक हफ्ते के बाद उसे पराली को हटा दें.
फव्वारा विधि से करें सिंचाई: विशेषज्ञ का कहना है कि किसान प्याज की नर्सरी की बिजाई करने के बाद एक बड़ी गलती यह करते हैं कि नर्सरी में सिंचाई डायरेक्ट देते हैं, ऐसा करने से नर्सरी में जड़ गलन और पद गलन की समस्या बन जाती है. ऐसे में किसानों को शुरुआती 10 दिनों तक प्याज की नर्सरी में फव्वारा विधि से ही सिंचाई करनी चाहिए. इस दौरान पानी की मात्रा कम ही रखें. अगर सीधी सिंचाई करते हैं तो प्याज के बीज उखड़ जाते हैं, जिससे उसकी अच्छी नर्सरी तैयार नहीं हो पाती.
45 दिन से पहले उखाड़ें नर्सरी: कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि बिजाई करने के करीब 1 महीने बाद प्याज की नर्सरी तैयार हो जाती है. ऐसे में किसानों को अपने खेत की नर्सरी से 45 दिन से पहले ही नर्सरी से प्याज के पौधे उखाड़ कर खेत में रोपण कर देने चाहिए. अगर उसके बाद उसकी रोपण करते हैं तो उसे पैदावार पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे में किसान 30 दिन और 40 दिन के अंदर ही अपने खेत से प्याज की नर्सरी उखाड़ कर उसको दूसरे खेत में रोप दें. इस तरीके से प्याज की अच्छी नर्सरी तैयार हो सकती है और किसान अच्छा उत्पादन ले सकता है.
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