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डॉक्टर ना होने से तड़पता रहा कैदी, सिविल अस्पताल ने भी दे दिया जवाब - haryana

करोड़ों की लागत से बने अस्पताल में लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है. दर्द से तड़पते मरीज को पुलिस वालों एक अस्पताल से लेकर दूसरे अस्पताल घूमते रहे.

स्ट्रेचर पर तड़पता रहा कैदी
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Published : Apr 1, 2019, 1:47 PM IST

करनाल:सीएम सिटी मेंकल्पना चावला अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में आया है. यहां डॉक्टर आम बीमारियों का इलाज नहीं कर पा रहे हैं. आरोप है कि आम बीमारियों के केस के मरीजों को भी चंडीगढ़ और रोहतक पीजीआई रेफर किया जा रहा है.

कैदी को अस्पताल लेकर पहुंचे पुलिसकर्मी ने दी मामले की जानकारी

पुलिस कर्मचारी ने बताया कि यहां पर कोई डॉक्टर नहीं है और ना ही कोई सर्जन है. इस वजह से कैदी मरीज को नागरिक अस्पताल में या पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया हैं. वहीं जब कर्मचारी कैदी मरीज को नागरिक अस्पताल में लेकर गए तो वहां पर उन्होंने कहा कि कल्पना चावला एक बड़ा संस्थान है, इसलिए उन्होंने मरीज को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया है तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते है.

करनाल:सीएम सिटी मेंकल्पना चावला अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में आया है. यहां डॉक्टर आम बीमारियों का इलाज नहीं कर पा रहे हैं. आरोप है कि आम बीमारियों के केस के मरीजों को भी चंडीगढ़ और रोहतक पीजीआई रेफर किया जा रहा है.

कैदी को अस्पताल लेकर पहुंचे पुलिसकर्मी ने दी मामले की जानकारी

पुलिस कर्मचारी ने बताया कि यहां पर कोई डॉक्टर नहीं है और ना ही कोई सर्जन है. इस वजह से कैदी मरीज को नागरिक अस्पताल में या पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया हैं. वहीं जब कर्मचारी कैदी मरीज को नागरिक अस्पताल में लेकर गए तो वहां पर उन्होंने कहा कि कल्पना चावला एक बड़ा संस्थान है, इसलिए उन्होंने मरीज को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया है तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते है.

HAR                             KARNAL
REPORTER                 RAKESH KUMAR SHARMA

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स्टोरी  -   करनाल का कल्पना चावला अस्पताल एक बार फिर आया सुर्खियों में, डॉक्टर नहीं कर रहे आम बीमारियों का इलाज, आम बीमारियों के केस के मरीजों को भी कर देते हैं चंडीगढ़ और रोहतक पीजीआई रेफर ,650 करोड़ रुपए की लागत से बना कल्पना चावला अस्पताल बना सफेद हाथी , कैदी मरीज कैसे स्ट्रेचर पर दर्द से तड़फ़ रहा था लेकिन अस्पताल में डॉक्टर ना होने के  कारण उसको नहीं मिला इलाज , जेल कर्मचारी अस्पताल में कैदी मरीज को लेकर काफी समय तक इधर उधर भटकते रहे ,आम लोगो का कहना ऐसा यहां बहुत बार होता है। 

एंकर  -  करनाल का कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज फिर एक बार सुर्खियों में आया।  करनाल जिला जेल में एक हवालाती को पेट में दर्द होने के कारण जेल के हॉस्पिटल से कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में कॉलेज में लाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उनका ट्रीटमेंट तो किया नहीं और उनको साथ के साथ नागरिक हॉस्पिटल में जाने को कहा। मगर इसके साथ उन्होंने जो पर्ची थी उसके ऊपर  पीजीआई रोहतक जा पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया।  यहां पर मौजूद  डॉक्टर ने कहा कि यहां पर कोई सर्जन ही नहीं है हम यहां इसका इलाज नहीं कर सकते इसलिए इसको यहां से या तो नागरिक अस्पताल लेजाए या पीजीआई चंडीगढ़ । 
 
वीओ  -  पुलिस कर्मचारी ने बताया कि बताया गया कि यहां पर कोई डॉक्टर नहीं है कोई सर्जन नहीं है इसलिए कैदी मरीज को को नागरिक अस्पताल में ले या पीजीआई चंडीगढ़ इसको रेफर किया गया हैं। वहीं कर्मचारी जब इसको नागरिक अस्पताल  में लेकर गए तो वहां पर उन्होंने कह दिया कि कल्पना चावला एक बड़ा संस्थान है उन्होंने इस को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया है तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते है 

 वीओ  -  वहीं कल्पना चावला में मौजूद लोगों से बात की गई तो उनका  यही कहना था कि यहां पर कोई भी किसी तरह की सुविधा नहीं है। कोई भी मरीज जब यहां आता है तो उसको यहां से रेफर कर दिया जाता है।  जानबूज कर यहां के डॉक्टर मरीज का इलाज करने की बजाए चैनिग्ध या  पीजीआई में रेफर कर देते है। यहां किसी तरह की सुविधा नहीं देते।  650 करोड़ से ज्यादा लागत से बनने वाले इस कल्पना चावला अस्पताल के बाद भी जनता को  ठीक ढंग से सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। 

बाईट  -  पुलिस कर्मचारी 
बाईट  -  आम नागरिक 
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