करनाल: एनओसी और अवैध कॉलोनियों में तोड़फोड़ के नाम पर चल रही पैसे (karnal bribery case) की वसूली के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इसे लेकर अब प्रदेश सरकार गंभीर हो गई है. इसी कड़ी में करनाल के सरकारी विभागों में बड़े तबादले किये गए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सरकारी विभागों में एक ही दिन में करीब 168 कर्मचारियों का ट्रांसफर किया गया. सभी तहसीलों और खंड विकास कार्यालय में बदलाव किया गया है.
सरकार ने 39 क्लर्क, 39 पटवारी, 27 ग्राम सचिव, 54 कंप्यूटर ऑपरेटर और 9 कानूनगो के तबादले किये हैं. वहीं ताबड़तोड़ तबादलों से करनाल के सभी सरकारी विभागों में हड़कप मचा है. बता दें कि विजिलेंस ने पिछले दिनों नगर निगम के डीटीपी विक्रम कुमार को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उनके पास से 78 लाख रुपये से अधिक की नकदी व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए थे. मामले में कार्रवाई करते हुए विजिलेंस विभाग की टीम ने 14 मार्च को पूछताछ के आधार पर करनाल के तहसीलदार को भी गिरफ्तार किया था.
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वहीं इसके बाद करनाल पुलिस ने प्रॉपर्टी भ्रष्टाचार के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम करनाल के एसई और उसके असिस्टेंट को भी गिरफ्तार कर लिया था. गौरतलब है कि एसई दीपक किंगर का पहले भी रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद दीपक और उसके पीए को सस्पेंड कर दिया गया था. फिर पुलिस ने 15 मार्च को नगर निगम के SE दीपक किंगर और उसके असिस्टेंट विकास को गिरफ्तार कर लिया.
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