ETV Bharat / state

कई दिनों से फ्री हैं करनाल के दोनों टोल, कंपनियों को रोज हो रहा 75 लाख का घाटा

अब जब किसानों ने टोल प्लाजा को फ्री कर दिया है तो टोल प्लाजा कंपनियों को रोजाना लाखों का नुकासन हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक किसान आंदोलन के चलते इन प्राइवेट फर्म को रोजाना करीब 75 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

karnal toll company loss
टोल कंपनियों को रोज हो रहा 75 लाख का घाटा
author img

By

Published : Jan 8, 2021, 1:05 PM IST

करनाल: कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान पिछले 44 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की ओर से बीच-बीच में ट्रैक्टर रैली और टोल फ्री भी कराए जा रहे हैं, ताकि सरकार को चेताया जा सके कि किसान पीछे हटने वाले नहीं है.

बता दें कि पिछले 25 दिसबंर से किसानों ने ज्यादातर टोल प्लाजा को फ्री करा दिया है. जिस वजह से प्राइवेट कंपनियों को रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है. अगर बात करनाल जिले की करें को करनाल जिले में दो टोल प्लाजा बनाए गए हैं. पहला टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बसताड़ा गांव के पास बनाया गया है, जबकि दूसरा टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग 709 ए गांव प्योंत के पास बनाया गया है.

कई दिनों से फ्री हैं करनाल के दोनों टोल, कंपनियों को रोज हो रहा 75 लाख का घाटा

टोल प्लाजा कंपनियों को रोज हो रहा लाखों का नुकसान

ये दोनों टोल प्लाजा पहले एनएचएआई के अंतर्गत आते थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों पहले इन्हें प्राइवेट फर्म को दिया गया. अब जब किसानों ने टोल प्लाजा को फ्री कर दिया है तो इन दो प्राइवेट फर्म्स को भी रोजाना लाखों का नुकासन हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक किसान आंदोलन के चलते इन प्राइवेट फर्म को रोजाना करीब 75 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़िए: बर्ड फ्लू को लेकर हिसार में अलर्ट, विदेशी पक्षियों की निगरानी के लिए 3 टीमें गठित

वहीं दूसरी तरफ किसानों का भी कहना है कि जब तक सरकार उनकी बात नहीं मानती और तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तबतक उनका ये आंदोलन जारी रहेगा.

करनाल: कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान पिछले 44 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की ओर से बीच-बीच में ट्रैक्टर रैली और टोल फ्री भी कराए जा रहे हैं, ताकि सरकार को चेताया जा सके कि किसान पीछे हटने वाले नहीं है.

बता दें कि पिछले 25 दिसबंर से किसानों ने ज्यादातर टोल प्लाजा को फ्री करा दिया है. जिस वजह से प्राइवेट कंपनियों को रोजाना लाखों का नुकसान हो रहा है. अगर बात करनाल जिले की करें को करनाल जिले में दो टोल प्लाजा बनाए गए हैं. पहला टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बसताड़ा गांव के पास बनाया गया है, जबकि दूसरा टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग 709 ए गांव प्योंत के पास बनाया गया है.

कई दिनों से फ्री हैं करनाल के दोनों टोल, कंपनियों को रोज हो रहा 75 लाख का घाटा

टोल प्लाजा कंपनियों को रोज हो रहा लाखों का नुकसान

ये दोनों टोल प्लाजा पहले एनएचएआई के अंतर्गत आते थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों पहले इन्हें प्राइवेट फर्म को दिया गया. अब जब किसानों ने टोल प्लाजा को फ्री कर दिया है तो इन दो प्राइवेट फर्म्स को भी रोजाना लाखों का नुकासन हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक किसान आंदोलन के चलते इन प्राइवेट फर्म को रोजाना करीब 75 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़िए: बर्ड फ्लू को लेकर हिसार में अलर्ट, विदेशी पक्षियों की निगरानी के लिए 3 टीमें गठित

वहीं दूसरी तरफ किसानों का भी कहना है कि जब तक सरकार उनकी बात नहीं मानती और तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तबतक उनका ये आंदोलन जारी रहेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.