करनाल: हरियाणा के करनाल में राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का 19वां दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की. उन्होंने अपने संबोधन में एनडीआरआई की तारीफ करते हुए कहा कि यह संस्थान डेयरी व पशुपालन विभाग को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए बहुत ही अच्छा काम कर रहा है. इस दौरान उन्होंने हरियाणा के खान-पान की तारीफ करते हुए कहा कि हरियाणा व पंजाब के किसानों ने हरित क्रांति के साथ श्वेत क्रांति में भी अहम भूमिका निभाई है. इसके लिए उन्होंने प्रदेश के किसानों को नमन किया. राष्ट्रपति ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इतने अच्छे संस्थान में पढ़ाई करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता है. उन्होंने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी.
एनडीआरआई में अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज उन्हें एनडीआरआई का दीक्षांत समारोह में पहुंचकर बहुत ही ज्यादा प्रसन्नता हो रही है. संस्थान द्वारा की जा रही नई रिसर्च के लिए उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों को धन्यवाद भी दिया. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि एनडीआरआई देश के सभी कृषि संस्थानों में पिछले 5 सालों से पहले नंबर पर है. उन्होंने इस उपलब्धि के लिए एनडीआरआई की पूरी टीम को बधाई दी.
उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोग बड़े गर्व के साथ कहते हैं दूध दही का खाना हमारा प्रदेश हरियाणा. इसी की वजह से हरियाणा के खिलाड़ी पूरे देश में सबसे अच्छे माने जाते हैं और हरियाणा के जवान भी सेना में सबसे ज्यादा अपनी भूमिका निभा रहे हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि दूध और दूध से जुड़े हुए उत्पाद भारत में खाने का महत्वपूर्ण पदार्थ है. मां के दूध के साथ गाय का दूध भी बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अमृत माना जाता है. गाय का दूध अमृत के समान होता है और यह हमें रोगों से मुक्त रखता है.
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दूध को पवित्र माना जाता है, इसलिए इसका प्रयोग देवताओं के अभिषेक के लिए भी किया जाता है. इसलिए आज भी देश में बुजुर्गों द्वारा महिलाओं को भी 'दूधो नहाओ, पूतो फलो' का आशीर्वाद दिया जाता है. हमारा पशुधन हमारे समाज के लिए एक अभिन्न अंग माना जाता है. भारत देश में गाय को समृद्धि व सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों में भी शिव भगवान और नंदी की कहानियां बताई गई है. ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन हमारी आय का एक प्रमुख साधन है.
हमारा भारत देश दूध उत्पादन में सबसे अव्वल है. उन्होंने कहा कि विश्व में दूध उत्पादन में भारत का 22 प्रतिशत हिस्सा है. डेयरी एवं पशुपालन विभाग देश में अहम भूमिका निभा रहा है. डेरी सेक्टर का देश की जीडीपी में 5 प्रतिशत योगदान है. डेरी व पशुपालन विभाग देश के आठ करोड़ लोगों को आजीविका प्रधान कर रहा है. 1923 में स्थापित एनडीआरआई संस्थान ने देश के विकास करने में बहुत ही बड़ा योगदान है.
महात्मा गांधी व मदन मोहन मालवीय ने भी बेंगलुरु में संस्थान के द्वारा विकसित पशुधन पद्धतियों की जानकारी ली थी. संस्थान ने दूध की उत्पादकता, गुणवत्ता सुधारने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने संस्थान के हर विद्यार्थी, साइंटिस्ट, कर्मचारी और अधिकारी की सराहना करते हुए एनडीआरआई संस्थान के शताब्दी समारोह की भी शुभकामनाएं दी. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में भैंस व गाय की कई नस्लें पाई जाती हैं.
कुछ नस्लें दूसरी नस्लों की अपेक्षा 5 प्रतिशत ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती हैं. जिस पर करनाल एनडीआरआई में रिसर्च करके नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं. जैसे क्लोन से भैंस व गाय बच्चे पैदा करना. क्लोन तकनीक विकसित करना. उन्होंने कहा कि यह देश और संस्थान के लिए गौरव की बात है. इससे दूध उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है. जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी.
उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग में दूध की उत्पादकता बढ़ाने के लिए संस्थान में नई-नई रिसर्च की जा रही है. डेरी व पशुपालन विभाग में देश की महिलाएं बहुत ही अच्छी भूमिका निभा रही हैं. डेयरी विभाग में देश में 70 प्रतिशत से ज्यादा भूमिका महिलाओं की है. एनडीआरआई संस्थान में गोल्ड मेडल हासिल करने वालों में 50 प्रतिशत लड़कियां ही हैं और डिग्रियां लेने वाले छात्रों में भी एक तिहाई लड़कियां शामिल हैं. राष्ट्रपति ने इस पर खुशी जताई. राष्ट्रपति ने महिलाओं को देश में और ज्यादा अवसर उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
इस दौरान उन्होंने डेयरी विभाग द्वारा महिलाओं को अनुदान देने की योजनाओं पर प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या के साथ ही देश में दूध से बने उत्पादों की उपलब्धता बढ़ रही है. मौजूदा समय में पशुओं के लिए अच्छा चारा की उपलब्धता जलवायु परिवर्तन और कई बीमारियों से डेयरी फार्मिंग जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि डेयरी व पशुपालन विभाग को और ज्यादा मजबूत बनाना अभी भी हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है. इस पर सरकार व वैज्ञानिक काम कर रहे हैं.
राष्ट्रपति ने नई तकनीक को अपनाकर डेयरी विभाग में और ज्यादा सुधार करने पर जोर दिया. उन्होंने बायोगैस पर संस्थान द्वारा किए जा रहे काम के लिए बधाई दी. उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि आज के दिन के लिए उन्होंने बहुत ज्यादा मेहनत की है. यह देश की उन्नति में आपको प्रेरणा देगा ताकि आप अपने देश का नाम रोशन कर सके. इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से नया कार्य करने और डेरी विभाग में सफल उधमी बनने की कामना करते हुए राष्ट्र को विकासशील बनाने में अहम योगदान देने की अपील की.