करनाल: हरियाणा में इस बार मानसून (Monsoon in Haryana) थोड़ा देर से आया है. मानसून में हुई देरी का सीधा असर धान और अन्य फसलों की बिजाई (Paddy crop delayed monsoon) पर दिखाई देने लगा है. बारिश नहीं होने से तापमान में बढ़ोतरी हुई है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक किसानों को बरसात के लिए करीब एक सप्ताह का इंतजार और करना पड़ सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक पश्चिमी हवाओं के कारण मानसून पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रुका हुआ है.
मानसून के लेट होने का सीधा असर कृषि क्षेत्र पर होगा. बारिश नहीं होने की वजह से धान की रोपाई पर ब्रेक (Paddy crop delayed monsoon) लगा है. सिंचाई के लिए बिजली की खपत भी लगातार बढ़ रही है. हरियाणा में इन दिनों धान और खरीफ की फसलों की बिजाई चल रही है, लेकिन सिंचाई के पर्याप्त जल आपूर्ति नहीं होने की वजह से रोपाई पिछड़ रही है. विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में करीब 10 लाख हेक्टेयर में धान की बिजाई होनी है.
जिसमें से भी तक केवल 55 से 60 फीसदी धान की रोपाई हो पाई है. बारिश नहीं होने की वजह से बिजली की खपत भी बढ़ रही है. किसान ट्यूबवैल के जरिए खेतों में पानी की आपूर्ति कर रहे हैं. हरियाणा में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच चुका है. फिलहाल लोगों को इस भीषण गर्मी से निजात मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बरसात के लिए हरियाणा को अभी 8 से 10 दिनों का इंतजार और करना पड़ेगा.