करनाल: अब पल भर में एक टेस्ट से पशुपालक मिलावटी दूध की पहचान कर सकेंगे. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खास किस्म की मल्टी किट बनाई है. जिसकी मदद से दूध में सुक्रोज से लेकर ग्लूकोस, यूरिया, हाइड्रोजन पेरोक्साइड तक की मात्रा का सटीक आंकलन किया जा सकता है.
इस किट ना सिर्फ व्यवसायिक उत्पादन शुरू हो गया है बल्कि अब जल्द ही इसे देशभर में फैले 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्रों पर भी उपलब्ध कराया जाएगा.
कैसे काम करती है किट ?
मिलावट जांचने के लिए टेस्ट ट्यूब का उपयोग किया जाएगा, जिनके जरिए 5 सेकेंड में मिलावट होने या नहीं होने का पता चल जाता है. दूध में मुख्यतः डिटर्जेंट एसिड, गंदे पानी और इसी तरह के दूसरे पदार्थ की मिलावट की जाती है. इनके लिए सुक्रोज, यूरिया, ग्लूकोस, हाइड्रोजन पराक्साइड का प्रयोग होता है. जिन की मात्रा इस प्रक्रिया से जाने जा सकती है.
हर पदार्थ के लिए हैं अलग-अलग रंग
स्ट्रिप बेस्ड कीट को 1 से 5 एमएल दूध में 5 सेकेंड तक डुबोने के बाद 5 से 8 मिनट तक बाहर रखने पर अगर रंग पीला हो जाता है तो डिटर्जेंट की मिलावट है. हर प्रकार के पदार्थ की पॉजिटिव और नेगेटिव जांच के लिए अलग-अलग रंगों का निर्धारण किया गया है.
डेयरी संचालक से लेकर आम लोगों तक को होगा फायदा
किट का फायदा डेयरी संचालक, हलवाई, क्वालिटी कंट्रोल प्रयोगशाला और आम लोग भी उठा सकते हैं. बेहद आसानी से इसका प्रयोग करके दूध की शुद्धता का आंकलन किया जा सकता है, इसीलिए अब लगातार इसका प्रचलन बढ़ रहा है. इस किट का एक और व्यवसायिक उत्पादन हो रहा है तो इसे खरीद पाने में असमर्थ किसानों और पशुपालकों की मदद के लिए अब एक बेहतर अहम कदम उठाया जा रहा है.
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इसके तहत एनडीआरआई की ओर से देश के 700 से अधिक कृषि विज्ञान केंद्रों में ये किट पहुंचाई जाएगी. संस्थान के डेयरी केमिस्ट्री विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजन शर्मा ,डॉ. वाईएस राजपूत और डॉ. विमलेश मान ने इसे बनाया है. दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए बनी इस स्ट्रिप बेस्ड कीट से दूध के विभिन्न पदार्थों की जांच चुटकी में संभव है.