करनाल: रविवार को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में दूध दिवस मनाया गया. इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉक्टर धीर सिंह ने संस्थान के वैज्ञानिकों और छात्रों के साथ श्वेत क्रांति के जनक डॉक्टर वर्गीज कुरियन को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. संस्थान के निदेशक और कुलपति डॉक्टर धीर सिंह ने कहा कि डॉक्टर वर्गीज कुरियन के ऑपरेशन फ्ल कार्यक्रम ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनाया.
उन्होंने कहा कि एनडीआरआई डॉक्टर कुरियन के सपने को पूरा करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है. एनडीआरआई ने डेयरी उद्योग के विकास और दूध उत्पादन में भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि देश के पशुपालकों और वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से भारत का दूध उत्पादन 2013-14 में 137.7 मिलियन टन हो गया है. जो साल 2021-22 में 221.1 मिलियन टन था.
दूध उत्पादन 61 प्रतिशत बढ़ा: डॉक्टर धीर सिंह ने बताया कि ये उत्पादन 61 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है. भारतीय डेयरी और पशुपालन क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 4.5 प्रतिशत है, जिसका मूल्य लगभग 10 लाख करोड़ रुपये है. ये दुनिया में सबसे अधिक है. मौजूदा समय में देश की करीब 45 करोड़ आबादी सीधे तौर पर डेयरी सेक्टर से जुड़ी है. भारतीय डेयरी उद्योग में अपनी ताकत के साथ हम निर्यात क्षेत्र में भारी अवसर पैदा कर सकते हैं.
डॉक्टर धीर सिंह ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में डेयरी फार्मिंग के महत्व और लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करने में अहम भूमिका है. निदेशक ने कहा कि संस्थान ने डेनमार्क की कल्चर कंपनी हेनसन के साथ अकादमिक और अनुसंधानिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे बड़ा फायदा ये होगा कि विदेशी कंपनी संस्थान से विभिन्न तरह की चीजें खरीदेगी और कुछ शोध के साथ उन्हें भारतीय और विदेशी बाजार में उतारेगी.
![national dairy research institute](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/26-11-2023/hr-kar-01-national-milk-day-10001_26112023134131_2611f_1700986291_813.jpg)
इन नई चीजों पर हो रही रिसर्च: इससे राजस्व के साथ संस्थान के छात्रों को सीखने के लिए एक नया प्लेटफार्म मिलेगा. डॉक्टर धीर सिंह ने कहा की एनडीआरआई गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर समर्पित रूप से काम कर रहा है. दूध में मिलावट का पता लगाने वाली किट, दूध की गुणवत्ता बढ़ाने जैसी चीजों पर एनडीआरआई काम कर रहा है.
एनडीआरआई पहले ही 124 प्रौद्योगिकियों का व्यावसायीकरण कर चुका है और 47 आविष्कारों का पेटेंट करा चुका है. उन्होंने कहा कि एनडीआरआई का उद्देश्य डेयरी छात्रों को इस तरह से प्रशिक्षित करना है कि वे नौकरी ढूंढने वाले के बजाय नौकरी प्रदाता बनें. एनडीआरआई से पासआउट छात्रों ने मेसर्स सिमरस फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक स्टार्टअप की स्थापना की है.
आज इस स्टार्टअप ने सैप्ट-ग्रेन मिलेट कुकीज़ लॉन्च की है. इन कुकीज़ की खासियत ये है कि ये सात अनाजों से बनी होती है. जिसमें जई, रागी, बाजरा, ज्वार, जौ, चना, साबुत गेहूं शामिल हैं. इसके अलावा संस्थान के छात्रों ने पानीपुरी की तर्ज पर लस्सीपुरी का भी प्रदर्शन किया. जो स्वास्थ्य के लिए ना केवल पूरी तरह फिट है, बल्कि स्वाद में भी दूसरों से बेहतर है.
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