करनाल: पहाड़ों में हो रही लगातार बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है. उत्तर भारत में सर्दी अपने चरम पर है. सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशु भी इस ठंड से प्रभावित हो रहे हैं. बढ़ती ठंड की वजह से दुधारू पशुओं को ज्यादा परेशानी हो रही है. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों ने किसानों और पशुपालकों को सलाह दी कि किस तरह वो बढ़ती सर्दी में अपने पशुओं का रखरखाव कर सकते हैं.
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के निर्देशक डॉक्टर मनमोहन चौहान ने बताया कि सर्दी के मौसम में जहां इंसान प्रभावित होते हैं. इसका असर पशुओं के ऊपर भी खासा पड़ता है, अगर पशुपालक वैज्ञानिक तौर तरीके पशुओं के रखरखाव में अपनाएं, तो सर्दी से वो अपने पशुओं को बचा सकते हैं.
उन्होंने बताया कि पशुपालक पशुओं के खानपान का विशेष ध्यान रखें. गीले चारे में सूखे चारे को मिक्स कर पशुओं को खिलाएं. मिनरल एनिमल फीड दें. इसके साथ शाम के समय ठंड बढ़ जाती है तो ठंड से बचाने के लिए बाड़े को ढकने का इंतजाम करें और समय-समय पर पशु विशेषज्ञों की सलाह भी लेते रहे.
ठंड का ज्यादा प्रकोप दुधारू पशुओं पर पड़ता है. इस वजह से दुधारू पशुओं की संभाल भी ज्यादा करनी पड़ती है. ठंड की वजह से पशुओं के दूध के उत्पादन में भी काफी कमी आई है. पशु बाड़े में कभी-कभी अलाव जलाकर पशुओं को ठंड से बचाया जा रहा है. ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान डेयरी संचालक गुरूपाल ने बताया कि इस बार ठंड से पशुओं को काफी दिक्कतें आ रही हैं.
पशुओं को ठंड से बचाने के लिए क्या करें?
- पशुओं को ठंड से बचाने के लिए टीन के शेड बनाकर उसपर तरपाल लगाएं
- अलाव जलाकर पशुओं को ठंड से बचाया जा सकता है
- पशुओं के नीचे पराली या फिर सूखा बिछाए
- गीले और सूखे चारे को मिक्स कर पशुओं को खिलाए
- पशुओं को गर्म चीजों का आहार खिलाए
- गुनगुना पानी कर पशुओं को दिन में दो बार पिलाएं
डेयरी संचालक गुरुपाल ने बताया कि पशुओं को ठंड लगने का भय बना रहता है. उन्होंने बताया कि ठंड की वजह से दूध में भी कमी आती है. जो भैंस 15 लीटर दूध देती थी अब 10 किलो दूध देने लगी है. यानी दूध उत्पादन में काफी गिरावट आई है. पशुओं को गर्म चीजों का हार देना पड़ता है. सर्दी में गुनगुना पानी कर पशुओं को दिन में कम से कम दो बार पिलाएं. वहीं पशुपालक के दिलावर ने बताया कि पशुओं को ठंड से बचाने के लिए शेड के साथ-साथ शेड पर पराली भी डाली जाती है. जिससे जो ठंड में कोहरे के चलते पानी टपकता है. उससे पराली से बचाव किया जाता है.