करनाल: आजादी के बाद से जिस प्रकार से करनाल में औद्योगीकरण हुआ और शहरों में तेजी से जनसंख्या का दबाव बढ़ा, उसे गांवों में पलायन रोकने को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य आर्थिक सामाजिक और भौतिक सुविधाओं की व्यवस्था करके ऐसे ग्रामीण क्षेत्र का विकास करना है.
पांच साल में बनेंगे रूर्बन क्लस्टर
जहां शहरी सुविधाओं के साथ ही रोजगार भी पनप सके. मिशन के अगले 5 सालों में 300 रूर्बन क्लस्टर बनाने का उद्देश्य रखा है. प्रस्तावित अपेक्षित सुविधाओं के साथ इन क्लस्टर को तैयार किया जाएगा. अनिवार्य रूप से शहरी मानी जाने वाली सुविधाओं से समझौता किए बिना समता और समावेशन पर जोर देते हुए ग्रामीण जनजीवन के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए गांव के क्लस्टर का रूर्बन गांव के रूप में विकसित करना है.
लोगों को विकसित करना है उद्देश्य
राष्ट्रीय रूर्बन मिशन का उद्देश्य स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना है. आधारभूत सेवाओं में वृद्धि करना, सुव्यवस्थित रूर्बन क्लस्टरों का सृजन करना. इस मिशन के तहत करनाल जिले में बल्ला क्लस्टर को शहरी तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत गोली सालवन फफड़ाना मानपुरा सहित आसपास के गांव इसमें शामिल किए गए हैं.
इन-इन क्षेत्रों में होगा विकास
जिला के अतिरिक्त उपायुक्त अनीश यादव का कहना है कि इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण शहरी अंतर अर्थात आर्थिक, प्रौद्योगिकीय एवं सुविधाओं तथा सेवाओं से जुड़े अंतर को समाप्त करना, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी समाप्त करने पर बल देते हुए स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का प्रसार करना और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करना है.
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103 करोड़ रुपये से चमकेगी 6 गांव की किस्मत
उन्होंने कहा कि करनाल जिले में रूर्बन मिशन के तहत 103 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है. इस विषय से इन गांवों में सीवरेज की सफाई, सोलर ऊर्जा, गलियां, व्यायामशाला, तलाब अपग्रेड और कम्युनिटी सेंटर का निर्माण किया जाना है. अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि इस योजना को करनाल में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे.