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करनाल: टीकाकरण स्थानों पर लगाए गए पेंपलेट्स में बड़ी गलती, विभाग की लापरवाही आई सामने

टीकाकरण स्थानों पर लगाए गए पेंपलेट्स में बड़ी गलती देखने को मिली जिससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन लोगों को जागरूक करने के लिए कितना सतर्क है.

karnal vaccination pamphlets mistake
टीकाकरण स्थानों पर लगाए गए पेंपलेट्स में बड़ी गलती
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Published : Jan 16, 2021, 10:19 PM IST

करनाल: शनिवार को पूरे भारत में कोरोना वैक्सीन के टीके लगाने के प्रथम चरण की शुरूआत हुई जिसके तहत करनाल में भी पांच स्थानों पर ये टीकाकरण अभियान शुरू किया गया. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगाए गए बड़े-बड़े होर्डिंग और पेंपलेट्स में बड़ी चून देखने को मिली.

टीकाकरण स्थानों पर लगाए गए पेंपलेट्स में जहां सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताना था वहां पर साबुन से हाथ धोने की तस्वीर लगी दिखी और जहां साबुन से हाथ धोने के बारे में बताना था वहां सोशल डिस्टेंसिंग की तस्वीर छपी हुई थी.

अब इतने छोटे से काम में ही जब विभाग से गलती होगी तो प्रदेश की जनता को कैसे जागरूक किया जाएगा. पेंपलेट्स इसलिए लगाए जाते हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके, उन्हें सही और गलत के बारे में बताया जा सके लेकिन प्रशासन की जल्दबाजी की वजह से ऐसी गलतियां कई बार हुई है.

ये भी पढ़ें: कोरोना वैक्सीन के नाम पर हो रही ठगी, जानिए बचने के तरीके?

हालांकि ऐसे पेंपलेट बनवाने का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि लोग जागरूक हो लेकिन इसमें जो सूचना छापी गई है उससे लोगों में जागरूकता कैसे आएगी और साथ ही इन्हें छपवाने के लिए प्रशासन की तरफ से लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं ताकि लोगों को इससे कुछ फायदा मिल सके.

करनाल: शनिवार को पूरे भारत में कोरोना वैक्सीन के टीके लगाने के प्रथम चरण की शुरूआत हुई जिसके तहत करनाल में भी पांच स्थानों पर ये टीकाकरण अभियान शुरू किया गया. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगाए गए बड़े-बड़े होर्डिंग और पेंपलेट्स में बड़ी चून देखने को मिली.

टीकाकरण स्थानों पर लगाए गए पेंपलेट्स में जहां सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताना था वहां पर साबुन से हाथ धोने की तस्वीर लगी दिखी और जहां साबुन से हाथ धोने के बारे में बताना था वहां सोशल डिस्टेंसिंग की तस्वीर छपी हुई थी.

अब इतने छोटे से काम में ही जब विभाग से गलती होगी तो प्रदेश की जनता को कैसे जागरूक किया जाएगा. पेंपलेट्स इसलिए लगाए जाते हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके, उन्हें सही और गलत के बारे में बताया जा सके लेकिन प्रशासन की जल्दबाजी की वजह से ऐसी गलतियां कई बार हुई है.

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हालांकि ऐसे पेंपलेट बनवाने का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि लोग जागरूक हो लेकिन इसमें जो सूचना छापी गई है उससे लोगों में जागरूकता कैसे आएगी और साथ ही इन्हें छपवाने के लिए प्रशासन की तरफ से लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं ताकि लोगों को इससे कुछ फायदा मिल सके.

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